पश्चिमी चंपारण (बगहा): पीएम मोदी के आत्मनिर्भर भारत के संदेश को साकार करने में दियारा इलाके की महिलाएं जी जान से जुटी हैं. जिला के ठकराहां, चखनी और इंडो-नेपाल सीमा से सटे गंडक नदी किनारे के झंडू टोला इलाके की सैकड़ों माहिलाएं मशरूम की खेती कर आत्मनिर्भरता का संदेश दे रही हैं और अपने आजीविका को मजबूती प्रदान कर रही हैं.
रास आई आत्मनिर्भर भारत का मूल मंत्र
जिला में आधी आबादी को देश के प्रधानमंत्री का मूल मंत्र आत्मनिर्भर बनें, काफी रास आ रही है. नतीजतन दियारावर्ती इलाके की माहिलाएं बड़े पैमाने पर मशरूम का उत्पादन कर आत्मनिर्भर भारत के पीएम के मूल मंत्र को साकार करने में जुटी हैं. गंडक नदी किनारे बसे चखनी-रजवटिया, धनहा-ठकराहां और झंडू टोला जैसे बाढ़ ग्रस्त दियारा क्षेत्र की माहिलाएं जीविकोपार्जन के लिए घरों में मशरूम का उत्पादन कर रही हैं.
प्रशिक्षण प्राप्त कर महिलाओं को कर रही जागरूक
दरअसल, स्वयं सहायता समूह से जुड़ी माहिलाएं पहले खुद प्रशिक्षण ली और फिर इलाके के ज्यादा से ज्यादा महिलाओं को प्रशिक्षित कर उन्हें आत्म निर्भर बनाने का बीड़ा उठाया है. ऐसे में अब तक सैकड़ों माहिलाएं मशरूम के उत्पादन से जुड़ गईं हैं. उनका कहना है कि वे पीएम मोदी के आत्मनिर्भर भारत के मूल मंत्र को स्वयं आत्मनिर्भर बन कर साकार कर रही हैं. मशरूम का उत्पादन कर रही महिलाओं का कहना है कि उनके आजीविका के लिए यह वरदान साबित होगा.
संस्था के सहयोग से आत्मनिर्भर बन रही माहिलाएं
बाढ़ प्रभावित दियारावर्ती इलाकों में किसानों और महिलाओं के बेहतरी के लिए कार्य कर रही गोरखपुर एनवायरनमेंटल एक्शन ग्रुप संस्था के सदस्यों ने इन महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने का गुर सिखाया. संस्था के प्रशिक्षण कर्ता का कहना है कि ज्यादा से ज्यादा महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए इलाके में जागरूकता और प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं. ताकि लोगों के जीविकोपार्जन की राह आसान हो सके.