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बगहाः जल संसाधन विभाग की टीम ने की ध्वस्त पायलट बांध की जांच, ग्रामीणों ने जताया असंतोष

आदिवासी बहुल हरिहर पुर और गुदगुदी गांव सहित दर्जनों गांव को बाढ़ की विभीषिका से बचाने के लिए मसान नदी में पायलट बांध का निर्माण हुआ था. लेकिन यह बांध पहले ही बाढ़ में ध्वस्त हो गया था और दर्जनों गांव पानी मे डूब गए थे. जिसको लेकर ग्रामीण लम्बे समय से आंदोलन कर रहे थे.

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Published : Jun 12, 2020, 8:16 AM IST

बगहाः जल संसाधन विभाग की टीम गुरुवार को जिला अंतर्गत रामनगर प्रखंड के ग्राम पंचायत राज गुदगुदी के हरिहरपुर गांव पहुंची. जहां मसान नदी में हुए पूर्व के बढ़ाव कटाव कार्यों का जायजा लिया. हालांकि अधिकारियों के जांच पर ग्रामीणों ने असंतोष जताया है.

आदिवासी बहुल इलाके में मसान नदी पर बना था बांध
आदिवासी बहुल हरिहर पुर और गुदगुदी गांव सहित दर्जनों गांव को बाढ़ की विभीषिका से बचाने के लिए मसान नदी में पायलट बांध का निर्माण हुआ था. लेकिन यह बांध पहले ही बाढ़ में ध्वस्त हो गया था और दर्जनों गांव पानी मे डूब गए थे. जिसको लेकर ग्रामीण लम्बे समय से आंदोलन कर रहे थे.

देखें पूरी रिपोर्ट

एक रिटायर्ड फौजी ने सीएम से आवेदन दे कि थी शिकायत
मसान नदी में बनाए गए पायलट बांध के ध्वस्त हो जाने पर एक रिटायर्ड फौजी रमेश कुमार ने आवेदन लिख मुख्यमंत्री, जिलाधिकारी और जलसंसाधन विभाग से जांच करने की गुहार लगाई थी. शिकायतकर्ता ने अपने दिए आवेदन में कटावरोधी कार्य कराने वाले संवेदको को कटघरे में खड़ा करते हुए आरोप लगाया था कि सही तरीके से पायलट बांध का निर्माण नहीं हुआ था. जिस वजह से निर्माण के बाद ही पहली बाढ़ में बांध टूट गया था और दर्जनों गांव जलमग्न हो गए थे.

patna
ध्वस्त पायलट बांध की जांच करते अधिकारी

4 करोड़ की लागत से बना था बांध
वहीं, ईटीवी भारत ने 4 करोड़ की लागत से बने इस ध्वस्त बांध में हुए अनियमितता से सम्बंधित एक विशेष खबर प्रमुखता से वर्ष 2019 में दिखाई थी. तभी से ग्रामीण लगातार इस ध्वस्त बांध में हुए मनमानी की शिकायत करते आ रहे हैं. इसी शिकायत को ले जल संसाधन विभाग की तरफ से एक फ्लाइंग स्क्वॉयड टीम को जांच के लिए भेजा गया था. जिन्होंने जांचोपरांत मीडिया से बात करना मुनासिब नहीं समझा. वहीं ग्रामीणों ने उनके जांच पर भी असंतोष जताया है.

बगहाः जल संसाधन विभाग की टीम गुरुवार को जिला अंतर्गत रामनगर प्रखंड के ग्राम पंचायत राज गुदगुदी के हरिहरपुर गांव पहुंची. जहां मसान नदी में हुए पूर्व के बढ़ाव कटाव कार्यों का जायजा लिया. हालांकि अधिकारियों के जांच पर ग्रामीणों ने असंतोष जताया है.

आदिवासी बहुल इलाके में मसान नदी पर बना था बांध
आदिवासी बहुल हरिहर पुर और गुदगुदी गांव सहित दर्जनों गांव को बाढ़ की विभीषिका से बचाने के लिए मसान नदी में पायलट बांध का निर्माण हुआ था. लेकिन यह बांध पहले ही बाढ़ में ध्वस्त हो गया था और दर्जनों गांव पानी मे डूब गए थे. जिसको लेकर ग्रामीण लम्बे समय से आंदोलन कर रहे थे.

देखें पूरी रिपोर्ट

एक रिटायर्ड फौजी ने सीएम से आवेदन दे कि थी शिकायत
मसान नदी में बनाए गए पायलट बांध के ध्वस्त हो जाने पर एक रिटायर्ड फौजी रमेश कुमार ने आवेदन लिख मुख्यमंत्री, जिलाधिकारी और जलसंसाधन विभाग से जांच करने की गुहार लगाई थी. शिकायतकर्ता ने अपने दिए आवेदन में कटावरोधी कार्य कराने वाले संवेदको को कटघरे में खड़ा करते हुए आरोप लगाया था कि सही तरीके से पायलट बांध का निर्माण नहीं हुआ था. जिस वजह से निर्माण के बाद ही पहली बाढ़ में बांध टूट गया था और दर्जनों गांव जलमग्न हो गए थे.

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ध्वस्त पायलट बांध की जांच करते अधिकारी

4 करोड़ की लागत से बना था बांध
वहीं, ईटीवी भारत ने 4 करोड़ की लागत से बने इस ध्वस्त बांध में हुए अनियमितता से सम्बंधित एक विशेष खबर प्रमुखता से वर्ष 2019 में दिखाई थी. तभी से ग्रामीण लगातार इस ध्वस्त बांध में हुए मनमानी की शिकायत करते आ रहे हैं. इसी शिकायत को ले जल संसाधन विभाग की तरफ से एक फ्लाइंग स्क्वॉयड टीम को जांच के लिए भेजा गया था. जिन्होंने जांचोपरांत मीडिया से बात करना मुनासिब नहीं समझा. वहीं ग्रामीणों ने उनके जांच पर भी असंतोष जताया है.

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