बिलासपुर: निलंबित आईपीएस जीपी सिंह की जमानत याचिका पर गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एन वी रमन्ना और कृष्णमुरारी की बेंच में सीनियर आईपीएस जीपी सिंह की अंतरिम जमानत याचिका पर सुनवाई हुई. इस सुनवाई में जीपी सिंह की याचिका स्वीकार करते हुए छत्तीसगढ़ शासन को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है. इस मामले की पैरवी सुप्रीम कोर्ट के सीनियर अधिवक्ता कपिल सिब्बल और उनके साथी अधिवक्ता आशुतोष पाण्डेय, अभिनव श्रीवास्तव, हिमांशु सिन्हा ने की. अधिवक्ताओं ने न्यायालय को बताया कि जीपी सिंह पिछले 70 दिनों से न्यायिक हिरासत में हैं. इस मामले की विवेचना पूरी हो गई है. ऐसी स्थिति में उन्हें जमानत का लाभ दिया जाना चाहिए.
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EOW की टीम ने एडीजी जीपी सिंह को 11 जनवरी को नोएडा से गिरफ्तार किया था. 7 दिन की पुलिस रिमांड के बाद 18 जनवरी को उन्हें विशेष अदालत में पेश किया गया, जहां से 14 दिन की न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया. इस दौरान कोर्ट ने उनकी जमानत खारिज कर दी थी. निचली अदालत से जमानत अर्जी खारिज होने के बाद उनके वकील आशुतोष पांडेय ने हाईकोर्ट में जमानत याचिका पेश की थी. याचिका में कहा गया है कि EOW की जांच पूरी हो गई है. आय से अधिक संपत्ति मामले में उन्हें अपनी संपत्ति का ब्यौरा प्रस्तुत करने के लिए मौका नहीं दिया गया है. संपत्ति का डिटेल देने उन्हें जेल से बाहर आना जरूरी है. इस मामले में सुनवाई के बाद हाईकोर्ट से जीपी सिंह की जमानत याचिका खारिज हो गई थी. जिसके बाद जीपी सिंह ने वकीलों के माध्यम से सुप्रीम कोर्ट में जमानत याचिका लगाई थी.