अंबिकापुर : सरगुजा दौरे पर आए छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस जे(Chhattisgarh Janata Congress J) के प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी(Amit Jogi) ने बघेल सरकार पर बड़ा हमला बोला है. ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान उन्होंने लेमरू एलिफेंट प्रोजेक्ट (Lemru Elephant Reserve) में बघेल सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप(Baghel government accused of corruption) लगाया है. अमित ने लेमरू प्रोजेक्ट को प्रदेश के इतिहास का सबसे बड़ा भ्रष्टाचार बताया है, उन्होंने इस प्रोजेक्ट को ABC घोटाला नाम दिया है. ईटीवी भारत ने और भी कई मुद्दों पर अमित जोगी से बात कर उनकी रणनीति जानने की कोशिश की है.
सवाल : लंबे समय के बाद आपके सरगुज़ा दौरे का क्या कारण है?
जवाब : पापा अजीत जोगी(Ajit jogi) के निधन के बाद कोरोना संक्रमण की वजह से सरगुज़ा आना नहीं हो पा रहा था. हाल ही में पार्टी की नई कार्यकारिणी का गठन किया गया है, पदाधिकारियों से मिलने और चर्चा करने के उद्देश्य से सरगुज़ा आना हुआ है.
क्या है लेमरू एलिफेंट प्रोजेक्ट, जिसके खिलाफ कोर्ट जाने वाले हैं अमित जोगी
सवाल : आपकी जाति का मामला क्यों इतना खींच रहा है, क्या लगता है आपको ?
जवाब : जाति ऐसी चीज है जो नहीं जाती है, पिछले 40 साल से ये मामला मेरे पिता जी का पीछा करता रहा. फिर मेरे पीछे रहा अब मेरी पत्नी के पीछे भी लग गया है. मैं ये स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि इसमें न्यायालय ने कोई आदेश नहीं दिया है. भूपेश बघेल जी की सरकार के द्वारा गठित एक कमेटी ने मेरी धर्म पाटने का जाति प्रमाणपत्र रद्द करते हुए ये कहा है कि वो आदिवासी नहीं है. रमन सिंह ने मेरे पिता जी का जाति प्रमाणपत्र रद्द किया था. अदालत ने उसे बहाल कर दिया, भूपेश बघेल ने भी इसे रद्द किया आज भी मामला अदालत में लंबित है. मुझे पूरा विश्वास है कि न्याय मिलेगा, भूपेश बघेल जी बोलते हैं कि, मैं आदिवासी नही हूँ, मेरे पिता जी आदिवासी नही हैं. मेरी पत्नी आदिवासी नही हैं. तो आखिर वो बताएं की मेरी जाति क्या है, आखिर क्या हम मंगल गृह से टपके हैं जो हमारी कोई जाति नहीं है.
सवाल : सरगुज़ा और कोरबा की सीमा पर लेमरू प्रोजेक्ट विवादों में है, आपकी पार्टी का इस मुद्दे पर रुख क्या है ?
जवाब : यह प्रदेश के इतिहास का सबसे बड़ा घोटाला है, इसको मैं ABC डील बोलता हूँ. 14 जून 2019 को छत्तीसगढ़ भवन में मुख्यमंत्री कक्ष के अंदर 2 घंटे बैठकें चली जिसका ऑफीशियल रिकॉर्ड नहीं मिलता. शासकीय अवकाश के दिन वन विभाग का दफ्तर खुला. यहां प्रदेश के सीसीएफ ने एक आदेश जारी किया. जिसमें प्रोजक्ट की भूमि सीमा को 4 हजार स्क्वॉयर फीट किलोमीटर की जगह 4 सौ स्क्वायर फीट किलोमीटर कर दिया गया. पिछले वर्ष 27 अगस्त को कैबिनेट में फैसला हुआ था की लेमरू के फेस वन के विकास के लिये 1 हजार 995 स्क्वॉयर फीट जमीन ,रहेगी और उसके लिए राशि भी स्वीकृत की गई थी. लेकिन अब बैक डोर से कोल ब्लॉक का आबंटन अडानी को दिया जा रहा है. इस क्षेत्र में पेसा कानून की जगह कोल बैरिंग एक्ट लागू किया जा रहा है और ये सब 3 दिन के अंदर किया गया. ऐसा इसलिए क्योंकि 31 जुलाई 2021 तक 6 खदानें अडानी को दे दी जाए वो भी बिल्कुल मुफ्त बिना किसी राशि के. लगभग 4 लाख करोड़ रुपये का हमारे प्रदेश का कोयला ये बिना एक रुपये लगाए ले जाएंगे. कोल ब्लॉक का आबंटन शासकीय कंपनियों को दिया जा रहा है, लेकिन बैक डोर से काम अडानी का होगा. भूपेश बघेल ने भी 2018 में में यह स्वीकारा था, इन्होंने कहा कि 7 विधायकों ने लिखित समर्थन दिया है, जबकि इन विधायकों का लेमरू क्षेत्र से कोई वास्ता नहीं है. सिर्फ टी एस सिंहदेव हैं जिन्होंने 3 बार इनकार किया है की वो इसके पक्ष में नही हैं.
सरगुजा: सिंहदेव ने कलेक्टर को लिखा पत्र, लेमरू एलिफेंट प्रोजेक्ट में शामिल नहीं होना चाहते कई पंचायत
सवाल : कांग्रेस पेसा कानून की पक्षधर रही है और उनके मुख्यमंत्री ऐसा कर रहे है क्या कांग्रेस हाईकमान की नजर इस पर नहीं है.
जवाब : मदनपुर में खुद राहुल गांधी जी आये थे उन्होंने जन चौपाल लगाई और बोले की किसी भी कीमत में मैं लेमरू क्षेत्र में एक भी कोयला खदान नहीं खुलने दूंगा. अमित जोगी ने इस मुद्दे पर कहा कि किसी नेता की बात मानो ना मानो अपने नेता राहुल गांधी की बात तो मान लो. इन्होंने 10 खदान ढाई साल में दे डाली तो अडानी के अच्छे दिन कब आये भूपेश बघेल के समय मे या रमन सिंह के शासन काल के दौरान. यह सोचने वाली बात है.
सवाल : आपकी पार्टी का क्या रुख होगा?
जवाब : इस मामले में छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस जे न्यायालय की शरण मे जायेगी. वहां इस मुद्दे पर अब सरकार से बात होगी.