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Flood In Bettiah: बाढ़ में ग्रामीणों के लिए स्कूल बना आशियाना - Flood In Betiah

बेतिया (Bettiah) के नरकटियागंज में लगातार बारिश होने के बाद मुख्य सड़क जलमग्न हो गया है. जल स्तर में वृद्धि होने से लोग स्कूल और ऊंचे स्थानों पर शरण लेने को मजबूर हैं. इसके बावजूद लोगों ने बताया की हर साल हम लोगों के घर में बाढ़ का पानी प्रवेश करता है.

बेतिया
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Published : Jun 18, 2021, 2:18 PM IST

बेतिया: बेतिया में लगातार हो रही बारिश के कारण जगह-जगह मुख्य सड़क जलमग्न हो गया है. जिसके कारण दर्जनों गांवों का सम्पर्क अनुमंडल और जिला मुख्यालय से टूट चुका है. नदियों के लगातार जलस्तर में वृद्धि से लोग स्कूलों और ऊंचे स्थानों पर शरण लेने को मजबूर हैं. लोगों को अब तक सरकार से कोई मदद नहीं मिली है.

ये भी पढ़ें : राहत की खबर: गंडक को छोड़कर सभी नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से नीचे

टापू बनकर रह गया है नरकटियागंज
नरकटियागंज अनुमंडल और जिला मुख्यालय से कई गांवों का संपर्क पूरी तरह से टूट चुका है. नरकटियागंज टापू बनकर रह गया है. बेतिया मुख्य मार्ग के बसंतपुर लचका पर पांच से सात फीट पानी चढ़ जाने से आवागमन पूरी तरह से बाधित हो गया है. बाइक को 4-5 लोग कंधे पर रखकर पार करवा रहे हैं.

एक तरफ जहां बारिश थमा है, वहीं दूसरी तरफ सिकरहना और पंडई नदी की कहर से दर्जनों गांव जैसे धमौरा, बरवाकाला, बसंतपुर, बेलवा टोला, सिंहपुर, सतवरिया, लक्षनौता, बारी टोला, बेलवा साठी के साथ अन्य गांवों की सैकड़ों जिंदगियां थम सी गई हैं. वहीं, नदी का जलस्तर बढ़ने से कटाव जारी है. सैकड़ों लोगों के घर में बाढ़ का पानी घुसने से लोगों ने स्कूलों में शरण ले लिया है. जबकि कुछ ग्रामीण मवेशियों के साथ जरूरत का सामान लेकर ऊंचे स्थान पर शेड बनाकर रहने को विवश है.

ये भी पढ़ें : Flood In Gopalganj : बाढ़ पीड़ितों का छलका दर्द, कहा- सरकार ने हमें भगवान भरोसे छोड़ा

जिला प्रशासन नहीं लेता हमारी सुध
लोगों ने बताया की हर साल हम लोगों के घरों में बाढ़ का पानी प्रवेश करता है. लेकिन अंचल से लेकर जिला प्रशासन का कोई भी पदाधिकारी हम लोगों की सुध नहीं लेता है. सैकड़ों लोगों की जिंदगी भगवान भरोसे टिकी रहती हैं. भूख से भी बेहाल रहना पड़ता है. लोगों ने प्रशासन से बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में एनडीआरएफ की टीम और नाव एंबुलेंस की व्यवस्था करने की मांग की है.

बेतिया: बेतिया में लगातार हो रही बारिश के कारण जगह-जगह मुख्य सड़क जलमग्न हो गया है. जिसके कारण दर्जनों गांवों का सम्पर्क अनुमंडल और जिला मुख्यालय से टूट चुका है. नदियों के लगातार जलस्तर में वृद्धि से लोग स्कूलों और ऊंचे स्थानों पर शरण लेने को मजबूर हैं. लोगों को अब तक सरकार से कोई मदद नहीं मिली है.

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टापू बनकर रह गया है नरकटियागंज
नरकटियागंज अनुमंडल और जिला मुख्यालय से कई गांवों का संपर्क पूरी तरह से टूट चुका है. नरकटियागंज टापू बनकर रह गया है. बेतिया मुख्य मार्ग के बसंतपुर लचका पर पांच से सात फीट पानी चढ़ जाने से आवागमन पूरी तरह से बाधित हो गया है. बाइक को 4-5 लोग कंधे पर रखकर पार करवा रहे हैं.

एक तरफ जहां बारिश थमा है, वहीं दूसरी तरफ सिकरहना और पंडई नदी की कहर से दर्जनों गांव जैसे धमौरा, बरवाकाला, बसंतपुर, बेलवा टोला, सिंहपुर, सतवरिया, लक्षनौता, बारी टोला, बेलवा साठी के साथ अन्य गांवों की सैकड़ों जिंदगियां थम सी गई हैं. वहीं, नदी का जलस्तर बढ़ने से कटाव जारी है. सैकड़ों लोगों के घर में बाढ़ का पानी घुसने से लोगों ने स्कूलों में शरण ले लिया है. जबकि कुछ ग्रामीण मवेशियों के साथ जरूरत का सामान लेकर ऊंचे स्थान पर शेड बनाकर रहने को विवश है.

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जिला प्रशासन नहीं लेता हमारी सुध
लोगों ने बताया की हर साल हम लोगों के घरों में बाढ़ का पानी प्रवेश करता है. लेकिन अंचल से लेकर जिला प्रशासन का कोई भी पदाधिकारी हम लोगों की सुध नहीं लेता है. सैकड़ों लोगों की जिंदगी भगवान भरोसे टिकी रहती हैं. भूख से भी बेहाल रहना पड़ता है. लोगों ने प्रशासन से बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में एनडीआरएफ की टीम और नाव एंबुलेंस की व्यवस्था करने की मांग की है.

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