बेतिया: बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा की अगुवाई में बीजेपी नेताओं ने मंगलवार को बगहा में उन लोगों से मुलाकात की, जो महावीरी जुलूस के दौरान हुए उपद्रव में प्रभावित हुए थे. बाद में पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि बगहा में महागठबंधन की सरकार समुदाय विशेष का मनोबल बढ़ा रही है. उनके इशारे पर पुलिस प्रशासन निर्दोष लोगों पर भी कार्रवाई कर रहा है, जो गलत है.
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"बेकसूर और घटना के समय अनुपस्थित लोगों को फंसाकर एक पक्षीय कार्रवाई की जा रही है, जोकि सरासर गलत है. पुलिस प्रशासन हस्तिनापुर का गुलाम बन गया है. सरकार से प्रभावित होकर सनातन के संतानों को भयभीत कर रहे हैं. डीएम और एसपी यह नहीं भूलें कि सरकार बदलते ही उनका भी हिसाब-किताब होगा. मेरी मांग है कि सीबीआई या सिटिंग जस्टिस से मामले की न्यायिक जांच हो"- विजय कुमार सिन्हा, नेता प्रतिपक्ष, बिहार विधानसभा
बगहा हिंसा की निष्पक्ष जांच जरूरी: विजय सिन्हा ने मामले की निष्पक्ष जांच की मांग करते हुए कहा कि इसकी सीबीआई या सिटिंग जज से न्यायिक जांच कराई जाए ताकि सच्चाई सामने आ सके. उन्होंने कहा कि डीएम और एसपी यह नहीं भूलना चाहिए कि सरकार बदलते ही उनका भी हिसाब होगा.
तुष्टिकरण की राजनीति ना करे नीतीश सरकार: नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि वोट की राजनीति के लिए नीतीश कुमार और तेजस्वी की सरकार बिहार में महाभारत करा रही है. तेजस्वी सिर्फ सचिवालय के डिप्टी सीएम बनकर रह गए हैं, उनको धरातल पर कुछ भी जानकारी नहीं है. आखिर पाकिस्तान से कश्मीर में पत्थरबाजी करने वाले बगहा तक कैसे पहुंचे, इस मामले की सरकार को जांच करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि सरकार को तुष्टिकरण की राजनीति से बाज आना चाहिए, क्योंकि यह राज्य और समाज के लिए घातक है.
माले विधायक का पलटवार: इधर महागठबंधन से माले के सिकटा विधायक वीरेंद्र गुप्ता ने कहा कि बगहा की घटना को बीजेपी के इशारे पर अंजाम दिया गया है. उन्होंने लोगों से अपील की है कि शांति बनाए रखें. विधायक ने कहा कि अब जब मामला शांत हो रहा है तो फिर से बीजेपी के नेता लोगों को भड़काने की कोशिश कर रहे हैं.
क्या हुआ था महावीरी जुलूस के दौरान?: दरअसल, पश्चिम चंपारण जिले के बगहा स्थित रतनमाला में नागपंचमी के दिन महावीरी जुलूस के दौरान उपद्रव हुआ था. महावीरी जुलूस जब बगहा से रतनमाला की तरफ जा रहा था, तभी अचानक कुछ उपद्रवी बाइक पर लाठियां बरसाने लगे. साथ ही पत्थरबाजी शुरू हो गई. पुलिसकर्मी और पत्रकार समेत कई लोग इस घटना में घायल हुए थे. दोनों पक्षों से 472 नामजद और 1600 अज्ञात समेत 2000 लोग आरोपी बनाए गए.