प्रकृति पूजन को महत्व देने वाले आदिवासी आज भी हो रहे हैं उपेक्षा का शिकार
🎬 Watch Now: Feature Video
9 अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस मनाया जाता है. 1982 से शुरू हुई यह परंपरा आदिवासियों के लिए एक त्यौहार से कम नहीं है, लेकिन इस बार कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामले को देखते हुए आदिवासी कोई बड़ा आयोजन नहीं कर रहे हैं. मौके पर प्रकृति पूजन और लोकनृत्य के माध्यम से आदिवासी अपनी खुशी का इजहार कर रहे हैं. बगहा इलाके के लाखों आदिवासी धूमधाम से आदिवासी दिवस मना रहे हैं. इसे वे लोग एक पर्व की तरह सालों से मनाते आ रहे हैं. हालांकि इस बार इसपर भी कोरोना का असर देखने को मिल रहा है. चंपारण आदिवासी उरांव महासभा प्रकृति की पूजा और लोकनृत्य कर अपने परम्परा का वहन कर रही है.