बगहा: बिहार में मानसून के दस्तक देने के बाद हुई बारिश के कारण बगहा में वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में पर्यटन सेवाएं बंद कर दी गई है. जंगल सफारी रूट खराब होने के कारण वीटीआर प्रशासन ने 26 जून से 26 सितंबर तक जंगल सफारी,साइकिल सफारी और बोटिंग को बंद करने का आदेश जारी कर दिया है. पर्यटक अब वीटीआर के टूरिस्ट सेंटरों में जंगल सफारी, बोटिंग, साइकिल सफारी का लुफ्त 26 सितंबर तक नहीं उठा सकते हैं.
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तीन माह के लिए पर्यटन सेवा बंद: वीटीआर के वन संरक्षक सह क्षेत्र निदेशक नेशामणी के ने बताया कि मानसून की वजह से बारिश शुरू हो गई है. इसके कारण जंगल सफारी और साइकिल सफारी का रूट खराब हो जाता है. साथ हीं नेपाल के पहाड़ी इलाकों में अधिक बारिश की वजह से गंडक नदी का जलस्तर बढ़ जाता है. जो बोटिंग के लिए खतरनाक साबित हो होता है. लिहाजा गंडक नदी में बोट सफारी पर भी रोक रहेगी. निदेशक ने बताया कि इन सब चीजों को गंभीरता से लेते हुए 26 जून से 26 सितंबर 2023 तक जंगल सफारी, साइकिल सफारी और बोटिंग पर रोक लगा दिया गया है.
"मानसून की वजह से बारिश शुरू हो गई है. इसके कारण जंगल सफारी और साइकिल सफारी का रूट खराब हो जाता है. साथ हीं नेपाल के पहाड़ी इलाकों में अधिक बारिश की वजह से गंडक नदी का जलस्तर बढ़ जाता है. जो बोटिंग के लिए खतरनाक साबित हो होता है. लिहाजा गंडक नदी में बोट सफारी पर भी रोक रहेगी."- नेशामणी के, क्षेत्र निदेशक, वीटीआर
खुला रहेगा इको पार्क और कौलेश्वर झूला: वाल्मीकि नगर वन क्षेत्र के रेंजर अवधेश कुमार सिंह ने बताया कि पर्यटकों के लिए रूम बुकिंग, इको पार्क, कौलेश्वर झुला और मठ मंदिर इत्यादि खुले रहेंगे. यदि इस दौरान पर्यटक आते हैं तो धार्मिक स्थलों समेत पाथवे, इको पार्क और कौलेश्वर झूला अन्य स्थानीय पर्यटन स्थलों का भ्रमण कर सकते हैं. रेंजर ने बताया की इस पर्यटन सत्र में ढाई लाख से ज्यादा पर्यटकों ने वीटीआर का दीदार किया जो की काफी सुखद खबर है.
"पर्यटकों के लिए रूम बुकिंग, इको पार्क, कौलेश्वर झुला और मठ मंदिर इत्यादि खुले रहेंगे. यदि इस दौरान पर्यटक आते हैं तो धार्मिक स्थलों समेत पाथवे, इको पार्क और कौलेश्वर झूला अन्य स्थानीय पर्यटन स्थलों का भ्रमण कर सकते हैं."-अवधेश कुमार सिंह, रेंजर
बंदरों का सफल रेस्क्यू: दूसरी तरफ रामनगर के नरैनापुर स्थित वन विभाग कार्यालय द्वारा नरकटियागंज के शहरी इलाके से बंदरों का रेस्क्यू किया गया. रामनगर के रेंजर ने बताया कि बंदरों का एक समूह भटक कर शहर में उत्पात मचा रहा था. जिससे लोग डर सहमे हुए थे. इसकी सुचना वन विभाग को मिली तो वन विभाग की एक टीम भेजी गई और जंगली बंदरों का सफल रेस्क्यू कर सुरक्षित विटीआर के जंगलों में छोड़ दिया गया है. बता दें कि बगहा व रामनगर शहरों के अलावा वाल्मीकिनगर में जंगली बंदरों और लंगूरों की चहलकदमी रिहायशी इलाकों में काफी बढ़ गई है. लिहाजा इनसे कई तरह के नुकसान हो रहे हैं.
"बंदरों का एक समूह भटक कर शहर में उत्पात मचा रहा था. जिससे लोग डर सहमे हुए थे. इसकी सुचना वन विभाग को मिली तो वन विभाग की एक टीम भेजी गई और जंगली बंदरों का सफल रेस्क्यू कर सुरक्षित विटीआर के जंगलों में छोड़ दिया गया है."- विजय प्रसाद, रेंजर रामनगर रैयत, वीटीआर