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जीनोम सीक्वेंसिंग टेस्ट सेंटर की याचिका पर छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में सुनवाई

petition for Genome Sequencing Test Center bilaspur: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने प्रदेश में जीनोम सीक्वेंसिंग टेस्ट सेंटर की याचिका पर सुनवाई करते हुए अगली सुनवाई के लिए 2 हफ्ते का समय दिया है.

petition for Genome Sequencing Test Center bilaspur
जीनोम सीक्वेंसिंग टेस्ट सेंटर की याचिका पर छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में सुनवाई
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Published : Mar 4, 2022, 11:10 AM IST

Updated : Mar 4, 2022, 12:25 PM IST

बिलासपुर: सिम्स मेडिकल कॉलेज में जीनोम सीक्वेंसिंग टेस्ट सेंटर (Genome Sequencing Test Center at Sims Medical College) लगाने की मांग को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार से शपथ पत्र पर लिखित जवाब मांगा है. इसके लिए कोर्ट ने सुनवाई 2 सप्ताह आगे बढ़ा दी है.

बिलासपुर सिम्स में बच्चों की मौत का सिलसिला जारी, प्रबंधन मामले को दबाने में जुटा

याचिकाकर्ता प्रह्लाद कश्यप ने छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में सीनियर वकील किशोर भादुड़ी (Senior Advocate Kishor Bhaduri in Chhattisgarh High Court) और राकेश दुबे के माध्यम से जनहित याचिका दायर की. याचिका में छत्तीसगढ़ के उत्तरी भाग के 11 जिलों के लिए और दक्षिण के 17 जिलों के लिए एक-एक जीनोम सीक्वेंसिंग टेस्ट सेंटर स्थापित किये जाने की मांग की गई. इस मामले में हाईकोर्ट ने पिछली सुनवाई में केंद्र और राज्य शासन को नोटिस दिया था. गुरुवार को हुई सुनवाई में केंद्र के वकील ने बताया कि रायपुर एम्स अस्पताल में इसके लिए काम चल रहा है. इस पर चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच ने कहा कि मौखिक नहीं बल्कि लिखित में जानकारी दें. शपथ पत्र पर 2 सप्ताह के भीतर जवाब देने के निर्देश कोर्ट ने दिए हैं.

छत्तीसगढ़ में जीनोम सीक्वेंसिंग टेस्ट सेंटर नहीं

लगभग हर राज्य में जीनोम सीक्वेंसिंग टेस्ट सेंटर है. लेकिन छत्तीसगढ़ और एकाध राज्य को छोड़कर बाकी सभी राज्यों में जीनोम सीक्वेंसिंग टेस्ट सेंटर बनाए गए हैं. इनमें पुणे में 7, बेंगलुरु में 5, मध्यप्रदेश में 2, ओडिशा में 3 टेस्ट सेंटर हैं. याचिका में कहा गया है कि कोरोना महामारी के इस दौर में इतने आवश्यक टेस्ट सेंटर की जरूरत को देखते हुए प्रदेश के सभी राजनीतिक दलों के नेता, समाज के सभी प्रभावित लोगों को दलगत राजनीति और व्यक्तिगत नफा-नुकसान को भूलकर केंद्र और राज्य सरकार से इस दिशा में जल्द ही कार्रवाई करने की मांग करनी चाहिए ताकि कोरोनावायरस की अलग-अलग लहर से बचने का प्रबंध समय रहते किया जा सके.

बिलासपुर: सिम्स मेडिकल कॉलेज में जीनोम सीक्वेंसिंग टेस्ट सेंटर (Genome Sequencing Test Center at Sims Medical College) लगाने की मांग को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार से शपथ पत्र पर लिखित जवाब मांगा है. इसके लिए कोर्ट ने सुनवाई 2 सप्ताह आगे बढ़ा दी है.

बिलासपुर सिम्स में बच्चों की मौत का सिलसिला जारी, प्रबंधन मामले को दबाने में जुटा

याचिकाकर्ता प्रह्लाद कश्यप ने छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में सीनियर वकील किशोर भादुड़ी (Senior Advocate Kishor Bhaduri in Chhattisgarh High Court) और राकेश दुबे के माध्यम से जनहित याचिका दायर की. याचिका में छत्तीसगढ़ के उत्तरी भाग के 11 जिलों के लिए और दक्षिण के 17 जिलों के लिए एक-एक जीनोम सीक्वेंसिंग टेस्ट सेंटर स्थापित किये जाने की मांग की गई. इस मामले में हाईकोर्ट ने पिछली सुनवाई में केंद्र और राज्य शासन को नोटिस दिया था. गुरुवार को हुई सुनवाई में केंद्र के वकील ने बताया कि रायपुर एम्स अस्पताल में इसके लिए काम चल रहा है. इस पर चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच ने कहा कि मौखिक नहीं बल्कि लिखित में जानकारी दें. शपथ पत्र पर 2 सप्ताह के भीतर जवाब देने के निर्देश कोर्ट ने दिए हैं.

छत्तीसगढ़ में जीनोम सीक्वेंसिंग टेस्ट सेंटर नहीं

लगभग हर राज्य में जीनोम सीक्वेंसिंग टेस्ट सेंटर है. लेकिन छत्तीसगढ़ और एकाध राज्य को छोड़कर बाकी सभी राज्यों में जीनोम सीक्वेंसिंग टेस्ट सेंटर बनाए गए हैं. इनमें पुणे में 7, बेंगलुरु में 5, मध्यप्रदेश में 2, ओडिशा में 3 टेस्ट सेंटर हैं. याचिका में कहा गया है कि कोरोना महामारी के इस दौर में इतने आवश्यक टेस्ट सेंटर की जरूरत को देखते हुए प्रदेश के सभी राजनीतिक दलों के नेता, समाज के सभी प्रभावित लोगों को दलगत राजनीति और व्यक्तिगत नफा-नुकसान को भूलकर केंद्र और राज्य सरकार से इस दिशा में जल्द ही कार्रवाई करने की मांग करनी चाहिए ताकि कोरोनावायरस की अलग-अलग लहर से बचने का प्रबंध समय रहते किया जा सके.

Last Updated : Mar 4, 2022, 12:25 PM IST

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