रायपुर: पीसीसी चीफ के पद से हटाए जाने के बाद कोंडागांव विधायक मोहन मरकाम को भूपेश सरकार में मंत्री बनाया गया है. विधायक मोहन मरकाम को राजभवन में राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन ने मंत्री पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई. शपथ ग्रहण के दौरान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सहित मंत्री और विधायक मौजूद रहे. गुरुवार को राज्य के स्कूल शिक्षा मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम के इस्तीफे के बाद मोहन मरकाम को मंत्री बनाया गया है.
मंत्री पद की शपथ लेने के बाद मोहन मरकाम ने कहा कि छत्तीसगढ़ की 2 करोड़ 80 लाख लोगों की उम्मीदों और अपेक्षाओं पर खरे उतरने की जिम्मेदारी है. गुरुवार शाम ही मुझे फोन पर मंत्री बनने की जानकारी मिली. मैं केंद्रीय नेतृत्व और सीएम भूपेश बघेल को धन्यवाद देता हूं.
प्रेमसाय टेकाम का क्या होगा: मोहन मरकाम को प्रेमसाय टेकाम की जगह मंत्री बनाया गया है. मोहन मरकाम ने सधी भाषा में प्रेमसाय टेकाम पर पूछे सवाल पर अपनी प्रतिक्रिया दी. मोहन मरकाम ने कहा कि प्रेमसाय टेकाम वरिष्ठ नेता हैं. वह 6 बार के विधायक हैं. उनकी भूमिका भी हाईकमान तय करेगा.
समय समय पर हाईकमान तय करता है कि किस नेता को कहां और कौनसी जिम्मेदारी देनी है. मिशन 2023 और मिशन 2024 की तैयारी के लिए जुटना है. हम सभी कार्यकर्ता हैं. सभी 19 लाख से ज्यादा कार्यकर्ता मिलकर छत्तीसगढ़ में दोबारा कांग्रेस की सरकार बनाएं, यही हमारी कोशिश है और इसकी तैयारी है. मोहन मरकाम, मंत्री, छत्तीसगढ़ शासन मोहन मरकाम, मंत्री, छत्तीसगढ़
जानिए कौन हैं मरकाम: मोहन मरकाम वर्तमान में कोंडागांव विधायक हैं. उनका जन्म एक किसान परिवार में कोंडागांव जिले के टेंडमुण्डा गांव में 15 सितंबर 1967 को हुआ था. खास बात यह है कि मोहन मरकाम ने शासकीय सेवा के रूप में शिक्षाकर्मी वर्ग 1 और शिक्षाकर्मी वर्ग 2 के रूप में भी काम किया है. उन्होंने कुछ दिनों तक भारतीय जीवन बीमा निगम में विकास अधिकारी और भारतीय स्टेट बैंक लाइफ में सीनियर एजेंन्सी मैनेजर के रूप में भी काम किया, लेकिन राजनीति में आने के लिए उन्होंने नौकरी छोड़ दी.
मोहन मरकाम का सियासी सफर: 1990 में महेंद्र कर्मा की मौजूदगी में कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता ली थी. 1993, 1998, 2003 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी से टिकट की दावेदारी की लेकिन टिकट नहीं मिली. साल 2008 में मरकाम को पहली बार कोंडागांव सीट से चुनावी मैदान में लता उसेंडी के सामने उतारा गया लेकिन उन्हें 2771 वोट से हार का सामना करना पड़ा था. 2013 के चुनाव में पार्टी ने उन्हें फिर चुनावी मैदान में उतारा. इस चुनाव में भी मरकाम हार गए. 2018 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने एक बार फिर मोहन मरकाम पर भरोसा जताया और इस बार उन्होंने भाजपा की लता उसेंडी को भारी मतों से हराया.
साल 2018 में बंपर जीत के बाद कांग्रेस ने PCC के तत्कालीन अध्यक्ष भूपेश बघेल को मुख्यमंत्री बनाया, और फिर मोहन मरकाम को प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी मिली. नवंबर 2000 में छत्तीसगढ़ के मध्य प्रदेश से अलग होने के बाद छत्तीसगढ़ कांग्रेस के वह पहले आदिवासी अध्यक्ष बने.
संवैधानिक प्रावधान के अनुसार छत्तीसगढ़ के मंत्रिमंडल की सदस्य संख्या मुख्यमंत्री सहित 13 से अधिक नहीं हो सकती. मोहन मरकाम को मिलाकर अब राज्य मंत्रिमंडल की वर्तमान सदस्य संख्या 13 हो गई है.