- कोरोना संकट का सामना करते हुए, नए संकल्प के साथ मैं आज एक विशेष आर्थिक पैकेज की घोषणा कर रहा हूं. ये आर्थिक पैकेज, 'आत्मनिर्भर भारत अभियान' की अहम कड़ी के तौर पर काम करेगा.
- हाल में सरकार ने कोरोना संकट से जुड़ी जो आर्थिक घोषणाएं की थीं, जो रिजर्व बैंक के फैसले थे, और आज जिस आर्थिक पैकेज का ऐलान हो रहा है, उसे जोड़ दें तो ये करीब-करीब 20 लाख करोड़ रुपए का है. ये पैकेज भारत की जीडीपी का करीब-करीब 10 प्रतिशत है.
- इन सबके जरिए देश के विभिन्न वर्गों को, आर्थिक व्यवस्था की कड़ियों को, 20 लाख करोड़ रुपए का संबल मिलेगा, सपोर्ट मिलेगा. 20 लाख करोड़ रुपए का ये पैकेज, 2020 में देश की विकास यात्रा को, आत्मनिर्भर भारत अभियान को एक नई गति देगा.
- आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को सिद्ध करने के लिए, इस पैकेज में लैंड, लेबर, लिक्वाडिटी और लॉ सभी पर बल दिया गया है.
- ये आर्थिक पैकेज हमारे कुटीर उद्योग, गृह उद्योग, हमारे लघु-मंझोले उद्योग, हमारे एमएसएमई के लिए है, जो करोड़ों लोगों की आजीविका का साधन है, जो आत्मनिर्भर भारत के हमारे संकल्प का मजबूत आधार है.
- ये आर्थिक पैकेज देश के उस श्रमिक के लिए है, देश के उस किसान के लिए है जो हर स्थिति, हर मौसम में देशवासियों के लिए दिन रात परिश्रम कर रहा है. ये आर्थिक पैकेज हमारे देश के मध्यम वर्ग के लिए है, जो ईमानदारी से टैक्स देता है, देश के विकास में अपना योगदान देता है.
प्रधानमंत्री मोदी ने दी देश को 20 लाख करोड़ के विशेष आर्थिक पैकेज की सौगात - मोदी रात आठ बजे संबोधन
20:34 May 12
बीस लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज की घोषणा
20:26 May 12
आत्मनिर्भर भारत के लिए पांच पिलर
- आत्मनिर्भर भारत की ये भव्य इमारत, पांच पिलर पर खड़ी होगी. पहला पिलर इकॉनॉमी एक ऐसी इकॉनॉमी जो बदलाव नहीं बल्कि क्वांटम जंप लाए.
- दूसरा पिलर इन्फ्रास्ट्रक्चर एक ऐसा इन्फ्रास्ट्रक्चर जो आधुनिक भारत की पहचान बने.
- तीसरा पिलर- हमारा सिस्टम एक ऐसा सिस्टम जो बीती शताब्दी की रीति-नीति नहीं, बल्कि 21वीं सदी के सपनों को साकार करने वाली टेक्नोलॉजी ड्राइवन व्यवस्थाओं पर आधारित हो.
- चौथा पिलर- हमारी डेमोग्राफी- दुनिया की सबसे बड़ी डेमोक्रेसी में हमारी वाइब्रेंट डेमोग्राफी हमारी ताकत है, आत्मनिर्भर भारत के लिए हमारी ऊर्जा का स्रोत है.
- पाँचवाँ पिलर- डिमांड- हमारी अर्थव्यवस्था में डिमांड और सप्लाई चेन का जो चक्र है, जो ताकत है, उसे पूरी क्षमता से इस्तेमाल किए जाने की जरूरत है.
20:26 May 12
पीएम मोदी का संबोधन
- यही हम भारतीयों की संकल्पशक्ति है. हम ठान लें तो कोई लक्ष्य असंभव नहीं, कोई राह मुश्किल नहीं. और आज तो चाह भी है, राह भी है. ये है भारत को आत्मनिर्भर बनाना.
- आज हमारे पास साधन हैं, हमारे पास सामर्थ्य है, हमारे पास दुनिया का सबसे बेहतरीन टैलेंट है, हम Best Products बनाएंगे, अपनी Quality और बेहतर करेंगे, सप्लाई चेन को और आधुनिक बनाएंगे, ये हम कर सकते हैं और हम जरूर करेंगे.
- दुनिया को विश्वास होने लगा है कि भारत बहुत अच्छा कर सकता है, मानव जाति के कल्याण के लिए बहुत कुछ अच्छा दे सकता है. सवाल यह है -कि आखिर कैसे? इस सवाल का भी उत्तर है- 130 करोड़ देशवासियों का आत्मनिर्भर भारत का संकल्प.
- जिंदगी और मौत की लड़ाई लड़ रही दुनिया में आज भारत की दवाइयां एक नई आशा लेकर पहुंचती हैं. इन कदमों से दुनिया भर में भारत की भूरि-भूरि प्रशंसा होती है, तो हर भारतीय गर्व करता है.
- इंटरनेशनल सोलर अलायंस, ग्लोबर वॉर्मिंग के खिलाफ भारत की सौगात है. इंटरनेशनल योगा दिवस की पहल, मानव जीवन को तनाव से मुक्ति दिलाने के लिए भारत का उपहार है.
20:14 May 12
पीएम मोदी का संबोधन
- एक राष्ट्र के रूप में आज हम एक बहुत ही अहम मोड़ पर खड़े हैं. इतनी बड़ी आपदा, भारत के लिए एक संकेत लेकर आई है, एक संदेश लेकर आई है, एक अवसर लेकर आई है.
- जब कोरोना संकट शुरु हुआ, तब भारत में एक भी पीपीई (PPE) किट नहीं बनती थी. एन-95 मास्क का भारत में नाममात्र उत्पादन होता था. आज स्थिति ये है कि भारत में ही हर रोज 2 लाख PPE और 2 लाख एन-95 मास्क बनाए जा रहे हैं.
- विश्व के सामने भारत का मूलभूत चिंतन, आशा की किरण नजर आता है. भारत की संस्कृति, भारत के संस्कार, उस आत्मनिर्भरता की बात करते हैं, जिसकी आत्मा वसुधैव कुटुंबकम है.
- भारत जब आत्मनिर्भरता की बात करता है, तो आत्मकेंद्रित व्यवस्था की वकालत नहीं करता. भारत की आत्मनिर्भरता में संसार के सुख, सहयोग और शांति की चिंता होती है.
- जो पृथ्वी को मां मानती हो, वो संस्कृति, वो भारतभूमि, जब आत्मनिर्भर बनती है, तब उससे एक सुखी-समृद्ध विश्व की संभावना भी सुनिश्चित होती है.
- भारत की प्रगति में तो हमेशा विश्व की प्रगति समाहित रही है. भारत के लक्ष्यों का प्रभाव, भारत के कार्यों का प्रभाव, विश्व कल्याण पर पड़ता है.
- जब भारत खुले में शौच से मुक्त होता है तो दुनिया की तस्वीर बदल जाती है. टीबी हो, कुपोषण हो, पोलियो हो, भारत के अभियानों का असर दुनिया पर पड़ता ही पड़ता है.
19:58 May 12
पीएम मोदी का संबोधन
- सभी देशवासियों को आदर पूर्वक नमस्कार, कोरोना संक्रमण से मुकाबला करते हुए दुनिया को अब चार महीने से ज्यादा हो रहे हैं.
- साथियों, एक वायरस ने दुनिया को तहस-नहस कर दिया है। विश्व भर में करोड़ों जिंदगियां संकट का सामना कर रही हैं। सारी दुनिया, जिंदगी बचाने की जंग में जुटी है.
- लेकिन थकना, हारना, टूटना-बिखरना, मानव को मंजूर नहीं है। सतर्क रहते हुए, ऐसी जंग के सभी नियमों का पालन करते हुए, अब हमें बचना भी है और आगे भी बढ़ना है.
- जब हम इन दोनों कालखंडो को भारत के नजरिए से देखते हैं तो लगता है कि 21वीं सदी भारत की हो, ये हमारा सपना नहीं, ये हम सभी की जिम्मेदारी है.
- विश्व की आज की स्थिति हमें सिखाती है कि इसका मार्ग एक ही है- 'आत्मनिर्भर भारत'.
12:15 May 12
प्रधानमंत्री मोदी का संबोधन
नई दिल्ली : कोरोना संकट के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को संबोधित किया. बता दें कि देश में कोरोना वायरस से निबटने के लिए 17 मई तक लॉकडाउन है. इससे पहले प्रधानमंत्री कार्यालय ने ट्वीट करके पीएम के संबोधन की जानकारी दी थी.
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से अलग-अलग राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ संवाद किया था. इस दौरान उन्होंने देश में कोरोना वायरस संकट पर चर्चा की. संवाद में ज्यादातर मुख्यमंत्रियों ने यात्री ट्रेनों को अभी न शुरू किए जाने की अपील की. बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने ट्रेन सेवाएं फिर शुरू होने का जिक्र करते हुए कहा था कि आर्थिक गतिविधि बढ़ाना जरूरी है, लेकिन सारे मार्गों पर ट्रेनें नहीं चलेंगी.
पीएम मोदी ने कहा था कि पहले चरण में लॉकडाउन के जिन कदमों की जरूरत थी, उनकी दूसरे चरण में नहीं थी, तीसरे चरण में जरूरी कदमों की चौथे में आवश्यकता नहीं. प्रधानमंत्री मोदी ने मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक में कहा था कि जीवन का नया मार्ग व्यक्ति से पूर्ण मानवता की ओर के सिद्धांत पर होगा.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्रियों से कहा था कि अर्थव्यवस्था पर रोडमैप के लिए राज्यों द्वारा दिये गये सुझावों पर उचित ध्यान दिया गया. मोदी ने मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से बातचीत में कहा था कि आज आप जो सुझाव देते हैं, उसके आधार पर हम देश की आगे की दिशा तय कर पाएंगे.'
20:34 May 12
बीस लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज की घोषणा
- कोरोना संकट का सामना करते हुए, नए संकल्प के साथ मैं आज एक विशेष आर्थिक पैकेज की घोषणा कर रहा हूं. ये आर्थिक पैकेज, 'आत्मनिर्भर भारत अभियान' की अहम कड़ी के तौर पर काम करेगा.
- हाल में सरकार ने कोरोना संकट से जुड़ी जो आर्थिक घोषणाएं की थीं, जो रिजर्व बैंक के फैसले थे, और आज जिस आर्थिक पैकेज का ऐलान हो रहा है, उसे जोड़ दें तो ये करीब-करीब 20 लाख करोड़ रुपए का है. ये पैकेज भारत की जीडीपी का करीब-करीब 10 प्रतिशत है.
- इन सबके जरिए देश के विभिन्न वर्गों को, आर्थिक व्यवस्था की कड़ियों को, 20 लाख करोड़ रुपए का संबल मिलेगा, सपोर्ट मिलेगा. 20 लाख करोड़ रुपए का ये पैकेज, 2020 में देश की विकास यात्रा को, आत्मनिर्भर भारत अभियान को एक नई गति देगा.
- आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को सिद्ध करने के लिए, इस पैकेज में लैंड, लेबर, लिक्वाडिटी और लॉ सभी पर बल दिया गया है.
- ये आर्थिक पैकेज हमारे कुटीर उद्योग, गृह उद्योग, हमारे लघु-मंझोले उद्योग, हमारे एमएसएमई के लिए है, जो करोड़ों लोगों की आजीविका का साधन है, जो आत्मनिर्भर भारत के हमारे संकल्प का मजबूत आधार है.
- ये आर्थिक पैकेज देश के उस श्रमिक के लिए है, देश के उस किसान के लिए है जो हर स्थिति, हर मौसम में देशवासियों के लिए दिन रात परिश्रम कर रहा है. ये आर्थिक पैकेज हमारे देश के मध्यम वर्ग के लिए है, जो ईमानदारी से टैक्स देता है, देश के विकास में अपना योगदान देता है.
20:26 May 12
आत्मनिर्भर भारत के लिए पांच पिलर
- आत्मनिर्भर भारत की ये भव्य इमारत, पांच पिलर पर खड़ी होगी. पहला पिलर इकॉनॉमी एक ऐसी इकॉनॉमी जो बदलाव नहीं बल्कि क्वांटम जंप लाए.
- दूसरा पिलर इन्फ्रास्ट्रक्चर एक ऐसा इन्फ्रास्ट्रक्चर जो आधुनिक भारत की पहचान बने.
- तीसरा पिलर- हमारा सिस्टम एक ऐसा सिस्टम जो बीती शताब्दी की रीति-नीति नहीं, बल्कि 21वीं सदी के सपनों को साकार करने वाली टेक्नोलॉजी ड्राइवन व्यवस्थाओं पर आधारित हो.
- चौथा पिलर- हमारी डेमोग्राफी- दुनिया की सबसे बड़ी डेमोक्रेसी में हमारी वाइब्रेंट डेमोग्राफी हमारी ताकत है, आत्मनिर्भर भारत के लिए हमारी ऊर्जा का स्रोत है.
- पाँचवाँ पिलर- डिमांड- हमारी अर्थव्यवस्था में डिमांड और सप्लाई चेन का जो चक्र है, जो ताकत है, उसे पूरी क्षमता से इस्तेमाल किए जाने की जरूरत है.
20:26 May 12
पीएम मोदी का संबोधन
- यही हम भारतीयों की संकल्पशक्ति है. हम ठान लें तो कोई लक्ष्य असंभव नहीं, कोई राह मुश्किल नहीं. और आज तो चाह भी है, राह भी है. ये है भारत को आत्मनिर्भर बनाना.
- आज हमारे पास साधन हैं, हमारे पास सामर्थ्य है, हमारे पास दुनिया का सबसे बेहतरीन टैलेंट है, हम Best Products बनाएंगे, अपनी Quality और बेहतर करेंगे, सप्लाई चेन को और आधुनिक बनाएंगे, ये हम कर सकते हैं और हम जरूर करेंगे.
- दुनिया को विश्वास होने लगा है कि भारत बहुत अच्छा कर सकता है, मानव जाति के कल्याण के लिए बहुत कुछ अच्छा दे सकता है. सवाल यह है -कि आखिर कैसे? इस सवाल का भी उत्तर है- 130 करोड़ देशवासियों का आत्मनिर्भर भारत का संकल्प.
- जिंदगी और मौत की लड़ाई लड़ रही दुनिया में आज भारत की दवाइयां एक नई आशा लेकर पहुंचती हैं. इन कदमों से दुनिया भर में भारत की भूरि-भूरि प्रशंसा होती है, तो हर भारतीय गर्व करता है.
- इंटरनेशनल सोलर अलायंस, ग्लोबर वॉर्मिंग के खिलाफ भारत की सौगात है. इंटरनेशनल योगा दिवस की पहल, मानव जीवन को तनाव से मुक्ति दिलाने के लिए भारत का उपहार है.
20:14 May 12
पीएम मोदी का संबोधन
- एक राष्ट्र के रूप में आज हम एक बहुत ही अहम मोड़ पर खड़े हैं. इतनी बड़ी आपदा, भारत के लिए एक संकेत लेकर आई है, एक संदेश लेकर आई है, एक अवसर लेकर आई है.
- जब कोरोना संकट शुरु हुआ, तब भारत में एक भी पीपीई (PPE) किट नहीं बनती थी. एन-95 मास्क का भारत में नाममात्र उत्पादन होता था. आज स्थिति ये है कि भारत में ही हर रोज 2 लाख PPE और 2 लाख एन-95 मास्क बनाए जा रहे हैं.
- विश्व के सामने भारत का मूलभूत चिंतन, आशा की किरण नजर आता है. भारत की संस्कृति, भारत के संस्कार, उस आत्मनिर्भरता की बात करते हैं, जिसकी आत्मा वसुधैव कुटुंबकम है.
- भारत जब आत्मनिर्भरता की बात करता है, तो आत्मकेंद्रित व्यवस्था की वकालत नहीं करता. भारत की आत्मनिर्भरता में संसार के सुख, सहयोग और शांति की चिंता होती है.
- जो पृथ्वी को मां मानती हो, वो संस्कृति, वो भारतभूमि, जब आत्मनिर्भर बनती है, तब उससे एक सुखी-समृद्ध विश्व की संभावना भी सुनिश्चित होती है.
- भारत की प्रगति में तो हमेशा विश्व की प्रगति समाहित रही है. भारत के लक्ष्यों का प्रभाव, भारत के कार्यों का प्रभाव, विश्व कल्याण पर पड़ता है.
- जब भारत खुले में शौच से मुक्त होता है तो दुनिया की तस्वीर बदल जाती है. टीबी हो, कुपोषण हो, पोलियो हो, भारत के अभियानों का असर दुनिया पर पड़ता ही पड़ता है.
19:58 May 12
पीएम मोदी का संबोधन
- सभी देशवासियों को आदर पूर्वक नमस्कार, कोरोना संक्रमण से मुकाबला करते हुए दुनिया को अब चार महीने से ज्यादा हो रहे हैं.
- साथियों, एक वायरस ने दुनिया को तहस-नहस कर दिया है। विश्व भर में करोड़ों जिंदगियां संकट का सामना कर रही हैं। सारी दुनिया, जिंदगी बचाने की जंग में जुटी है.
- लेकिन थकना, हारना, टूटना-बिखरना, मानव को मंजूर नहीं है। सतर्क रहते हुए, ऐसी जंग के सभी नियमों का पालन करते हुए, अब हमें बचना भी है और आगे भी बढ़ना है.
- जब हम इन दोनों कालखंडो को भारत के नजरिए से देखते हैं तो लगता है कि 21वीं सदी भारत की हो, ये हमारा सपना नहीं, ये हम सभी की जिम्मेदारी है.
- विश्व की आज की स्थिति हमें सिखाती है कि इसका मार्ग एक ही है- 'आत्मनिर्भर भारत'.
12:15 May 12
प्रधानमंत्री मोदी का संबोधन
नई दिल्ली : कोरोना संकट के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को संबोधित किया. बता दें कि देश में कोरोना वायरस से निबटने के लिए 17 मई तक लॉकडाउन है. इससे पहले प्रधानमंत्री कार्यालय ने ट्वीट करके पीएम के संबोधन की जानकारी दी थी.
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से अलग-अलग राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ संवाद किया था. इस दौरान उन्होंने देश में कोरोना वायरस संकट पर चर्चा की. संवाद में ज्यादातर मुख्यमंत्रियों ने यात्री ट्रेनों को अभी न शुरू किए जाने की अपील की. बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने ट्रेन सेवाएं फिर शुरू होने का जिक्र करते हुए कहा था कि आर्थिक गतिविधि बढ़ाना जरूरी है, लेकिन सारे मार्गों पर ट्रेनें नहीं चलेंगी.
पीएम मोदी ने कहा था कि पहले चरण में लॉकडाउन के जिन कदमों की जरूरत थी, उनकी दूसरे चरण में नहीं थी, तीसरे चरण में जरूरी कदमों की चौथे में आवश्यकता नहीं. प्रधानमंत्री मोदी ने मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक में कहा था कि जीवन का नया मार्ग व्यक्ति से पूर्ण मानवता की ओर के सिद्धांत पर होगा.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्रियों से कहा था कि अर्थव्यवस्था पर रोडमैप के लिए राज्यों द्वारा दिये गये सुझावों पर उचित ध्यान दिया गया. मोदी ने मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से बातचीत में कहा था कि आज आप जो सुझाव देते हैं, उसके आधार पर हम देश की आगे की दिशा तय कर पाएंगे.'