रायपुर: कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी 13 अप्रैल को छत्तीसगढ़ पहुंचेंगी. हालांकि प्रियंका गांधी के दौरे को लेकर भाजपा का कहना है कि, "उनके आने जाने से कोई फर्क नहीं पड़ता. कांग्रेस ने जो वादे महिलाओं से किए थे उन्हें पूरा नहीं किया गया है". इस पर कांग्रेस ने भी बराबर जवाब दिया है. कांग्रेसियों ने भाजपा के 15 साल के शासन में जनता से किए गए उनके वादों की लिस्ट गिना दी, जिन्हें पूरा करने में भाजपा की रमन सरकार नाकाम रही. राजनीति के जानकारों के मुताबिक, प्रियंका गांधी के छत्तीसगढ़ आने से कांग्रेस महिला वोटरों को साधने की कोशिश करेगी. साथ ही बस्तर में आदिवासी वोट बैंक का भरोसा भी जुटाने का प्रयास होगा.
प्रियंका गांधी भरोसा सम्मेलन में होंगी शामिल : कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी 13 अप्रैल को छत्तीसगढ़ पहुंच रही हैं. एक दिन के कार्यक्रम के तहत वे बस्तर संभाग जाएंगी और वहां जगदलपुर में आयोजित भरोसा सम्मेलन में शामिल होंगी. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि "प्रियंका गांधी ने 13 तारीख का समय दिया है. जैसा सरागांव में कार्यक्रम किया गया था वैसा ही जगदलपुर में किया जाएगा."
भाजपा बोली-छत्तीसगढ़ की जनता को प्रियंका से नहीं कोई उम्मीद : प्रियंका गांधी के छत्तीसगढ़ दौरे को लेकर भाजपा ने जोरदार हमला बोला है. छत्तीसगढ़ भाजपा के प्रदेश सह प्रभारी नितिन नबीन ने कहा कि "वह छत्तीसगढ़ आएं, दिल्ली जाएं या जापान, उससे कोई फर्क नहीं पड़ता है. क्योंकि वह कांग्रेसी युवराज को राजा बनाने में लगी हुई हैं. जिस तरीके से दारू बेची जा रही है, उससे छत्तीसगढ़ की माता बहनें दुखी हैं. प्रदेश में शराबबंदी की बात कही गई थी. जिस गंगाजल को लेकर कसमें खाई गई थी. उसको भी अपवित्र किया है. इसलिए छत्तीसगढ़ की जनता को प्रियंका से कोई उम्मीद नहीं है."
"भाजपा की गाय का आज भी है इंतजार": भाजपा नेता नितिन नबीन के प्रियंका गांधी को लेकर दिए गए बयान पर स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने पलटवार किया है. टीएस सिंहदेव ने कही कि "प्रियंका गांधी आ रही हैं. वे सभी से चर्चा करेंगी. इस तरह की बातें होती रहती हैं." घोषणापत्र के वादे पूरे न करने के भाजपा के आरोप पर कहा कि "हम लोग जर्सी गाय का आज भी इंतजार कर रहे हैं. भाजपा ने जिस बोनस की बात की थी, उसको भी हमने देखा है. शिक्षाकर्मियों को रेगुलर करने को लेकर भाजपा की रमन सरकार ने कहा था कि, मुख्यमंत्री बनने के 1 हफ्ते के अंदर कर देंगे. बहुत सारी चीजें नहीं हुई हैं. हम लोगों ने अपने जनघोषणा पत्र में जिन बातों को रखा था, ज्यादातर को हम लोगों ने पूरा किया है. स्वाभाविक है कि इतने बड़े घोषणापत्र की सूची में कुछ बातें छूटी हुई हों, जिसको पूरा करने का प्रयास हमेशा रहता है."
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आदिवासी और महिला वोटरों को साधने की कवायद: प्रदेश की राजनीति के जानकार और वरिष्ठ पत्रकार रामअवतार तिवारी का कहना है कि "प्रियंका गांधी का बस्तर दौरा छत्तीसगढ़ की राजनीति में काफी महत्वपूर्ण है. कुछ ही दिनों के अंदर प्रियंका गांधी का यह छत्तीसगढ़ में दूसरा दौरा है. बस्तर आदिवासी बहुल क्षेत्र है, जहां वे महिलाओं के सम्मेलन में शामिल होंगी. इस तरह प्रियंका गांधी के बस्तर दौरे से, जहां एक ओर महिला वोटरों को साधने की कोशिश होगी, वहीं दूसरी और आदिवासी वोट बैंक को हासिल करने की भी कवायद होगी. भाजपा के बयानों पर रामावतार तिवारी का कहना है कि "राजनीतिक दल अपने-अपने तरीके से नेताओं के आने जाने को लेकर प्रतिक्रिया देते हैं. जब भी कोई राजनीतिक दल का बड़ा नेता कहीं जाता है तो, उसका असर उसकी पार्टी पर देखने को मिलता है. भले ही दूसरे दल इसे माने या न मानें.