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'जंगल सफारी' के बाद अब 'हाथी की सवारी', वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में पर्यटकों के लिए फन 'अनलिमिटेड' - Boating in river Gandak

वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में सैर करने वाले पर्यटक जिप्सी की तरह हाथी की भी ऑनलाइन बुकिंग कर सकेंगे. एक बार में अधिक से अधिक चार पर्यटक एक साथ जंगल भ्रमण कर सकेंगे.

टाइगर रिजर्व में हाथी की सवारी
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Published : Aug 3, 2019, 1:43 PM IST

पश्चिमी चंपारण: वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में 'जंगल सफारी' के बाद अब पर्यटकों को लुभाने के लिए वन विभाग पर्यटकों को प्राकृतिक आंनद लेने के लिए 'हाथी से जंगल की सैर' कराने पर विचार कर रहा है. ऐसी सुविधा बिहार में पर्यटकों को पहली बार दी जाएगी. वन विभाग के इस योजना से पर्यटक अभी से ही रोमांच का अनुभव कर रहे हैं.

बिहार का एकमात्र टाइगर रिज़र्व
प्रकृति की गोद मे बसे बिहार के एकमात्र टाइगर रिजर्व में 901 वर्ग किमी क्षेत्र में फैला है. यहां बाघों के अलावा हाथी, हिरण, लोमड़ी, गीदड़, जंगली कुत्ते समेत अन्य जंगली जानवर भी हैं. अनुकूल वातावरण के कारण यहां बाघों की संख्या लगातार बढ़ रही है. हाल हीं में वीटीआर में बाघों की संख्या भी 28 से बढ़कर 31 हो गई है.

टाइगर रिजर्व में हाथी की सवारी

घूमने व रहने के लिए किराए में 50 फीसदी की कमी
टाइगर रिजर्व प्रशासन के डीएफओ गौरव ओझा ने कहा कि राज्य सरकार ने पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए अनेक योजनाओं को लागू किया है, जिसके तहत घूमने व रहने के लिए किराए में 50 फीसदी की कमी की गई है. पूरे टाइगर रिजर्व की सैर के लिए यहां मात्र 2800 रुपये में जंगल सफारी वाहन मिल जाता है.

चार महावत दे रहा हाथियों को ट्रेनिंग
वीटीआर के डीएफओ गौरव ओझा ने बताया कि फिलहाल हाथी से सैर कराने की व्यवस्था नहीं है. लेकिन आनेवाले समय जल्द शुरु होने की संभावना है. इसी के मद्देनजर टाइगर रिजर्व में चार हाथी लाए गए हैं. पर्यटकों के साथ हादसा न हो इसके लिए चार महावत इन हाथियों को ट्रेनिंग दे रहे हैं.

ऑनलाइन होगी बुकिंग
वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में सैर करने वाले पर्यटक जिप्सी की तरह हाथी की भी ऑनलाइन बुकिंग कर सकेंगे. एक बार में अधिक से अधिक चार पर्यटक एक साथ जंगल भ्रमण कर सकेंगे. इसके लिए टाइगर रिजर्व प्रशासन की तरफ से एक न्यूनतम शुल्क रखा जाएगा.

गंडक नदी में नौका विहार
पर्यटकों के लिए गंडक नदी में नया नौका विहार के लिए मोटर बोट लाया जाएगा. मोटर बोट पर बैठकर पर्यटक गंडक नदी का सैर कर सकेंगे. एक साथ 10 लोग बैठ सकेंगे. इसके अलावा पर्यटकों के लिए नया शिकारा लाया जाएगा. ऐसी सुविधा बिहार में पर्यटकों को पहली बार दी जाएगी. वन विभाग के इस योजना से पर्यटक अभी से ही रोमांच का अनुभव कर रहे हैं.

पश्चिमी चंपारण: वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में 'जंगल सफारी' के बाद अब पर्यटकों को लुभाने के लिए वन विभाग पर्यटकों को प्राकृतिक आंनद लेने के लिए 'हाथी से जंगल की सैर' कराने पर विचार कर रहा है. ऐसी सुविधा बिहार में पर्यटकों को पहली बार दी जाएगी. वन विभाग के इस योजना से पर्यटक अभी से ही रोमांच का अनुभव कर रहे हैं.

बिहार का एकमात्र टाइगर रिज़र्व
प्रकृति की गोद मे बसे बिहार के एकमात्र टाइगर रिजर्व में 901 वर्ग किमी क्षेत्र में फैला है. यहां बाघों के अलावा हाथी, हिरण, लोमड़ी, गीदड़, जंगली कुत्ते समेत अन्य जंगली जानवर भी हैं. अनुकूल वातावरण के कारण यहां बाघों की संख्या लगातार बढ़ रही है. हाल हीं में वीटीआर में बाघों की संख्या भी 28 से बढ़कर 31 हो गई है.

टाइगर रिजर्व में हाथी की सवारी

घूमने व रहने के लिए किराए में 50 फीसदी की कमी
टाइगर रिजर्व प्रशासन के डीएफओ गौरव ओझा ने कहा कि राज्य सरकार ने पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए अनेक योजनाओं को लागू किया है, जिसके तहत घूमने व रहने के लिए किराए में 50 फीसदी की कमी की गई है. पूरे टाइगर रिजर्व की सैर के लिए यहां मात्र 2800 रुपये में जंगल सफारी वाहन मिल जाता है.

चार महावत दे रहा हाथियों को ट्रेनिंग
वीटीआर के डीएफओ गौरव ओझा ने बताया कि फिलहाल हाथी से सैर कराने की व्यवस्था नहीं है. लेकिन आनेवाले समय जल्द शुरु होने की संभावना है. इसी के मद्देनजर टाइगर रिजर्व में चार हाथी लाए गए हैं. पर्यटकों के साथ हादसा न हो इसके लिए चार महावत इन हाथियों को ट्रेनिंग दे रहे हैं.

ऑनलाइन होगी बुकिंग
वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में सैर करने वाले पर्यटक जिप्सी की तरह हाथी की भी ऑनलाइन बुकिंग कर सकेंगे. एक बार में अधिक से अधिक चार पर्यटक एक साथ जंगल भ्रमण कर सकेंगे. इसके लिए टाइगर रिजर्व प्रशासन की तरफ से एक न्यूनतम शुल्क रखा जाएगा.

गंडक नदी में नौका विहार
पर्यटकों के लिए गंडक नदी में नया नौका विहार के लिए मोटर बोट लाया जाएगा. मोटर बोट पर बैठकर पर्यटक गंडक नदी का सैर कर सकेंगे. एक साथ 10 लोग बैठ सकेंगे. इसके अलावा पर्यटकों के लिए नया शिकारा लाया जाएगा. ऐसी सुविधा बिहार में पर्यटकों को पहली बार दी जाएगी. वन विभाग के इस योजना से पर्यटक अभी से ही रोमांच का अनुभव कर रहे हैं.

Intro:वाल्मीकि टाइगर रिज़र्व में पर्यटकों को लुभाने के लिए वन विभाग आये दिन नई नई व्यवस्थाएं दे रहा। जंगल सफारी के बाद अब पर्यटक वाल्मीकिनगर में गजानन की सवारी का भी लुत्फ उठा सकेंगे। वन विभाग आनेवाले समय मे पर्यटकों को प्राकृतिक आंनद लेने के लिए हाथी से जंगल की सैर कराने पर विचार कर रहा है। वन विभाग के इस योजना से पर्यटक अभी से ही रोमांच का अनुभव कर रहे हैं।


Body:प्रकृति की गोद मे बसे बिहार के एकमात्र टाइगर रिज़र्व में पर्यटक अब हाथी की सवारी का भी लुत्फ उठा सकेंगे। वन विभाग के पास फिलहाल चार हाथियाँ हैं जो वाल्मीकि व्याघ्र परियोजना के खूबसूरती में चार चांद लगाते हैं। बता दें कि प्रतिवर्ष लाखों की संख्या में यहां पर्यटक प्राकृतिक छटा का आनंद लेने देश विदेश से पहुचते हैं। यहाँ घूमने के लिहाज से कई धार्मिक स्थलों के अलावा 8000 वर्ग किमी में फैला वाल्मीकि जंगल है। जिसमें हाथी, बाघ, हिरण, राइनो, मोर और गैंडा जैसे अनेक जानवर हैं जो पर्यटकों को जंगल के सैर करने के दरम्यान दिख जाते हैं। हाल हीं में विटीआर में बाघों की संख्या भी 28 से बढ़कर 31 हो गई है। 31 बाघों के अलावा 10 शावक भी चिन्हित किये गए हैं।
डिविजनल फारेस्ट ऑफिसर गौरव ओझा का कहना है कि फिलहाल तो हाथी से सैर कराने की व्यवस्था नही है लेकिन आनेवाले समय मे इसको शुरू किया जाएगा। वही स्थानीय लोग गजानन से जंगल भ्रमण की कल्पना कर ही रोमांच का अनुभव कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि जो चीजें टीवी पर देखने को मिलती है वो वाल्मीकि व्याघ्र परियोजना में दिखेगी इससे ज्यादा खुशी की बात क्या हो सकती है।

बाइट- गौरव ओझा, डीएफओ, विटीआर
बाइट- गुड्डू कुमार, स्थानीय।


Conclusion:राज्य सरकार भी पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए अनेक योजनाओं को लागू किया है, जिसके तहत घूमने व रहने के लिए किराए में 50 फीसदी की कमी की गई है। पूरे टाइगर रिजर्व की सैर के लिए यहाँ मात्र 2800 रुपये में जंगल सफारी वाहन मिल जाता है जिससे पर्यटक प्राकृतिक खूबसूरती का जी भर कर आनंद उठाते हैं।
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