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राजीव गांधी के हत्यारे से गर्मजोशी से मिले तमिलनाडु के सीएम, कांग्रेस असहज

पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी का हत्यारा पेरारिवलन बुधवार को जेल से रिहा हो गया. जेल से छूटते ही उसने सबसे पहले तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन से मुलाकात की. वह अपने परिवार संग सीएम से मिला. उसने उनका धन्यवाद भी किया. कांग्रेस पार्टी ने पेरारिवलन की रिहाई पर अफसोस जताया है. हालांकि, कांग्रेस और डीएमके सहयोगी पार्टियां हैं.

पेरारिवलन की रिहाई
पेरारिवलन की रिहाई
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Published : May 18, 2022, 9:50 PM IST

जोलारपेट्टई : पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के जुर्म में उम्रकैद की सजा काट रहे ए. जी. पेरारिवलन ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट से अपनी रिहाई का आदेश मिलने के बाद उसने तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन से मुलाकात की. मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने न सिर्फ उनका गर्मजोशी से स्वागत किया बल्कि उसकी रिहाई पर अपनी खुशी भी जाहिर की. स्टालिन ने अर्पुथम्माल से भी फोन पर बात की. बाद में पेरारिवलन, उसकी मां और अन्य लोगों ने मुख्यमंत्री से मुलाकात की. वहीं, पेरारिवलन ने कहा कि उसका दृढ़ विश्वास है कि मृत्युदंड की कोई आवश्यकता नहीं है. वह अब अपने भविष्य के बारे में सोचने से पहले 'आजादी की खुली हवा' में सांस लेना चाहता है. उसने अपनी रिहाई का जश्न मनाने के लिए प्राचीन तमिल वाद्य यंत्र 'पराई' बजाया. शीर्ष अदालत द्वारा उसे रिहा किए जाने से उसके परिवार, रिश्तेदार और कई तमिल संगठन बेहद खुश हैं.

जेल से छूटते ही तमिलनाडु के सीएम से मिला राजीव गांधी का हत्यारा

कांग्रेस और भाजपा को छोड़कर सत्तारूढ़ द्रमुक तथा विपक्षी अन्नाद्रमुक सहित राजनीतिक दलों ने पूरे दिल से फैसले का स्वागत किया. वहीं, कांग्रेस ने हिंसा के खिलाफ गुरुवार को विरोध प्रदर्शन करने की घोषणा की. तमिलनाडु कांग्रेस कमेटी (TNCC) के अध्यक्ष के एस अलागिरि ने कहा कि हम उच्चतम न्यायालय के फैसले की आलोचना नहीं करना चाहते हैं, लेकिन हम पुष्टि करना चाहते हैं कि वे (सात दोषी) हत्यारे हैं और निर्दोष नहीं हैं.

बता दें कि वर्ष 1991 में तमिलनाडु के श्रीपेरंबदूर में एक चुनावी सभा में लिट्टे ने आत्मघाती हमले में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या कर दी थी. पेरारिवलन पर गांधी की हत्या में इस्तेमाल किए गए बम के लिए बैटरी खरीदने का आरोप लगाया गया था. उसे जब गिरफ्तार किया गया था तब वह 19 साल का था. गौरतलब है कि पेरारिवलन को पहले चेन्नई की एक विशेष अदालत द्वारा मौत की सजा सुनाई गई थी, जिसे बाद में आजीवन कारावास में बदल दिया गया था. पेरारिवलन ने कहा कि वह अपने भविष्य के बारे में सोचने से पहले आजादी की हवा में सांस लेना चाहता है.

पत्रकारों ने पूछा कि एक आजाद पंछी के रूप में कैसा लग रहा है, और भविष्य की योजनाएं क्या हैं? इस पर पेरारिवलन ने कहा, 'मैं अभी बाहर आया हूं. कानूनी लड़ाई को 31 साल हो गए हैं. मुझे थोड़ी सांस लेनी है. मुझे कुछ समय दें.' तीन दशक तक जेल में रहे पेरारिवलन ने कहा, 'मैं स्पष्ट रूप से मानता हूं कि मृत्युदंड की कोई आवश्यकता नहीं है. केवल दया के लिए नहीं, बल्कि उच्चतम न्यायालय के प्रधान न्यायाधीशों सहित कई न्यायाधीशों ने ऐसा कहा है और कई उदाहरण भी हैं. हर कोई इंसान है.'

पेरारिवलन की मां अर्पुथम्माल ने भावुक होकर अपने बेटे की 31 साल की लड़ाई को याद करते हुए कहा, 'कई अनजान लोगों ने हमारा समर्थन किया है. मैं बहुत से लोगों को नहीं जानती. मैं उन सभी को धन्यवाद देती हूं.' पेरारिवलन ने बाद में अपनी रिहाई का जश्न मनाने के एक स्पष्ट संकेत में एक प्राचीन तमिल वाद्य यंत्र 'पराई' बजाया. उच्चतम न्यायालय के फैसले का स्वागत करते हुए तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने कहा कि इसे न्याय-कानून-राजनीतिक-प्रशासनिक इतिहास में जगह मिल सकती है. उन्होंने याद किया कि राज्य ने उच्चतम न्यायालय के समक्ष पेरारिवलन की याचिका पर अदालत में दृढ़ तर्क रखे थे.

पढ़ें : पेरारिवलन की रिहाई को लेकर परिजनों की खुशी सातवें आसमान पर, CM ने की फैसले की सराहना

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से पूछा- क्यों ना राजीव गांधी की हत्या के दोषी एजी पेरारिवलन को रिहा कर दिया जाए!

स्टालिन ने कहा कि मामले का नतीजा राज्य के अधिकारों को स्थापित करने के तमिलनाडु सरकार के प्रयासों को दर्शाता है, क्योंकि यह स्पष्ट करता है कि केवल राज्य सरकार ही इस मामले पर फैसला कर सकती है और राज्यपाल इसके फैसले का समर्थन कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि हालांकि अन्नाद्रमुक सरकार ने 2018 में तत्कालीन राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित को मामले के सात दोषियों-मुरुगन, संथन, पेरारिवलन, जयकुमार, रॉबर्ट पायस, जयचंद्रन और नलिनी को रिहा करने की सिफारिश की थी, लेकिन इस मामले पर कोई निर्णय नहीं लिया गया था.

बाद में, पत्रकारों से उन्होंने कहा कि द्रमुक ने 2021 के राज्य विधानसभा चुनाव से पहले अपने चुनावी घोषणापत्र में उल्लेख किया था कि वह सात दोषियों की रिहाई के लिए प्रयास करेगी. उन्होंने कहा कि पेरारिवलन को मानवीय आधार पर और मानवाधिकारों के आधार पर रिहा किया गया है, जिसका स्वागत है. स्टालिन ने कहा, 'हालांकि देरी हुई, लेकिन यह एक ऐतिहासिक फैसला है.'

मुख्यमंत्री ने कहा कि अन्य छह दोषियों के संबंध में, सरकार आज के मामले में फैसले के विवरण को देखने के बाद उनकी रिहाई पर कानूनी विशेषज्ञों के साथ चर्चा करेगी. वहीं, विपक्षी अन्नाद्रमुक ने कहा कि पेरारिवलन की रिहाई दिवंगत मुख्यमंत्री जयललिता के धैर्य, दूरदर्शिता और कानूनी कौशल का परिणाम है. पार्टी समन्वयक ओ पनीरसेल्वम और संयुक्त समन्वयक के. पलानीस्वामी ने एक बयान में कहा कि पेरारिवलन और छह अन्य की रिहाई के लिए जयललिता द्वारा किए गए प्रयास और उनके द्वारा बताई गई कानूनी बारीकियां कम नहीं थीं. उन्होंने कहा, '30 साल जेल में रहने के बाद पेरारिवलन को उच्चतम न्यायालय द्वारा रिहा किए जाने से अन्नाद्रमुक को खुशी, संतुष्टि और राहत मिली है.'

अन्नाद्रमुक के नेताओं ने फरवरी 2014 में राज्य विधानसभा में जयललिता द्वारा दिए गए उस बयान को याद किया कि यदि केंद्र ने इस मामले पर जल्दी कार्रवाई नहीं की, तो राज्य सरकार पेरारिवलन और अन्य को मंत्रिमंडल के फैसले के अनुसार रिहा कर देगी. दोनों नेताओं ने कहा कि अन्नाद्रमुक शासन के दौरान लिया गया मंत्रिमंडल का फैसला आज के उच्चतम न्यायालय के फैसले का आधार है. यह पूरी तरह से अन्नाद्रमुक की जीत है. उन्होंने राज्य सरकार से बाकी दोषियों की तत्काल रिहाई के लिए कदम उठाने का आग्रह किया.

TNCC प्रमुख अलागिरि ने कहा कि पेरारिवलन को केवल कानूनी बारीकियों पर रिहा किया गया है. उन्होंने पार्टी के एक बयान में कहा, 'हम शीर्ष अदालत के फैसले की आलोचना नहीं करना चाहते. साथ ही, हम इस बात पर जोर देना चाहते हैं कि अपराधी हत्यारे हैं, निर्दोष लोग नहीं.' दोषियों के समर्थन के पीछे तमिल भावनाओं पर कुछ तबकों की दलीलों पर पलटवार करते हुए उन्होंने कहा कि कई तमिल 20 साल से अधिक समय से जेल में हैं और उनकी रिहाई के लिए भी कोई आवाज क्यों नहीं उठाई गई. उन्होंने कांग्रेस समर्थकों से गुरुवार को अपना मुंह सफेद कपड़े से ढककर और तख्तियां लेकर विरोध प्रदर्शन करने का आह्वान किया. उन्होंने कहा, 'आइए, हम हिंसा का विरोध करें, हत्या मतभेद का जवाब नहीं है.' अलागिरि ने कहा कि महत्वपूर्ण स्थानों पर सुबह 10 बजे से घंटे भर का धरना प्रदर्शन किया जाए.

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश अध्यक्ष के. अन्नामलाई ने कहा कि पार्टी उच्चतम न्यायालय के फैसले को स्वीकार करती है. उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने अनुच्छेद 142 के तहत अपनी असाधारण शक्ति के आधार पर पेरारिवलन को राहत दी है. उन्होंने एक ट्वीट में कहा, 'हम यह भी मानते हैं कि उच्चतम न्यायालय हमारी एकता, सुरक्षा और अखंडता से समझौता नहीं करने देगा.' भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के महासचिव डी राजा ने कहा कि उनकी पार्टी फैसले का स्वागत करती है. मारुमलार्ची द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एमडीएमके) के संस्थापक वाइको और पट्टाली मक्कल कॉची (पीएमके) नेता एस रामदास सहित अन्य कई नेताओं ने पेरारीवलन की रिहाई का स्वागत किया.

पेरारिवलन को रिहा करने के लिए शीर्ष अदालत द्वारा फैसला सुनाए जाने के तुरंत बाद, रिश्तेदार यहां स्थित उसके आवास पर पहुंचने लगे थे. पेरारिवलन ने इस दौरान अपनी मां अर्पुथम्माल को मिठाई खिलाई. उसने अपनी मां और बहन को गले लगाया तथा अपनी खुशी का इजहार किया. उसके पिता कुइलदासन ने अपने बेटे की 30 साल की कैद समाप्त होने पर खुशी व्यक्त की. पत्रकारों द्वारा बेटे की शादी सहित भविष्य की योजनाओं के बारे में पूछे जाने पर पिता ने कहा कि परिवार इस पर चर्चा करेगा. वर्तमान में जमानत पर चल रहे पेरारिवलन को राज्य सरकार द्वारा पहले भी कई मौकों पर पैरोल दी जा चुकी है. तमिल समर्थक संगठनों के कार्यकर्ता उच्च्तम न्यायालय के फैसले पर खुशी जताते हुए राज्य के कई हिस्सों में सड़कों पर उतर आए और नारेबाजी की.

जोलारपेट्टई : पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के जुर्म में उम्रकैद की सजा काट रहे ए. जी. पेरारिवलन ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट से अपनी रिहाई का आदेश मिलने के बाद उसने तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन से मुलाकात की. मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने न सिर्फ उनका गर्मजोशी से स्वागत किया बल्कि उसकी रिहाई पर अपनी खुशी भी जाहिर की. स्टालिन ने अर्पुथम्माल से भी फोन पर बात की. बाद में पेरारिवलन, उसकी मां और अन्य लोगों ने मुख्यमंत्री से मुलाकात की. वहीं, पेरारिवलन ने कहा कि उसका दृढ़ विश्वास है कि मृत्युदंड की कोई आवश्यकता नहीं है. वह अब अपने भविष्य के बारे में सोचने से पहले 'आजादी की खुली हवा' में सांस लेना चाहता है. उसने अपनी रिहाई का जश्न मनाने के लिए प्राचीन तमिल वाद्य यंत्र 'पराई' बजाया. शीर्ष अदालत द्वारा उसे रिहा किए जाने से उसके परिवार, रिश्तेदार और कई तमिल संगठन बेहद खुश हैं.

जेल से छूटते ही तमिलनाडु के सीएम से मिला राजीव गांधी का हत्यारा

कांग्रेस और भाजपा को छोड़कर सत्तारूढ़ द्रमुक तथा विपक्षी अन्नाद्रमुक सहित राजनीतिक दलों ने पूरे दिल से फैसले का स्वागत किया. वहीं, कांग्रेस ने हिंसा के खिलाफ गुरुवार को विरोध प्रदर्शन करने की घोषणा की. तमिलनाडु कांग्रेस कमेटी (TNCC) के अध्यक्ष के एस अलागिरि ने कहा कि हम उच्चतम न्यायालय के फैसले की आलोचना नहीं करना चाहते हैं, लेकिन हम पुष्टि करना चाहते हैं कि वे (सात दोषी) हत्यारे हैं और निर्दोष नहीं हैं.

बता दें कि वर्ष 1991 में तमिलनाडु के श्रीपेरंबदूर में एक चुनावी सभा में लिट्टे ने आत्मघाती हमले में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या कर दी थी. पेरारिवलन पर गांधी की हत्या में इस्तेमाल किए गए बम के लिए बैटरी खरीदने का आरोप लगाया गया था. उसे जब गिरफ्तार किया गया था तब वह 19 साल का था. गौरतलब है कि पेरारिवलन को पहले चेन्नई की एक विशेष अदालत द्वारा मौत की सजा सुनाई गई थी, जिसे बाद में आजीवन कारावास में बदल दिया गया था. पेरारिवलन ने कहा कि वह अपने भविष्य के बारे में सोचने से पहले आजादी की हवा में सांस लेना चाहता है.

पत्रकारों ने पूछा कि एक आजाद पंछी के रूप में कैसा लग रहा है, और भविष्य की योजनाएं क्या हैं? इस पर पेरारिवलन ने कहा, 'मैं अभी बाहर आया हूं. कानूनी लड़ाई को 31 साल हो गए हैं. मुझे थोड़ी सांस लेनी है. मुझे कुछ समय दें.' तीन दशक तक जेल में रहे पेरारिवलन ने कहा, 'मैं स्पष्ट रूप से मानता हूं कि मृत्युदंड की कोई आवश्यकता नहीं है. केवल दया के लिए नहीं, बल्कि उच्चतम न्यायालय के प्रधान न्यायाधीशों सहित कई न्यायाधीशों ने ऐसा कहा है और कई उदाहरण भी हैं. हर कोई इंसान है.'

पेरारिवलन की मां अर्पुथम्माल ने भावुक होकर अपने बेटे की 31 साल की लड़ाई को याद करते हुए कहा, 'कई अनजान लोगों ने हमारा समर्थन किया है. मैं बहुत से लोगों को नहीं जानती. मैं उन सभी को धन्यवाद देती हूं.' पेरारिवलन ने बाद में अपनी रिहाई का जश्न मनाने के एक स्पष्ट संकेत में एक प्राचीन तमिल वाद्य यंत्र 'पराई' बजाया. उच्चतम न्यायालय के फैसले का स्वागत करते हुए तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने कहा कि इसे न्याय-कानून-राजनीतिक-प्रशासनिक इतिहास में जगह मिल सकती है. उन्होंने याद किया कि राज्य ने उच्चतम न्यायालय के समक्ष पेरारिवलन की याचिका पर अदालत में दृढ़ तर्क रखे थे.

पढ़ें : पेरारिवलन की रिहाई को लेकर परिजनों की खुशी सातवें आसमान पर, CM ने की फैसले की सराहना

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से पूछा- क्यों ना राजीव गांधी की हत्या के दोषी एजी पेरारिवलन को रिहा कर दिया जाए!

स्टालिन ने कहा कि मामले का नतीजा राज्य के अधिकारों को स्थापित करने के तमिलनाडु सरकार के प्रयासों को दर्शाता है, क्योंकि यह स्पष्ट करता है कि केवल राज्य सरकार ही इस मामले पर फैसला कर सकती है और राज्यपाल इसके फैसले का समर्थन कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि हालांकि अन्नाद्रमुक सरकार ने 2018 में तत्कालीन राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित को मामले के सात दोषियों-मुरुगन, संथन, पेरारिवलन, जयकुमार, रॉबर्ट पायस, जयचंद्रन और नलिनी को रिहा करने की सिफारिश की थी, लेकिन इस मामले पर कोई निर्णय नहीं लिया गया था.

बाद में, पत्रकारों से उन्होंने कहा कि द्रमुक ने 2021 के राज्य विधानसभा चुनाव से पहले अपने चुनावी घोषणापत्र में उल्लेख किया था कि वह सात दोषियों की रिहाई के लिए प्रयास करेगी. उन्होंने कहा कि पेरारिवलन को मानवीय आधार पर और मानवाधिकारों के आधार पर रिहा किया गया है, जिसका स्वागत है. स्टालिन ने कहा, 'हालांकि देरी हुई, लेकिन यह एक ऐतिहासिक फैसला है.'

मुख्यमंत्री ने कहा कि अन्य छह दोषियों के संबंध में, सरकार आज के मामले में फैसले के विवरण को देखने के बाद उनकी रिहाई पर कानूनी विशेषज्ञों के साथ चर्चा करेगी. वहीं, विपक्षी अन्नाद्रमुक ने कहा कि पेरारिवलन की रिहाई दिवंगत मुख्यमंत्री जयललिता के धैर्य, दूरदर्शिता और कानूनी कौशल का परिणाम है. पार्टी समन्वयक ओ पनीरसेल्वम और संयुक्त समन्वयक के. पलानीस्वामी ने एक बयान में कहा कि पेरारिवलन और छह अन्य की रिहाई के लिए जयललिता द्वारा किए गए प्रयास और उनके द्वारा बताई गई कानूनी बारीकियां कम नहीं थीं. उन्होंने कहा, '30 साल जेल में रहने के बाद पेरारिवलन को उच्चतम न्यायालय द्वारा रिहा किए जाने से अन्नाद्रमुक को खुशी, संतुष्टि और राहत मिली है.'

अन्नाद्रमुक के नेताओं ने फरवरी 2014 में राज्य विधानसभा में जयललिता द्वारा दिए गए उस बयान को याद किया कि यदि केंद्र ने इस मामले पर जल्दी कार्रवाई नहीं की, तो राज्य सरकार पेरारिवलन और अन्य को मंत्रिमंडल के फैसले के अनुसार रिहा कर देगी. दोनों नेताओं ने कहा कि अन्नाद्रमुक शासन के दौरान लिया गया मंत्रिमंडल का फैसला आज के उच्चतम न्यायालय के फैसले का आधार है. यह पूरी तरह से अन्नाद्रमुक की जीत है. उन्होंने राज्य सरकार से बाकी दोषियों की तत्काल रिहाई के लिए कदम उठाने का आग्रह किया.

TNCC प्रमुख अलागिरि ने कहा कि पेरारिवलन को केवल कानूनी बारीकियों पर रिहा किया गया है. उन्होंने पार्टी के एक बयान में कहा, 'हम शीर्ष अदालत के फैसले की आलोचना नहीं करना चाहते. साथ ही, हम इस बात पर जोर देना चाहते हैं कि अपराधी हत्यारे हैं, निर्दोष लोग नहीं.' दोषियों के समर्थन के पीछे तमिल भावनाओं पर कुछ तबकों की दलीलों पर पलटवार करते हुए उन्होंने कहा कि कई तमिल 20 साल से अधिक समय से जेल में हैं और उनकी रिहाई के लिए भी कोई आवाज क्यों नहीं उठाई गई. उन्होंने कांग्रेस समर्थकों से गुरुवार को अपना मुंह सफेद कपड़े से ढककर और तख्तियां लेकर विरोध प्रदर्शन करने का आह्वान किया. उन्होंने कहा, 'आइए, हम हिंसा का विरोध करें, हत्या मतभेद का जवाब नहीं है.' अलागिरि ने कहा कि महत्वपूर्ण स्थानों पर सुबह 10 बजे से घंटे भर का धरना प्रदर्शन किया जाए.

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश अध्यक्ष के. अन्नामलाई ने कहा कि पार्टी उच्चतम न्यायालय के फैसले को स्वीकार करती है. उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने अनुच्छेद 142 के तहत अपनी असाधारण शक्ति के आधार पर पेरारिवलन को राहत दी है. उन्होंने एक ट्वीट में कहा, 'हम यह भी मानते हैं कि उच्चतम न्यायालय हमारी एकता, सुरक्षा और अखंडता से समझौता नहीं करने देगा.' भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के महासचिव डी राजा ने कहा कि उनकी पार्टी फैसले का स्वागत करती है. मारुमलार्ची द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एमडीएमके) के संस्थापक वाइको और पट्टाली मक्कल कॉची (पीएमके) नेता एस रामदास सहित अन्य कई नेताओं ने पेरारीवलन की रिहाई का स्वागत किया.

पेरारिवलन को रिहा करने के लिए शीर्ष अदालत द्वारा फैसला सुनाए जाने के तुरंत बाद, रिश्तेदार यहां स्थित उसके आवास पर पहुंचने लगे थे. पेरारिवलन ने इस दौरान अपनी मां अर्पुथम्माल को मिठाई खिलाई. उसने अपनी मां और बहन को गले लगाया तथा अपनी खुशी का इजहार किया. उसके पिता कुइलदासन ने अपने बेटे की 30 साल की कैद समाप्त होने पर खुशी व्यक्त की. पत्रकारों द्वारा बेटे की शादी सहित भविष्य की योजनाओं के बारे में पूछे जाने पर पिता ने कहा कि परिवार इस पर चर्चा करेगा. वर्तमान में जमानत पर चल रहे पेरारिवलन को राज्य सरकार द्वारा पहले भी कई मौकों पर पैरोल दी जा चुकी है. तमिल समर्थक संगठनों के कार्यकर्ता उच्च्तम न्यायालय के फैसले पर खुशी जताते हुए राज्य के कई हिस्सों में सड़कों पर उतर आए और नारेबाजी की.

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