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बिना शौचालय निर्माण गांव को किया ODF घोषित, कलेक्टर को दिशा निर्देश जारी करे शासन: HC - Contempt petition against collector

छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने ग्राम पंचायत में शौचालय का निर्माण पूरा हुए बिना ODF घोषित करने की अवमानना याचिका पर राज्य शासन को रायगढ़ कलेक्टर को दिशा निर्देश जारी करने को कहा है.

Chhattisgarh highcourt
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट
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Published : Aug 19, 2020, 6:35 PM IST

बिलासपुर : शौचालय का निर्माण पूरा हुए बिना रायगढ़ जिले के तायंग गांव को ODF घोषित कर दिया गया है. इस केस में अवमानना याचिका पर हाईकोर्ट ने राज्य शासन से कहा है कि वो कलेक्टर को दिशा निर्देश जारी करे.

बता दें कि रायगढ़ जिले के खरसिया ब्लॉक के ग्राम पंचायत तायंग निवासी संत राम पटेल BPL हितग्राही हैं, उनके घर में शौचालय नहीं है. इसके लिए उन्होंने ग्राम पंचायत और पंचायत सचिव को आवेदन दिया था. वहीं गांव में बहुत से लोगों के घर पर शौचालय नहीं बने हैं, लेकिन कलेक्टर ने इस पंचायत को ODF यानी खुले में शौचालय मुक्त गांव घोषित कर दिया.

कलेक्टर के खिलाफ अवमानना याचिका दाखिल

कलेक्टर के इस फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसमें उसने शौचालय निर्माण योजना की जांच की मांग की गई थी. हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता को 30 दिन के भीतर अभ्यावेदन (Representation) देने और कलेक्टर को इस पर 4 महीने के भीतर निर्णय करने का निर्देश जनवरी 2020 को जारी किया गया था, लेकिन 8 महीने तक कोई कार्रवाई नहीं होने पर कलेक्टर के खिलाफ अवमानना याचिका दाखिल की गई है.

पढ़ें:- अवैध शराब बेचने के आरोपी का ग्रामीणों ने हुक्का-पानी किया बंद, पुलिस में शिकायत

दिशा-निर्देश जारी करने का आदेश

केस की सुनवाई करते हुए जस्टिस पी. सैम कोशी की सिंगल बेंच ने अतिरिक्त महाधिवक्ता विवेक रंजन तिवारी से कहा कि शासन की ओर से कलेक्टर रायगढ़ को स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किया जाए. वहीं केस में ऑर्डर की एक प्रति सरकारी वकील को भी उपलब्ध कराने का आदेश कोर्ट ने दिया है.

बिलासपुर : शौचालय का निर्माण पूरा हुए बिना रायगढ़ जिले के तायंग गांव को ODF घोषित कर दिया गया है. इस केस में अवमानना याचिका पर हाईकोर्ट ने राज्य शासन से कहा है कि वो कलेक्टर को दिशा निर्देश जारी करे.

बता दें कि रायगढ़ जिले के खरसिया ब्लॉक के ग्राम पंचायत तायंग निवासी संत राम पटेल BPL हितग्राही हैं, उनके घर में शौचालय नहीं है. इसके लिए उन्होंने ग्राम पंचायत और पंचायत सचिव को आवेदन दिया था. वहीं गांव में बहुत से लोगों के घर पर शौचालय नहीं बने हैं, लेकिन कलेक्टर ने इस पंचायत को ODF यानी खुले में शौचालय मुक्त गांव घोषित कर दिया.

कलेक्टर के खिलाफ अवमानना याचिका दाखिल

कलेक्टर के इस फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसमें उसने शौचालय निर्माण योजना की जांच की मांग की गई थी. हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता को 30 दिन के भीतर अभ्यावेदन (Representation) देने और कलेक्टर को इस पर 4 महीने के भीतर निर्णय करने का निर्देश जनवरी 2020 को जारी किया गया था, लेकिन 8 महीने तक कोई कार्रवाई नहीं होने पर कलेक्टर के खिलाफ अवमानना याचिका दाखिल की गई है.

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दिशा-निर्देश जारी करने का आदेश

केस की सुनवाई करते हुए जस्टिस पी. सैम कोशी की सिंगल बेंच ने अतिरिक्त महाधिवक्ता विवेक रंजन तिवारी से कहा कि शासन की ओर से कलेक्टर रायगढ़ को स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किया जाए. वहीं केस में ऑर्डर की एक प्रति सरकारी वकील को भी उपलब्ध कराने का आदेश कोर्ट ने दिया है.

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