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लुण्ड्रा के पुरकेला और लमगांव में आकार ले रही भूपेश सरकार की हाईटेक गौठान योजना, देखें वीडियो - cg news

पुरकेला के 10 एकड़ पंचायत भूमि पर 25.70 लाख की लागत से मवेशियों के लिए गौठान बनाई जा रही है, जहां गांव के सभी मवेशियों को चारागाह, पानी, आहार, चरवाहा और उपचार की व्यवस्था उपलब्ध कराई जायेगी.

हाईटेक गौठान का निर्माण
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Published : Apr 7, 2019, 11:55 PM IST

अंबिकापुर : कांग्रेस की सरकार इन दिनों पूरे छत्तीसगढ़ में नरवा, गरवा, घुरुवा और बारी जैसी महत्वाकांक्षी योजना को क्रियान्वयन करने में लगी हुई है. किसानों के लिए यह योजना वरदान साबित हो सकती है.

हाईटेक गौठान का निर्माण

बता दें कि इस योजना के तहत विकासखंड लुण्ड्रा में सर्वप्रथम चयनित ग्रामों में पुरकेला और लमगांव को हाईटेक गौठान के रूप में विकसित किया जा रहा है. पुरकेला के 10 एकड़ पंचायत भूमि पर 25.70 लाख की लागत से मवेशियों के लिए गौठान बनाई जा रही है, जहां गांव के सभी मवेशियों को चारागाह, पानी, आहार, चरवाहा और उपचार की व्यवस्था उपलब्ध कराई जायेगी. इसकी निगरानी 15 चरवाहा सहित चार स्वयं सहायता समूह की महिलाएं करेंगी.

चारागाह में मिलेंगी ये सुविधाएं
चारागाह में कुछ इस तरह की व्यवस्था भी बनाई जा रही है कि पंचायत के प्रत्येक ग्रामीण को एक दिन में एक रुपया बतौर देखभाल शुल्क के रूप में देना होगा. यदि गांव का कोई भी मवेशी बीमार पड़ता है या उसे चोट लगती है तो उसका निःशुल्क इलाज करवाया जाएगा. इसके लिए 5 से 6 दिन ग्राम पंचायत में डॉक्टर की उपलब्धता सुनिश्चित होगी.

रमन ने कसा था तंज
बता दें कि छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने अपने अंबिकापुर प्रवास के दौरान पत्रकारों से चर्चा में सरकार की इस योजना पर चुटकी लेते हुए भूपेश पर तंज कसा था. रमन सिंह ने कहा कि था कि भूपेश सरकार इन चार कामों के अलावा कुछ नहीं जानती. जब मैं भूपेश बघेल से सदन में पूछा कि नरवा, गरवा, घुरुवा और बारी, एकर बर पइसा है संगवारी. उन्होंने कहा कि नरवा, गरवा, घुरुवा और बारी तो ग्रामीणों के पास पहले से मौजूद था, लेकिन मौजूदा सरकार इसे हाईटेक बनाने में लगी हुई है.

अंबिकापुर : कांग्रेस की सरकार इन दिनों पूरे छत्तीसगढ़ में नरवा, गरवा, घुरुवा और बारी जैसी महत्वाकांक्षी योजना को क्रियान्वयन करने में लगी हुई है. किसानों के लिए यह योजना वरदान साबित हो सकती है.

हाईटेक गौठान का निर्माण

बता दें कि इस योजना के तहत विकासखंड लुण्ड्रा में सर्वप्रथम चयनित ग्रामों में पुरकेला और लमगांव को हाईटेक गौठान के रूप में विकसित किया जा रहा है. पुरकेला के 10 एकड़ पंचायत भूमि पर 25.70 लाख की लागत से मवेशियों के लिए गौठान बनाई जा रही है, जहां गांव के सभी मवेशियों को चारागाह, पानी, आहार, चरवाहा और उपचार की व्यवस्था उपलब्ध कराई जायेगी. इसकी निगरानी 15 चरवाहा सहित चार स्वयं सहायता समूह की महिलाएं करेंगी.

चारागाह में मिलेंगी ये सुविधाएं
चारागाह में कुछ इस तरह की व्यवस्था भी बनाई जा रही है कि पंचायत के प्रत्येक ग्रामीण को एक दिन में एक रुपया बतौर देखभाल शुल्क के रूप में देना होगा. यदि गांव का कोई भी मवेशी बीमार पड़ता है या उसे चोट लगती है तो उसका निःशुल्क इलाज करवाया जाएगा. इसके लिए 5 से 6 दिन ग्राम पंचायत में डॉक्टर की उपलब्धता सुनिश्चित होगी.

रमन ने कसा था तंज
बता दें कि छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने अपने अंबिकापुर प्रवास के दौरान पत्रकारों से चर्चा में सरकार की इस योजना पर चुटकी लेते हुए भूपेश पर तंज कसा था. रमन सिंह ने कहा कि था कि भूपेश सरकार इन चार कामों के अलावा कुछ नहीं जानती. जब मैं भूपेश बघेल से सदन में पूछा कि नरवा, गरवा, घुरुवा और बारी, एकर बर पइसा है संगवारी. उन्होंने कहा कि नरवा, गरवा, घुरुवा और बारी तो ग्रामीणों के पास पहले से मौजूद था, लेकिन मौजूदा सरकार इसे हाईटेक बनाने में लगी हुई है.

Intro:अम्बिकापुर,

सूबे की सरकार इन दिनों पूरे छत्तीसगढ़ में नरवा, गरुवा घुरवा और बाड़ी जैसी महत्वाकांक्षी योजना को क्रियान्वयन करने में लगी हुई है वही सत्ता विपक्षी दलों भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री ने अपने अम्बिकापुर प्रवास के दौरान पत्रकारों से चर्चा करते समय इस महत्वाकांक्षी योजना नरवा, गरुवा घुरवा और बाड़ी पर चुटकी लेते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर तंज कसा की छत्तीसगढ़ मुख्यमंत्री को इन चार कामो के अलावा कुछ नहीं  जानते है । रमन सिंह ने भुपेश पर निशाना साधते हुए कहा कि जब मैं भुपेश बघेल से सदन में पूछा कि नरवा, गरुवा घुरवा और बाड़ी "एकर बर पइसा है संगवारी"

बहरहाल इन दिनों चर्चा का विषय बनी नरवा, गरुवा घुरवा और बाड़ी योजना के तहत जिले के तमाम पंचायतों में मुख्यमंत्री के निर्देश पर प्रशासनिक अमला इस योजना को अमली जामा पहनाने में लगी हुई है।नरवा, गरुवा घुरवा और बाड़ी तो ग्रामीणों के पास पहले से भी मौजूद था लेकिन मौजूदा सरकार इसे हाईटेक बनाने में लगी हुई है। जिसके तहत

विकासखण्ड लुण्ड्रा अंतर्गत पुरकेला व लमगांव ग्राम पंचायतों में बनाया जा रहा हाईटेक  गौठान । नरवा, गरुवा,घुरवा व बाड़ी योजना के तहत विकासखण्ड लुण्ड्रा में सर्व प्रथम चयनित ग्रामों में पुरकेला व लमगांव को हाईटेक  गौठान के रूप में विकसित किया जा रहा है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार पुरकेला के 10 एकड़ पंचायत  भूमि पे 25.70 लाख की लागत से बनाई जा रही है मवेशियों के लिए गौठान। जहां गांव के सभी मवेशियों को चारागाह , पानी,आहार,चरवाहा ,उपचार,की व्यवस्था उपलब्ध कराई जायेगी । एक पंचायत पर 15 चरवाहा सहित चार स्वयं सहायता समूह की महिलाएं निगरानी करेंगी। चारागाह में कुछ इस तरह की व्यवस्था भी बनाई जा रही है कि पंचायत के प्रत्येक ग्रामीण से पर मवेशी एक दिन में एक रुपया बतौर देखभाल शुल्क के रूप में देना होगा। यदि गांव का कोई भी मवेशी बीमार पड़ता है या उसे चोट लगती है तो उसका निःशुल्क इलाज करवाया जाएगा।जिसके लिए 5 से 6 दिन ग्राम पंचायत में डॉक्टर की उपलब्धता सुनिश्चित होगी।


जिससे ग्रामीणों के बीच अब तक पशुपालन जो बिलुप्त होते जा रहा था । और ग्रामीणों का इस ओर से ध्यान हट रहा था।इस योजना के हाईटेक होने से ग्रामीणों में पशुपालन को लेकर उत्साह बढ़ेगी । साथ ही आदिवासी अंचलों में यह पशुपालन व्यवसाय न्यू का पत्थर साबित हो सकती है यदि यह योजना भ्र्ष्टाचार के भेट न चढ़े तो।Body:अम्बिकापुर,

सूबे की सरकार इन दिनों पूरे छत्तीसगढ़ में नरवा, गरुवा घुरवा और बाड़ी जैसी महत्वाकांक्षी योजना को क्रियान्वयन करने में लगी हुई है वही सत्ता विपक्षी दलों भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री ने अपने अम्बिकापुर प्रवास के दौरान पत्रकारों से चर्चा करते समय इस महत्वाकांक्षी योजना नरवा, गरुवा घुरवा और बाड़ी पर चुटकी लेते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर तंज कसा की छत्तीसगढ़ मुख्यमंत्री को इन चार कामो के अलावा कुछ नहीं  जानते है । रमन सिंह ने भुपेश पर निशाना साधते हुए कहा कि जब मैं भुपेश बघेल से सदन में पूछा कि नरवा, गरुवा घुरवा और बाड़ी "एकर बर पइसा है संगवारी"

बहरहाल इन दिनों चर्चा का विषय बनी नरवा, गरुवा घुरवा और बाड़ी योजना के तहत जिले के तमाम पंचायतों में मुख्यमंत्री के निर्देश पर प्रशासनिक अमला इस योजना को अमली जामा पहनाने में लगी हुई है।नरवा, गरुवा घुरवा और बाड़ी तो ग्रामीणों के पास पहले से भी मौजूद था लेकिन मौजूदा सरकार इसे हाईटेक बनाने में लगी हुई है। जिसके तहत

विकासखण्ड लुण्ड्रा अंतर्गत पुरकेला व लमगांव ग्राम पंचायतों में बनाया जा रहा हाईटेक  गौठान । नरवा, गरुवा,घुरवा व बाड़ी योजना के तहत विकासखण्ड लुण्ड्रा में सर्व प्रथम चयनित ग्रामों में पुरकेला व लमगांव को हाईटेक  गौठान के रूप में विकसित किया जा रहा है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार पुरकेला के 10 एकड़ पंचायत  भूमि पे 25.70 लाख की लागत से बनाई जा रही है मवेशियों के लिए गौठान। जहां गांव के सभी मवेशियों को चारागाह , पानी,आहार,चरवाहा ,उपचार,की व्यवस्था उपलब्ध कराई जायेगी । एक पंचायत पर 15 चरवाहा सहित चार स्वयं सहायता समूह की महिलाएं निगरानी करेंगी। चारागाह में कुछ इस तरह की व्यवस्था भी बनाई जा रही है कि पंचायत के प्रत्येक ग्रामीण से पर मवेशी एक दिन में एक रुपया बतौर देखभाल शुल्क के रूप में देना होगा। यदि गांव का कोई भी मवेशी बीमार पड़ता है या उसे चोट लगती है तो उसका निःशुल्क इलाज करवाया जाएगा।जिसके लिए 5 से 6 दिन ग्राम पंचायत में डॉक्टर की उपलब्धता सुनिश्चित होगी।


जिससे ग्रामीणों के बीच अब तक पशुपालन जो बिलुप्त होते जा रहा था । और ग्रामीणों का इस ओर से ध्यान हट रहा था।इस योजना के हाईटेक होने से ग्रामीणों में पशुपालन को लेकर उत्साह बढ़ेगी । साथ ही आदिवासी अंचलों में यह पशुपालन व्यवसाय न्यू का पत्थर साबित हो सकती है यदि यह योजना भ्र्ष्टाचार के भेट न चढ़े तो।Conclusion:
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