पूर्वी चंपारण: बिहार में पंचायत चुनाव (Bihar Panchayat Election) के 11वें चरण की मतगणना (Last Phase Counting in Bihar) मंगलवार को हुई है. रविवार को 20 जिलों के 38 प्रखंडों में मतदान हुआ था. राज्य के कई इलाकों से मतगणना के दौरान गड़बड़ी की शिकायतों मिलती रही हैं. इधर, पूर्वी चंपारण जिले में अजीबो-गरीब मामला सामने आया है.
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जिले के मोतिहारी प्रखंड के कटहां पंचायत के सरपंच पद के लिए हुए मतदान के बाद मतगणना में एक बड़ी लापरवाही सामने आयी है. यहां पर दूसरे नंबर पर रही प्रत्याशी को विजयी घोषित करके निर्वाचन प्रमाणपत्र दे दिया गया जबकि विजयी प्रत्याशी निर्वाचन प्रमाणपत्र के लिए भटक रही है.
इसकी शिकायत डीएम से की गई. उसके बाद आनन-फानन में दोबारा गिनती हुई तो मतगणना से जुड़े अधिकारियों और कर्मचारियों के हाथ-पैर फुल गए. जिस महिला प्रत्याशी को सरपंच पद पर विजयी घोषित करके जीत का प्रमाण पत्र दे दिया गया था, मतपत्रों की दोबारा गिनती में प्रत्याशी दूसरे नंबर पर रही. अब विजयी घोषित प्रत्याशी निर्वाचन प्रमाणपत्र के लिए अधिकारियों से गुहार लगा रही है. उसे अभी तक प्रमाण पत्र नहीं मिला है.
महिलाओं के लिए आरक्षित मोतिहारी प्रखंड के कटहां पंचायत में सरपंच पद पर 11 महिला प्रत्याशी अपनी किस्मत अजमा रही थीं. मतगणना में कर्मियों की लापरवाही से कुछ मतपत्रों की गिनती नहीं हो सकी थी. रीमा देवी को दस वोटों से विजयी घोषित कर प्रमाणपत्र भी दे दिया गया. मतगणना के समय मौजूद दूसरे नंबर पर रही प्रत्याशी नीतू देवी के पति ने अधिकारियों दोबारा गिनती की गुहार लगाई लेकिन कोई सुनने को कोई तैयार नहीं था.
बाद में डीएम के आदेश पर दोबारा गिनती हुई तो नीतू देवी 31 वोट से विजयी घोषित की गईं. उन्हें जीत का प्रमाणपत्र अभी तक नहीं मिला है. चुनाव आयोग की बेवसाइट पर अभी भी दूसरे नंबर पर रही प्रत्याशी रीमा देवी का ही नाम लिखा हुआ है. नीतू देवी ने प्रखंड स्तर के पदाधिकारी से लेकर चुनाव आयोग तक निर्वाचन प्रमाण पत्र देने की गुहार लगाई है.
इस बारे में पूछे जाने पर डीएम शीर्षत कपिल अशोक ने बताया कि इस मामले में राज्य निर्वाचन आयोग को सूचना दी गई है. निर्वाचन आयोग से दिशा-निर्देश प्राप्त होने के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी. दोबारा गिनती में दूसरे नंबर पर रही प्रत्याशी रीमा देवी निर्वाचन प्रमाणपत्र लौटाने को तैयार नहीं हैं. मोतिहारी बीडीओ सह प्रखंड निर्वाचन पदाधिकारी ने रीमा देवी को प्रमाणपत्र लौटाने के लिए नोटिस भी भेजा है. लेकिन उन्हें इसकी परवाह नहीं है.
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