Prashant Kishor : 'सत्ता में बैठे लोग अल्पसंख्यकों को भयभीत रख सिर्फ वोट लेते, उनकी सुरक्षा की किसी को चिंता नहीं'
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सारण : जन सुराज पदयात्रा के दौरान सारण के दिघवारा में प्रशांत किशोर ने बिहार में रामनवमी पर हुए सांप्रदायिक घटनाओं के मामले में राज्य सरकार पर हमला बोला. उन्होंने कहा कि जब सरकार का इकबाल खत्म हो जाता है तो इस तरह की समस्या देखने को मिलती है. जब सरकार का डर ही खत्म हो गया है तो भ्रष्टाचार हो, बिगड़ती कानूनी व्यवस्था हो या जातीय हिंसा की बात हो, इस तरह की घटनाएं अपने आप बढ़ जाती है. पिछले 5 सालों से नेशनल हाईवे पर जबरन वसूली हो रही है और सरकार को भी इस बात की जानकारी होगी तब भी वसूली करने वाले के भीतर कोई डर नहीं है. जो धार्मिक हिंसा नालंदा और सासाराम जिलों में हुई है वो बहुत दुखद घटना है. ये लोग जो आज सरकार में हैं, अल्पसंख्यकों के नाम पर वोट लेते हैं, लेकिन इनका अल्पसंख्यकों से कोई लेना-देना नहीं है, इन्हें बस उनके वोट से लेना-देना है. पदयात्रा के दौरान जितने भी अल्पसंख्यक गांव में गया, वहां देखने को मिला कि अल्संख्यकों की स्थिति बहुत दयनीय है. दलितों के बाद जो बदहाली सबसे ज्यादा है वो अल्संख्यक समाज की है. जो लोग अल्संख्यकों का वोट लेते हैं, वो सिर्फ इस नाम पर वोट लेते हैं कि वो उन्हें सुरक्षा देंगे. लेकिन सासाराम और बिहारशरीफ में हुई घटनाओं ने भी इस बात की पोल खोल दी है कि नेता सुरक्षा नहीं दे रहे हैं. नेता सिर्फ ये सोचते है कि अल्संख्यक समाज भयभीत रहे और उनको वोट देता रहे.