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विकास की आस देख रहे ग्रामीणों का फूटा गुस्सा, सड़क पर धान की रोपनी कर जताया विरोध - बेतिया के शिकारपुर गांव में विकास की कमी

बेतिया के नरकटियागंज स्थित शिकारपुर गांव विकास से कोसों दूर है. यहां के लोगों को बुनियादी सुविधाएं तक नसीब नहीं है. जबकि इस गांव से कई लोग विधायक रह चुके हैं.

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Published : Jun 26, 2020, 2:31 PM IST

बेतिया(नरकटियागंज): आजादी के 72 साल बाद भी बिहार में कई गांव ऐसे हैं, जहां अब भी लोगों को बुनियादी सुविधाएं नसीब नहीं है. बेतिया के नरकटियागंज विधानसभा का शिकारपुर गांव भी एक ऐसा ही गांव है. यहां आज तक पक्की सड़क नहीं बन पाई है. इस साल बिहार में विधानसभा के चुनाव होने हैं इससे पहले शिकारपुर गांव के लोगों ने सरकार को चेतावनी दी है.

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विकास नहीं होने से ग्रामीणों में आक्रोश

सड़क निर्माण की मांग को लेकर ग्रामीणों ने रोड पर ही धान की रोपनी शुरू कर दी. लोगों ने कहा कि ऐसा करके वे सरकार के खिलाफ विरोध जता रहे हैं. साथ ही उनका ध्यान गांव के विकास कार्यों की ओर लाना चाह रहे हैं. ग्रामीणों का कहना है कि वे सालों से विकास की आस लिए बैठे हैं. चुनावी साल में नेता आते हैं और वादे करके चले जाते हैं. काम कोई नहीं करता.

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चुनाव प्रचार के लिए पहुंचे थे कांग्रेस विधायक विनय वर्मा

झील में तब्दील हो जाती है सड़क
गुस्साए ग्रामीणों की मानें तो शिकारपुर गांव विकास से कोसों दूर है. यह गांव वर्तमान कांग्रेस विधायक विनय वर्मा और पूर्व बीजेपी विधायिक रश्मि वर्मा का गांव है. इसके बावजूद भी आज तक यहां विकास नहीं हो सका. सड़क इतनी जर्जर की बरसात के मौसम में झील में तब्दील हो जाती है. पूरी सड़क कीचड़ से भर जाती है इसलिए लोगों ने इस सड़क पर ही धान की रोपनी शुरू कर दी.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

कोरोनाकाल में समस्या हुई दोगुनी
ग्रामीणों की मानें तो गांव में काफी दिक्कतें हैं. जीवन-यापन करने के लिए उन्हें काफी परेशानी उठानी पड़ती है. उनलोगों ने कई बार विधायक, पूर्व विधायक और मुखिया के पास जाकर सड़क निर्माण के लिए गुहार लगाई है. बावजूद कोई सुनवाई नहीं हुई है. बीते दिनों हुई बारिश के कारण गांव एकबार फिर जलमग्न हो गया है. वे किसी तरह गुजर-बसर कर रहे हैं. ग्रामीणों का कहना है कि जलजमाव के कारण पानी काला हो गया है. दूसरी तरफ कोरोना का भय हैं. ऐसे में कई बीमारियों के बढ़ने की संभावना है.

बेतिया(नरकटियागंज): आजादी के 72 साल बाद भी बिहार में कई गांव ऐसे हैं, जहां अब भी लोगों को बुनियादी सुविधाएं नसीब नहीं है. बेतिया के नरकटियागंज विधानसभा का शिकारपुर गांव भी एक ऐसा ही गांव है. यहां आज तक पक्की सड़क नहीं बन पाई है. इस साल बिहार में विधानसभा के चुनाव होने हैं इससे पहले शिकारपुर गांव के लोगों ने सरकार को चेतावनी दी है.

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विकास नहीं होने से ग्रामीणों में आक्रोश

सड़क निर्माण की मांग को लेकर ग्रामीणों ने रोड पर ही धान की रोपनी शुरू कर दी. लोगों ने कहा कि ऐसा करके वे सरकार के खिलाफ विरोध जता रहे हैं. साथ ही उनका ध्यान गांव के विकास कार्यों की ओर लाना चाह रहे हैं. ग्रामीणों का कहना है कि वे सालों से विकास की आस लिए बैठे हैं. चुनावी साल में नेता आते हैं और वादे करके चले जाते हैं. काम कोई नहीं करता.

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गुस्साए ग्रामीणों की मानें तो शिकारपुर गांव विकास से कोसों दूर है. यह गांव वर्तमान कांग्रेस विधायक विनय वर्मा और पूर्व बीजेपी विधायिक रश्मि वर्मा का गांव है. इसके बावजूद भी आज तक यहां विकास नहीं हो सका. सड़क इतनी जर्जर की बरसात के मौसम में झील में तब्दील हो जाती है. पूरी सड़क कीचड़ से भर जाती है इसलिए लोगों ने इस सड़क पर ही धान की रोपनी शुरू कर दी.

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ग्रामीणों की मानें तो गांव में काफी दिक्कतें हैं. जीवन-यापन करने के लिए उन्हें काफी परेशानी उठानी पड़ती है. उनलोगों ने कई बार विधायक, पूर्व विधायक और मुखिया के पास जाकर सड़क निर्माण के लिए गुहार लगाई है. बावजूद कोई सुनवाई नहीं हुई है. बीते दिनों हुई बारिश के कारण गांव एकबार फिर जलमग्न हो गया है. वे किसी तरह गुजर-बसर कर रहे हैं. ग्रामीणों का कहना है कि जलजमाव के कारण पानी काला हो गया है. दूसरी तरफ कोरोना का भय हैं. ऐसे में कई बीमारियों के बढ़ने की संभावना है.

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