गौरेला-पेंड्रा-मरवाहीः मरवाही विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस के प्रत्याशी बनने की मंशा से भाजपा के वरिष्ठ नेता और मरवाही के पूर्व विधायक पहलवान सिंह ने कांग्रेस का दोबारा दामन थामा.
भाजपा से कांग्रेस में उन्हें शामिल कराने की अटकलों पर गुरुवार की देर शाम विराम लग गया. जब कांग्रेस भवन रायपुर में भाजपा के नेता और पूर्व विधायक पहलवान सिंह ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के सामने कांग्रेस में शामिल हुए. कांग्रेस प्रवेश के बाद मरवाही लौटे पूर्व विधायक पहलवान सिंह ने मीडिया से बातचीत में कहा कि मरवाही में कोई भी बाहरी आयातित नेता चुनाव में नहीं टिक सकता. मुझे उम्मीद है कि मेरी योग्यता और अनुभव के आधार पर कांग्रेस मुझे मरवाही में होने वाले उपचुनाव में प्रत्याशी बनाती है, तो कांग्रेस इस बार मरवाही उपचुनाव जीतकर दिखाएगी.
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2008 में थामा था भाजपा का दामन
1998 में शिक्षकीय सेवा से त्यागपत्र देकर कांग्रेस के टिकट पर मरवाही के विधायक बने पहलवान सिंह मरावी ने साल 2008 में भाजपा का दामन थाम लिया था. भाजपा में रहते हुए उन्होंने कई बार भाजपा से प्रत्याशी बनने की कोशिश की लेकिन भाजपा ने उन्हें कभी भी अपना प्रत्याशी नहीं बनाया. वहां उन्हें निराशा ही हाथ लगी.
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नेताओं में पार्टियां बदलने की लगी होड़ !
बता दें कि मरवाही में अब विधानसभा उपचुनाव होने को है. ऐसे में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है. नेताओं का एक पार्टी से दूसरी पार्टी में प्रवेश करने का सिलसिला भी जारी है. इससे पहले दिवंगत पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के करीबी और मरवाही क्षेत्र के सक्रिय नेता कहे जाने वाले ज्ञानेंद्र उपाध्याय ने भी कांग्रेस में फिर से एंट्री कर ली है.