मधुबनी में मनाया गया भाई-बहन का त्योहार सामा चकेवा, बहनों ने की भाइयों की लंबी उम्र और समृद्धि की कामना
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मधुबनीः मिथिलांचल के प्रसिद्ध भाई बहन का त्योहार सामा चकेवा कार्तिक शुक्ल पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है. यह पर्व भाई-बहन के प्यार के तौर पर मनाया जाता है, इसलिए मिथिलांचल में इसे मिथिलांचल का भाई बहन का भैया दूज त्यौहार भी कहा जाता है. बहनें अपने भाइयों को धान की नई फसल का चूड़ा और दही खिलाकर सामा चकेवा की मूर्ति को तालाब में विसर्जित करती हैं. यह मनोरम दृश्य मधुबनी के कमला बलान नदी के परतापुर तट पर देखने को मिला. जहां सैकड़ों की संख्या में भाई-बहन की जोड़ी कमला नदी के तट परतापुर घाट पर पहुंची और अपने भाई बहन का गीत गाकर त्योहार मनाया. सभी ने इस मौके पर लोकपर्व के गीत गाये और अगले साल फिर से पर्व मनाने का संकल्प जताया. इस अवसर पर बहनों ने अपने भाई की लंबी उम्र व सुख समृद्धि के लिए कामना की. यह पर्व मिथिलांचल और भारतीय सभ्यता एवं संस्कृति की धरोहर है. ग्रामीण इलाका आज भी सुंदर और स्वस्थ है. यहां की माताएं बहने बड़े हर्षोल्लास के साथ इसे मनाती हैं. प्रतापपुर घाट पर महिलाएं अपने भाई-बहन के साथ चचरी के सहारे नदी पार कर पर्व मनाने पहुंचती हैं. सुरक्षा के लिए पूजा कमेटी के सदस्य तट पर मौजूद रहे. महिलाओं ने बताया कि भाई-बहन का यह पवित्र त्यौहार है, कार्तिक शुक्ल पूर्णिमा को यहां पर मनाया जाता है.
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