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गंडक नदी का बढ़ा जलस्तर, एसएसबी कैम्प सहित कई गांवों में घुसा पानी

प्रशासन ने सभी प्रभावित परिवारों को पीपी तटबंध पर सुरक्षित कर दिया है. प्रभावित परिवारों के बीच सीओ शैलेन्द्र कुमार ने पॉलीथिन का वितरण कर तंबू जैसा ढांचा तैयार कराया है. बरसात के दौरान लोग इसमें रह सकते हैं.

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Published : Jul 11, 2020, 1:56 PM IST

पश्चिम चंपारण(वाल्मीकिनगर): बिहार के कई जिलों में नदियों का जलस्तर बढ़ गया है. जिले में गंडक नदी का जलस्तर भी बढ़ गया है. जिससे वाल्मीकिनगर विधानसभा क्षेत्र स्थिति पिपरा पिपरासी तटबंध पर नदी के बढ़े जलस्तर के कारण दबाव बन गया है. जिससे बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. इसे लेकर लोगों में भय का माहौल व्याप्त हो गया है.

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एसएसबी कैंप में नाव का सहारा.

कई गांवों में घुसा बाढ़ का पानी
बरसात के सीजन में इस बार गंडक बराज वाल्मीकि नगर से सबसे अधिक दो लाख 2 लाख 86 हजार क्यूरेट पानी छोड़ा गया है. इससे तराई क्षेत्र में बाढ़ का खतरा बन गया है. भितहा प्रखंड के शेरा टोला और जिगनही गांव के दो दर्जन घरों, एसएसबी कैम्प, चकदहवा, झंडू टोला, बिन टोली, कांटी टोला सहित कई गांव में बाढ़ का पानी घुस गया है. जिससे लोगों का जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है.

देखें रिपोर्ट

लोगों में भय का माहौल
प्रशासन ने सभी प्रभावित परिवारों को पीपी तटबंध पर सुरक्षित कर दिया है. प्रभावित परिवारों के बीच सीओ शैलेन्द्र कुमार ने पॉलीथिन का वितरण कर तंबू जैसा ढांचा तैयार कराया है. बरसात के दौरान लोग इसमें रह सकते हैं. वहीं, अमवा खास बांध के स्पर और नोज नदी में विलीन हो गए हैं. इससे ठकराहा प्रखंड के लोगों में भय का माहौल बना हुआ है.

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घर के छत पर रखा सामान

अधिकारी कर रहे हैं कैम्प
सीओ शैलेन्द्र कुमार और बीडीओ दिनेश कुमार सिंह ने बताया कि दिन रात अधिकारी बांध पर कैम्प कर रहे हैं. सिचाई विभाग के सभी अधिकारी अलर्ट मोड में हैं. सभी कर्मियों की छुट्टी निरस्त करते हुए तटबंध पर रहने का निर्देश दिया गया है. अधिकारियों ने बताया कि अभी बांध को कोई खतरा नहीं है फिर भी उससे सटे गांव के लोगों को सुरक्षित स्थान पर जाने की चेतावनी दे दी गई है.

पश्चिम चंपारण(वाल्मीकिनगर): बिहार के कई जिलों में नदियों का जलस्तर बढ़ गया है. जिले में गंडक नदी का जलस्तर भी बढ़ गया है. जिससे वाल्मीकिनगर विधानसभा क्षेत्र स्थिति पिपरा पिपरासी तटबंध पर नदी के बढ़े जलस्तर के कारण दबाव बन गया है. जिससे बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. इसे लेकर लोगों में भय का माहौल व्याप्त हो गया है.

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एसएसबी कैंप में नाव का सहारा.

कई गांवों में घुसा बाढ़ का पानी
बरसात के सीजन में इस बार गंडक बराज वाल्मीकि नगर से सबसे अधिक दो लाख 2 लाख 86 हजार क्यूरेट पानी छोड़ा गया है. इससे तराई क्षेत्र में बाढ़ का खतरा बन गया है. भितहा प्रखंड के शेरा टोला और जिगनही गांव के दो दर्जन घरों, एसएसबी कैम्प, चकदहवा, झंडू टोला, बिन टोली, कांटी टोला सहित कई गांव में बाढ़ का पानी घुस गया है. जिससे लोगों का जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है.

देखें रिपोर्ट

लोगों में भय का माहौल
प्रशासन ने सभी प्रभावित परिवारों को पीपी तटबंध पर सुरक्षित कर दिया है. प्रभावित परिवारों के बीच सीओ शैलेन्द्र कुमार ने पॉलीथिन का वितरण कर तंबू जैसा ढांचा तैयार कराया है. बरसात के दौरान लोग इसमें रह सकते हैं. वहीं, अमवा खास बांध के स्पर और नोज नदी में विलीन हो गए हैं. इससे ठकराहा प्रखंड के लोगों में भय का माहौल बना हुआ है.

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घर के छत पर रखा सामान

अधिकारी कर रहे हैं कैम्प
सीओ शैलेन्द्र कुमार और बीडीओ दिनेश कुमार सिंह ने बताया कि दिन रात अधिकारी बांध पर कैम्प कर रहे हैं. सिचाई विभाग के सभी अधिकारी अलर्ट मोड में हैं. सभी कर्मियों की छुट्टी निरस्त करते हुए तटबंध पर रहने का निर्देश दिया गया है. अधिकारियों ने बताया कि अभी बांध को कोई खतरा नहीं है फिर भी उससे सटे गांव के लोगों को सुरक्षित स्थान पर जाने की चेतावनी दे दी गई है.

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