नई दिल्ली : देश की पहली बुलेट ट्रेन (Bullet Train) पर यात्रा करने का सपना संजोए लोगों का इंतजार बढ़ता जा रहा है. बहुप्रतीक्षित मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट ने अभी तक गति नहीं पकड़ी है.
आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, 31 मार्च 2023 तक केवल 30.15 प्रतिशत काम हो पाया है. गुजरात की ओर, प्रगति एक तिहाई से थोड़ी अधिक है. यहां करीब 35.23 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है, लेकिन महाराष्ट्र की ओर से कुल मिलाकर 19.65 प्रतिशत काम ही हो पाया है.
परियोजना पर लगभग 56.34 सिविल कार्य पूरा कर लिया गया है. अब तक 272.89 किमी पर काम किया गया है. रेल मंत्रालय (MoR) ने हाल ही में कहा कि 170.56 किमी पर घाट का काम किया गया है, लेकिन अब तक 45.40 किमी गर्डर्स लॉन्च किए जा चुके हैं.
मार्च में सीआईआई के कार्यक्रम में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा था कि 'सरकार पहली बुलेट ट्रेन चलाने के लिए अगस्त 2026 का टारगेट रख रही है. 2027 में बुलेट ट्रेन को एक बड़े खंड पर चलाने का लक्ष्य है.'
जबकि पहले इस प्रोजेक्ट को दिसंबर 2023 तक पूरा करने की बात कही गई थी. इसका मतलब है कि इसके पूरा होने में अपनी मूल समय सीमा से चार साल की देरी हो सकती है.
1.08 लाख करोड़ रुपये का प्रोजेक्ट : भारत की पहली मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल परियोजना (MAHSR) या बुलेट ट्रेन की अनुमानित लागत लगभग 108,000 करोड़ रुपये है. इसे अगस्त 2026 तक सूरत-बिलिमोरा (63 किमी) के बीच ट्रायल रन के लिए लक्षित किया गया है.
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Behold the time lapse video capturing the completion of Purna River Bridge, a crucial leap for the MAHSR corridor project in Navsari district of Gujarat. pic.twitter.com/JCn7Ul3oHQ
— Ministry of Railways (@RailMinIndia) June 15, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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जापानी के पूर्व पीएम आबे ने रखी थी आधारशिला : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जापान के तत्कालीन प्रधानमंत्री शिंजो आबे (Shinzo Abe) ने 14 सितंबर, 2017 को 1.08 लाख करोड़ रुपये (17 बिलियन अमेरिकी डॉलर) की एचएसआर परियोजना की आधारशिला रखी थी.
508 किलोमीटर लंबा कॉरिडोर : मुंबई-अहमदाबाद कॉरिडोर की कुल दूरी 508 किलोमीटर है. महाराष्ट्र में बुलेट ट्रेन का रूट 156 किलोमीटर का होगा, जबकि गुजरात में ये 352 किलोमीटर की यात्रा तय करेगी. इसके 2027 तक शुरू होने की संभावना है.
दो घंटे सात मिनट में तय होगी दूरी : नेशनल हाई स्पीड रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (NHSRCL) के अनुसार, बुलेट ट्रेन 320 किमी प्रति घंटे की अधिकतम गति से चलेगी और मुंबई-अहमदाबाद के बीच की पूरी दूरी को केवल 127 मिनट (दो घंटे सात मिनट) में कवर किया जा सकता है.
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The ongoing #MAHSR project work is progressing smoothly without causing any disruption to traffic. pic.twitter.com/par45fHiI6
— NHSRCL (@nhsrcl) May 30, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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फ्लेमिंगो अभयारण्य का दिखेगा नजारा : MAHSR में वायडक्ट्स (कुल 460 किमी) और पुलों (9.22 किमी), सुरंगों (25.87 किमी), तटबंधों / कटिंग (12.9 किमी) के माध्यम से 92 प्रतिशत हाई-स्पीड एलिवेटेड रेलवे ट्रैक शामिल हैं. उत्तर की ओर मुंबई-ठाणे के बीच पर्यावरण-संवेदनशील ठाणे क्रीक से गुजरने वाला रेल गलियारा एक प्रमुख आकर्षण होगा, जिसमें ठाणे क्रीक फ्लेमिंगो अभयारण्य (टीसीएफएस) शामिल है, जिसे अगस्त 2022 में रामसर साइट के रूप में नामित किया गया था.
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Revolutionising Rail travel with India's first #BulletTrain Project, the Mumbai–Ahmedabad High-Speed Rail corridor (MAHSR), accelerating towards progress. pic.twitter.com/45IxyTiqcP
— Ministry of Railways (@RailMinIndia) May 26, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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टीसीएफएस स्थान पर राजहंस और आसपास के समृद्ध मैंग्रोव में अन्य वन्यजीवों को परेशान करने से बचने के लिए, एमएएचएसआर कॉरिडोर इस क्षेत्र में एक अंडरसीट सुरंग से गुजरेगा. MAHSR के अनुसार, यह 13.2 मीटर व्यास की एक ट्यूब के साथ भारत की पहली अंडरसीट सुरंग और देश का सबसे लंबा रेल परिवहन मार्ग होगा.
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Impressive update on the #MAHSR project: The construction of the viaduct has made remarkable strides, covering 50 km in the last 7 months. #NHSRCL #BulletTrainIndia pic.twitter.com/zs5nTYdE8h
— NHSRCL (@nhsrcl) June 1, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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जानिए क्या होगा रूट : बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स से शुरू होकर बुलेट ट्रेन अंतिम गंतव्य अहमदाबाद के साबरमती स्टेशन तक पहुंचेगी. यह गुजरात के आठ जिलों, महाराष्ट्र के तीन जिलों और केंद्र शासित प्रदेश दादरा और नगर हवेली और दमन और दीव से होकर गुजरेगी. इसके प्रस्तावित स्टॉपेज मुंबई-बीकेसी, ठाणे, विरार, बोईसर, वापी, बिलिमोरा, सूरत, भरूच, वडोदरा, आनंद, अहमदाबाद और साबरमती होंगे.
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We proudly marked a major milestone by completing 200km of pier work at the #MAHSR corridor. #NHSRCL pic.twitter.com/AYRZK09cf3
— NHSRCL (@nhsrcl) June 11, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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अंडर-सी रेल सुरंग खोदने के लिए सबसे बड़ा टीबीएम : मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना के एक हिस्से के रूप में भारत की पहली अंडरसी रेल सुरंग खोदने के लिए अगले साल तक सबसे बड़ी टनल बोरिंग मशीनों (टीबीएम) में से एक को तैनात किया जाएगा. इससे पहले 12.2 मीटर व्यास वाले देश के सबसे बड़े टीबीएम का इस्तेमाल मुंबई कोस्टल रोड प्रोजेक्ट के लिए किया जाता था, लेकिन मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट के लिए इस्तेमाल किया जा रहा टीबीएम 13.1 मीटर व्यास के साथ और भी बड़ा होगा.