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बेतिया: ग्रामीणों ने श्रमदान कर किया कटाव रोधी कार्य, प्रशासन ने नहीं की कोई मदद - anti-erosion work in Bettiah

बेतिया में द्वारदह नदी से हो रहे कटाव को रोकने के लिए ग्रामीणों ने श्रमदान से कटाव रोधी कार्य किया है. ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंने कई बार सरकार को इसकी सूचना दी. लेकिन प्रशासन ने कोई ध्यान नहीं दिया.

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ग्रामीणों ने श्रमदान कर किया कटाव रोधी कार्य
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Published : Jul 28, 2020, 4:51 PM IST

बेतिया: गौंनाहा प्रखंड के धुमली परसा गांव में प्रखंड प्रशासन की ओर से कटाव रोधी कार्य नहीं किया गया. जिसके बाद स्थानीय लोगों ने चंदा इक्कठा कर कटाव को रोकने के लिए कटाव रोधी कार्य किया है.

प्रशासन नहीं दे रहे ध्यान
श्रमदान कर कटाव रोधी कार्य कर रहे लोगों ने बताया कि द्वारदह नदी ने भारी मात्रा में गन्ने और धान की फसल को काट कर अपने गर्भ में समा लिया है. द्वारदह नदी से हो रहे कटाव की लिखित सूचना अंचल कार्यालय गौनाहा को देने और कई बार बोलने के बाद भी प्रखंड प्रशासन ने इस पर ध्यान नहीं दिया. जिसकी वजह से कई एकड़ जमीन में लगे फसल खराब हो गये.

श्रमदान से किया कटाव रोधी कार्य
लगातार रुक-रुक कर हो रही बारिश और नदी की उफनते बाढ़ को देखते हुए ग्रामीणों ने खुद श्रमदान कर कटाव रोधी कार्य शुरू कर दिया है. ग्रामीणों ने बताया कि जिस तरह प्रशासन के पुल नहीं बनाने पर उन लोगों ने गायचाहा नदी पर श्रमदान से चचरी पुल का निर्माण कर अपने गांव को दूसरे गांव से जोड़ कर यातायात सुचारू किया.

ऐसे ही उन लोगों ने अंचल कार्यालय से कोई मदद नहीं मिलने पर मेहनत और चंदा इक्कठा कर कटाव रोधी कार्य शुरू किया है. ताकि फसल को नदी के कटाव से बचाया जा सके. ग्रामीणों ने बताया कि अभी तक पांच एकड़ में लगे धान और गन्ना के फसल पर नदी ने कटाव कर लिया है.

बेतिया: गौंनाहा प्रखंड के धुमली परसा गांव में प्रखंड प्रशासन की ओर से कटाव रोधी कार्य नहीं किया गया. जिसके बाद स्थानीय लोगों ने चंदा इक्कठा कर कटाव को रोकने के लिए कटाव रोधी कार्य किया है.

प्रशासन नहीं दे रहे ध्यान
श्रमदान कर कटाव रोधी कार्य कर रहे लोगों ने बताया कि द्वारदह नदी ने भारी मात्रा में गन्ने और धान की फसल को काट कर अपने गर्भ में समा लिया है. द्वारदह नदी से हो रहे कटाव की लिखित सूचना अंचल कार्यालय गौनाहा को देने और कई बार बोलने के बाद भी प्रखंड प्रशासन ने इस पर ध्यान नहीं दिया. जिसकी वजह से कई एकड़ जमीन में लगे फसल खराब हो गये.

श्रमदान से किया कटाव रोधी कार्य
लगातार रुक-रुक कर हो रही बारिश और नदी की उफनते बाढ़ को देखते हुए ग्रामीणों ने खुद श्रमदान कर कटाव रोधी कार्य शुरू कर दिया है. ग्रामीणों ने बताया कि जिस तरह प्रशासन के पुल नहीं बनाने पर उन लोगों ने गायचाहा नदी पर श्रमदान से चचरी पुल का निर्माण कर अपने गांव को दूसरे गांव से जोड़ कर यातायात सुचारू किया.

ऐसे ही उन लोगों ने अंचल कार्यालय से कोई मदद नहीं मिलने पर मेहनत और चंदा इक्कठा कर कटाव रोधी कार्य शुरू किया है. ताकि फसल को नदी के कटाव से बचाया जा सके. ग्रामीणों ने बताया कि अभी तक पांच एकड़ में लगे धान और गन्ना के फसल पर नदी ने कटाव कर लिया है.

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