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धान और मक्का की बिक्री के लिए 31 अक्टूबर तक तहसील कार्यालय में होगा पंजीयन

प्रदेश में धान और मक्का की खेती कर रहे किसानों को इस साल बिक्री के लिए पंजीयन कराने की आवश्यकता नहीं होगी. वहीं नए किसानों को फसल की बिक्री के लिए तहसील कार्यालय में 31 अक्टूबर तक पंजीयन कराना अनिवार्य होगा.

Registration to sell crop
खरीफ फसल बेचने के लिए पंजीयन
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Published : Aug 19, 2020, 5:44 PM IST

बेमेतरा : छत्तीसगढ़ सरकार ने धान और मक्का खरीदी के लिए खरीफ वर्ष 2019-20 में पंजीकृत किसानों को वर्ष 2020-21 के लिए स्वतः मान्य करने का निर्णय लेते हुए निर्देश जारी किया है. जिसके अंतर्गत खरीफ वर्ष 2020-21 में धान और मक्का बेचने के लिए पुराने पंजीकृत किसानों को फिर से पंजीयन कराने समिति में आने की आवश्यकता नहीं है.

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खरीफ फसल बेचने के लिए पंजीयन

पिछले साल पंजीकृत किसानों की दर्ज भूमि, धान और मक्के के रकबे और खसरे को राजस्व विभाग की ओर से मूल्यांकन किया जाएगा. साथ ही नए किसान 17 अगस्त से 31 अक्टूबर तक पंजीयन के लिए आवेदन कर सकते हैं.

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खरीफ फसल बेचने के लिए पंजीयन

नया पंजीयन 31 अक्टूबर तक आवेदन
खरीफ वर्ष 2020-21 में किसान पंजीयन के लिए पिछले वर्ष 2019-20 में पंजीकृत किसानों का डाटा कैरी-फाॅरवर्ड किया जाएगा. धान-मक्का बेचने वाले नए किसान, पंजीयन के लिए संबंधित दस्तावेजों के साथ तहसील कार्यालय में आवेदन कर सकते हैं. पुराने पंजीकृत किसान अपने पंजीयन में संशोधन कराना चाहते हैं, तो समिति माॅड्युल के माध्यम से संशोधन करने की सुविधा प्रदान की जाएगी.

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खरीफ फसल बेचने के लिए पंजीयन

पढ़ें: - SPECIAL: बीजापुर के वनांचलों में नहीं हो रही बच्चों की पढ़ाई, कहीं मोबाइल नहीं, तो कहीं नेटवर्क!

तहसीलदार के जांच के बाद होगा सत्यापन
राज्य शासन के खाद्य विभाग के अनुसार नए किसानों को पंजीयन के लिए समिति से आवेदन प्राप्त कर निर्धारित प्रारूप में आवेदन भरकर संबंधित दस्तावेजों के साथ तहसील कार्यालय में जमा करना होगा. आवेदन में उल्लेखित भूमि, धान-मक्का के रकबे और खसरे का पटवारी की ओर से राजस्व रिकाॅर्ड के अनुसार सत्यापन किया जाएगा. सत्यापन के लिए राजस्व विभाग के भुईयां डाटा बेस का भी उपयोग किया जाएगा. संबंधित रिकाॅर्ड को तहसीलदार के परीक्षण करने के बाद नए किसान का पंजीयन किया जाएगा.

बेमेतरा : छत्तीसगढ़ सरकार ने धान और मक्का खरीदी के लिए खरीफ वर्ष 2019-20 में पंजीकृत किसानों को वर्ष 2020-21 के लिए स्वतः मान्य करने का निर्णय लेते हुए निर्देश जारी किया है. जिसके अंतर्गत खरीफ वर्ष 2020-21 में धान और मक्का बेचने के लिए पुराने पंजीकृत किसानों को फिर से पंजीयन कराने समिति में आने की आवश्यकता नहीं है.

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खरीफ फसल बेचने के लिए पंजीयन

पिछले साल पंजीकृत किसानों की दर्ज भूमि, धान और मक्के के रकबे और खसरे को राजस्व विभाग की ओर से मूल्यांकन किया जाएगा. साथ ही नए किसान 17 अगस्त से 31 अक्टूबर तक पंजीयन के लिए आवेदन कर सकते हैं.

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खरीफ फसल बेचने के लिए पंजीयन

नया पंजीयन 31 अक्टूबर तक आवेदन
खरीफ वर्ष 2020-21 में किसान पंजीयन के लिए पिछले वर्ष 2019-20 में पंजीकृत किसानों का डाटा कैरी-फाॅरवर्ड किया जाएगा. धान-मक्का बेचने वाले नए किसान, पंजीयन के लिए संबंधित दस्तावेजों के साथ तहसील कार्यालय में आवेदन कर सकते हैं. पुराने पंजीकृत किसान अपने पंजीयन में संशोधन कराना चाहते हैं, तो समिति माॅड्युल के माध्यम से संशोधन करने की सुविधा प्रदान की जाएगी.

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तहसीलदार के जांच के बाद होगा सत्यापन
राज्य शासन के खाद्य विभाग के अनुसार नए किसानों को पंजीयन के लिए समिति से आवेदन प्राप्त कर निर्धारित प्रारूप में आवेदन भरकर संबंधित दस्तावेजों के साथ तहसील कार्यालय में जमा करना होगा. आवेदन में उल्लेखित भूमि, धान-मक्का के रकबे और खसरे का पटवारी की ओर से राजस्व रिकाॅर्ड के अनुसार सत्यापन किया जाएगा. सत्यापन के लिए राजस्व विभाग के भुईयां डाटा बेस का भी उपयोग किया जाएगा. संबंधित रिकाॅर्ड को तहसीलदार के परीक्षण करने के बाद नए किसान का पंजीयन किया जाएगा.

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