Nag Panchami 2023: इस गांव में कभी लगता था नागों का जमावड़ा, इसीलिए नाम पड़ा 'नागस्थान'
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मसौढ़ी: सावन के पावन महीने में एक तरफ जहां भगवान भोलेनाथ की पूजा आराधना हो रही है. वहीं उनके गले में हार बनकर रहने वाले नाग देवता की भी पूजा हो रही है. आज नाग पंचमी है. पूरे देश भर में नाग पंचमी पर नाग देवता की पूजा की जा रही है और कहा जाता है कि आज नाग देवता की पूजा करने पर सर्प दोष मिट जाता है. इसी कड़ी में मसौढ़ी मुख्यालय से तकरीबन 13 किलोमीटर की दूरी पर नागस्थान गांव है. जहां पर कहा जाता है कि कभी नागों का जमावड़ा हुआ करता था, बहुत सारे नागों का वह घर था. ऐसे में उस गांव का नाम नागस्थान रखा गया. इसके पीछे कई पौराणिक कथाएं हैं. दिसमें कहा जाता है कि जब महाराज गरुड़ सृष्टि के पूरे सांपों का भक्षण कर रहे थे. तब नागों के गुरु महाराज ने उन्हें एक जगह चिन्हित कर उन्हें छुपने का निर्देश दिया था. तब सभी नाग वहीं पर आकर छुप गए थे. उसी समय से उस जगह का नाम नागस्थान पड़ा. इस गांव की अमरावती देवी ने बताया की गांव में आज तक किसी को भी सांपों ने हानि नहीं पहुंचाया है. जब धान की रोपनी की शुरुआत होती है उस वक्त बहुत सारे सांप इधर-उधर खेतों में दिखते हैं लेकिन किसी को भी सांप ने आज तक नहीं काटा है. नागपंचमी पर उसका विधिवत हम सभी लोग पूजा अर्चना करते हैं. गांव के बीच खेत में नाग बाबा को स्थान बनाया गया है. वो हर साल नाग पंचमी पर नाग देवता की पूजा करते हैं.