Chaiti Chhath 2023: छठी मैया को ये भोग हैं अति प्रिय, ठेकुआ के बिना महाप्रसाद अधूरा
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पटना: छठ महापर्व में प्रसाद का विशेष महत्व होता है. चार दिवसीय पूजा के दौरान तीसरे दिन छठी मैया को महाप्रसाद के रूप में ठेकुआ चढ़ाया जाता है और कहा जाता है कि बिना ठेकुआ के यह त्योहार अधूरा है. महापर्व के चार दिवसीय अनुष्ठान के आज तीसरे दिन अस्ताचलगामी भगवान भास्कर को छठव्रतियों ने अर्घ्य अर्पित किया. छठ महापर्व में ऐसे तो कई प्रसाद चढ़ाये जाते हैं लेकिन उसमें सबसे मुख्य ठेकुआ का प्रसाद होता है. इसे गुड़ और आटे से बनाया जाता है. छठ की पूजा बिना ठेकुआ के नहीं होता, इसके बिना पूजा अधूरी मानी जाती है. छठ के महाप्रसाद में 8 फल का प्रयोग किया जाता है जिसमें केला, डाभ, नींबू नारियल ,सुथनी, सुपारी सिघाड़ा के साथ-साथ मुख्य रूप से ठेकुआ का प्रसाद लगाया जाता है इसका काफी महत्व रहा है. चैती छठ पूजा 4 दिनों तक मनाया जाता है जिसमें सोमवार को तीसरे दिन संध्याकालीन भगवान भास्कर को अर्घ्य दिया गया. गेहूं के आटे और गुड़ को मिलाकर बनाए जाने वाले ठेकुआ का इस महापर्व में विशेष स्थान होता है. ठेकुआ को छठ पूजा के दौरान बहुत ही नियम और सतर्कता से बनाया जाता है.