बेतिया: बिहार के बेतिया (Bettiah) जिले में बारिश आने पर हर साल बाढ़ का खतरा बना रहता है. इस बार भी ग्रामीण बूढ़ी गंडक नदी (Budhi Gandak River) के कटाव के कारण दहशत में हैं. उनका कहना है कि 2007 से ही बूढी गंडक नदी तबाही मचाती आ रही है.
नदी के कटाव के कारण हर साल ग्रामीण सहमे रहते हैं. इस गांव की आबादी लगभग 1200 है. ऐसे में जब भी बारिश आती है तो कटाव का डर सताने लगता है. इसलिए ग्रामीणों ने डीएम कुंदन कुमार (DM Bettiah Kundan Kumar), से नदी के किनारे पक्के ठोकर बनाने की मांग की.
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हर साल तबाही लेकर आती है बाढ़
मझौलिया प्रखंड में बाढ़ हर साल तबाही लेकर आती है. प्रखंड के कई पंचायत बाढ़ की चपेट में आते हैं. सड़कों पर 5 से फीट 10 फीट तक पानी भरा रहता है. कई ऐसे गांव भी हैं जहां पर बाढ़ के समय नाव ही एकमात्र सहारा होता है. ऐसा ही मझौलिया प्रखंड का रमपुरवा महनवा पंचायत का बढ़ई टोला है.
रात भर जागकर करते हैं निगरानी
यहां हर साल नदी का कटाव होता है. ग्रामीणों का कहना है कि वे रात-रात भर जाग कर टॉर्च से नदी के तटबंध की निगरानी करते हैं. ताकि अगर अचानक से तेज कटाव होने लगे तो परिवार संग घर छोड़कर भाग सकें.
बाढ़ से हर साल किसानों को भारी नुकसान होता है. नदी में कई घर डूब जाते हैं. लोगों को अपना घर छोड़कर ऊंचे स्थानों पर शरण लेना पड़ता है. ऐसे में उनके सामने एक तो बाढ़ की तबाही होती है तो दूसरी तरफ भुखमरी की भी समस्या उत्पन्न हो जाती है.
ऐसे में जिला प्रशासन को इस ओर ध्यान देना चाहिए. बाढ़ से पहले बूढ़ी गंडक नदी के किनारे पक्के ठोकर का निर्माण होने से इस गांव को बचाया जा सकता है.
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डीएम समेत कई अधिकारी कर चुके हैं निरीक्षण
बता दें कि अभी हाल ही में बेतिया डीएम कुंदन कुमार, एसडीएम विद्यानाथ पासवान समेत कई अधिकारी बूढ़ी गंडक नदी से हो रहे कटाव का निरीक्षण करने पहुंचे थे. उन्होंने आश्वासन दिया कि जल्द ही ठोकर का निर्माण हो जाएगा. जिला पदाधिकारी ने इसके लिए विभाग के अधिकारियों को निर्देश भी दिया था.