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'नरकटियागंज नगर परिषद कर रहा डस्टबिन का बड़ा खेल', बेतिया में कचरे की शोभा बढ़ा रहा 25 लाख का कूड़ेदान

Dustbin Thrown In Garbage In Bettiah: जिस कूड़ेदान पर मुहल्ले और पूरे शहर की गंदगी को साफ करने की जिम्मेदारी है, वो कूड़ेदान खुद कूड़े की शोभा बढ़ा रहा है. मामला बेतिया के नरकटियागंज नगर परिषद का है, जहां सरकारी राशि का कैसे बंदरबाट किया जाता है, ये जानने के लिए पूरी खबर विस्तार से पढ़ें.

बेतिया में कूड़े की ढ़ेर में कूड़ेदान
बेतिया में कूड़े की ढ़ेर में कूड़ेदान
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Dec 5, 2023, 6:13 AM IST

देखें रिपोर्ट

बेतिया: यूं तो अक्सर ही बिहार में सरकारी संसाधनों में अभाव देखने को मिलता है. लेकिन बेतिया के नरकटियागंज नगर परिषद में संसाधन होते हुए भी कैसे उसकी बर्बादी की जा रही है, इसे साफ देखा जा सकता है. यहां शहर को स्वच्छ बनाने के लिए कचरा प्रबंधन के लिए आई डस्टबिन कबाड़ में तब्दील हो गई. ये डस्टबिन कूड़े की शोभा बढ़ा रही है.

सरकारी राशि का बंदरबाट: बता दें कि वर्ष 2020 में लाखों की लागत से गैल्वनाइज डस्टबिन (लोहे के हरे रंग के बड़े डस्टबीन) की खरीद रेवड़ियों की तर्ज पर की गई हैं. अब यह डस्टबिन कूड़ा उठाने के काम नहीं आता बल्कि ये खुद कूड़े में पड़ा है, ये सोच कर कि कोई इसे उठा ले और इसे इसके सही जगह पर पहुंचा दे.

50 हजार रुपए की एक डस्टबिन: बताया गया कि एक डस्टबिन की कीमत लगभग 50 हजार रुपए है और ऐसे 50 से 60 डस्टबिन फेंके हुए हैं, जिसकी सुध लेने वाला कोई नहीं है. नरकटियागंज में विकास के नाम पर सरकारी राशि की लूट की खुली छूट का खेल चरम सीमा पर है. महज 2 साल के भीतर ही वे डस्टबिन खुद कचरे में तब्दील होकर कृषि बाजार समिति प्रांगण में अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहे हैं.

नरकटियागंज नगर परिषद कार्यालय
नरकटियागंज नगर परिषद कार्यालय

पैसों की बर्बादी से लोगों में आक्रोश: इसको लेकर स्थानीय लोगों में काफी आक्रोश है. उनका कहना है कि ये उनके टैक्स की बर्बादी हो रही है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. उनका कहना है कि डस्टबिन सड़कों पर होना चाहिए ताकि कूड़ा डस्टबिन में डाला जा सके. लेकिन यह डस्टबिन खुद कूड़े में पड़ा हुआ है. लोगों ने बताया कि इस पर नगर परिषद के किसी भी अधिकारी या जनप्रतिनिधि का ध्यान नहीं है.

नगर परिषद पर भ्रष्टाचार का आरोप: स्थानीय सागर श्रीवास्तव बताते हैं कि नरकटियागंज नगर परिषद भ्रष्टाचार की बलि चढ़ रहा है. बताया कि विगत तीन-चार साल से यहांं डस्टबिन का खेल चल रहा है. उन्होंने नगर परिषद के अधिकारियों पर सरकारी पैसे का बंदरबाट किए जाने का आरोप लगाता हुए बताया कि पहले प्लास्टिक का डस्टबिन, फिर स्टील का डस्टबिन और फिर लोहे के डस्टबिन के बहाने से हर महीने निविदा होती है और पैसों का घपला किया जाता है.

डस्टबिन की हो रही बर्बादी
डस्टबिन की हो रही बर्बादी

"ये पैसे का दुरुपयोग है. एक डस्टबिन की कीमत 50 हजार रुपए से अधिक ही है. नगर के वार्ड नं. 1-25 तक में जाकर देख लीजिए, सिर्फ दो-तीन वार्डों में ही डस्टबिन मिलेगा, बाकि में कचरा फेंकने के लिए कुछ नहीं लगाया गया है. नरकटियागंज नगर परिषद भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रहा है. जनता की गाढ़ी कमाई को कूड़ेदान में लगाकर उसे कूड़ेदान में फेंक दिया जा रहा है."- स्थानीय

'स्थल का निरीक्षण कर लगेगा डस्टबिन': वहीं कृषि बाजार में कूड़े में पड़े डस्टबिन को लेकर नरकटियागंज नगर परिषद के नगर कार्यपालक पदाधिकारी आमिर सुहैल से बात की गई तो उन्होंने बताया कि लोहे के डस्टबिन खरीदे गए थे. जो शहर में कई जगहों पर लगे हुए हैं और कुछ खराब हो गए हैं, जिनकी मरमती चल रही है. बताया कि जहां-जहां डस्टबिन नहीं है, उस स्थल का निरीक्षण कर वहां पर उन डस्टबिन को प्रयोग में लाया जाएगा.

ETV Bharat gfx
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"हमारे द्वारा नरकटियागंज नगर परिषद में जांच की जा रही है कि कहां-कहां डस्टबिन नहीं हैं. अगर कूड़ेदान को कूड़े में डाल दिया गया है तो हम उसकी जांच कर रहे हैं. कुछ इलाकों में जगह की कमी के कारण अभी डस्टबिन नहीं लगाया गया है. लेकिन जल्द ही स्थल का निरीक्षण कर लगवा दिया जाएगा."- आमिर सुहैल, नगर कार्यपालक पदाधिकारी

बहरहाल फिलहाल ये मामला जांच का विषय है. वहीं नरकटियागंज नगर परिषद के द्वारा इतनी बड़ी लापरवाही उचित नहीं है. सरकारी पैसे को इस तरह से बर्बाद करना नरकटियागंज नगर परिषद की उदासीनता को झलकाता है.

पढ़ें: खगड़िया: 14 साल पहले बना आधुनिक शव गृह, पर अब तक नहीं हुआ एक भी दाह संस्कार

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सरकारी राशि का बंदरबाट: बता दें कि वर्ष 2020 में लाखों की लागत से गैल्वनाइज डस्टबिन (लोहे के हरे रंग के बड़े डस्टबीन) की खरीद रेवड़ियों की तर्ज पर की गई हैं. अब यह डस्टबिन कूड़ा उठाने के काम नहीं आता बल्कि ये खुद कूड़े में पड़ा है, ये सोच कर कि कोई इसे उठा ले और इसे इसके सही जगह पर पहुंचा दे.

50 हजार रुपए की एक डस्टबिन: बताया गया कि एक डस्टबिन की कीमत लगभग 50 हजार रुपए है और ऐसे 50 से 60 डस्टबिन फेंके हुए हैं, जिसकी सुध लेने वाला कोई नहीं है. नरकटियागंज में विकास के नाम पर सरकारी राशि की लूट की खुली छूट का खेल चरम सीमा पर है. महज 2 साल के भीतर ही वे डस्टबिन खुद कचरे में तब्दील होकर कृषि बाजार समिति प्रांगण में अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहे हैं.

नरकटियागंज नगर परिषद कार्यालय
नरकटियागंज नगर परिषद कार्यालय

पैसों की बर्बादी से लोगों में आक्रोश: इसको लेकर स्थानीय लोगों में काफी आक्रोश है. उनका कहना है कि ये उनके टैक्स की बर्बादी हो रही है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. उनका कहना है कि डस्टबिन सड़कों पर होना चाहिए ताकि कूड़ा डस्टबिन में डाला जा सके. लेकिन यह डस्टबिन खुद कूड़े में पड़ा हुआ है. लोगों ने बताया कि इस पर नगर परिषद के किसी भी अधिकारी या जनप्रतिनिधि का ध्यान नहीं है.

नगर परिषद पर भ्रष्टाचार का आरोप: स्थानीय सागर श्रीवास्तव बताते हैं कि नरकटियागंज नगर परिषद भ्रष्टाचार की बलि चढ़ रहा है. बताया कि विगत तीन-चार साल से यहांं डस्टबिन का खेल चल रहा है. उन्होंने नगर परिषद के अधिकारियों पर सरकारी पैसे का बंदरबाट किए जाने का आरोप लगाता हुए बताया कि पहले प्लास्टिक का डस्टबिन, फिर स्टील का डस्टबिन और फिर लोहे के डस्टबिन के बहाने से हर महीने निविदा होती है और पैसों का घपला किया जाता है.

डस्टबिन की हो रही बर्बादी
डस्टबिन की हो रही बर्बादी

"ये पैसे का दुरुपयोग है. एक डस्टबिन की कीमत 50 हजार रुपए से अधिक ही है. नगर के वार्ड नं. 1-25 तक में जाकर देख लीजिए, सिर्फ दो-तीन वार्डों में ही डस्टबिन मिलेगा, बाकि में कचरा फेंकने के लिए कुछ नहीं लगाया गया है. नरकटियागंज नगर परिषद भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रहा है. जनता की गाढ़ी कमाई को कूड़ेदान में लगाकर उसे कूड़ेदान में फेंक दिया जा रहा है."- स्थानीय

'स्थल का निरीक्षण कर लगेगा डस्टबिन': वहीं कृषि बाजार में कूड़े में पड़े डस्टबिन को लेकर नरकटियागंज नगर परिषद के नगर कार्यपालक पदाधिकारी आमिर सुहैल से बात की गई तो उन्होंने बताया कि लोहे के डस्टबिन खरीदे गए थे. जो शहर में कई जगहों पर लगे हुए हैं और कुछ खराब हो गए हैं, जिनकी मरमती चल रही है. बताया कि जहां-जहां डस्टबिन नहीं है, उस स्थल का निरीक्षण कर वहां पर उन डस्टबिन को प्रयोग में लाया जाएगा.

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"हमारे द्वारा नरकटियागंज नगर परिषद में जांच की जा रही है कि कहां-कहां डस्टबिन नहीं हैं. अगर कूड़ेदान को कूड़े में डाल दिया गया है तो हम उसकी जांच कर रहे हैं. कुछ इलाकों में जगह की कमी के कारण अभी डस्टबिन नहीं लगाया गया है. लेकिन जल्द ही स्थल का निरीक्षण कर लगवा दिया जाएगा."- आमिर सुहैल, नगर कार्यपालक पदाधिकारी

बहरहाल फिलहाल ये मामला जांच का विषय है. वहीं नरकटियागंज नगर परिषद के द्वारा इतनी बड़ी लापरवाही उचित नहीं है. सरकारी पैसे को इस तरह से बर्बाद करना नरकटियागंज नगर परिषद की उदासीनता को झलकाता है.

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