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बगहा में आदमखोर बाघ ने किया 7वां शिकार, हमले में युवक की दर्दनाक मौत - बगहा में नरभक्षी बाघ का आतंक

बिहार के बगहा में वाल्मीकि टाइगर रिजर्व (Valmiki Tiger Reserve in Bagaha) से सटे इलाकों में इन दिनों बाघ का आतंक बढ़ता जा रहा है. बाघ ने फिर सुबह सुबह एक युवक को शिकार बनाया है.

बगहा
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Published : Oct 7, 2022, 8:48 AM IST

Updated : Oct 7, 2022, 11:15 AM IST

बगहा: बिहार के बगहा में बाघ ने बीती रात एक और शख्स को शिकार (Tiger Hunted Man in Bagaha) बनाया है. मामला रामनगर के डुमरी (गोबर्धना) का है. संजय महतो (35 वर्ष) शौच करने खेत की तरफ गया था, तभी बाघ ने उस पर हमला कर दिया. आदमखोर बाघ ने गुरुवार को ही बगही पंचायत के सिंघाही गांव में 12 साल की लड़की की जान ली थी. पिछले एक महीने में बाघ अब तक सात लोगों को अपना शिकार बना चुका है. बताया जा रहा है कि बाघ के रेस्क्यू में बारिश सबसे बड़ी बाधा बन रही है. बगहा के कई इलाके बाढ़ग्रस्त हैं.

ये भी पढ़ें: आदमखोर नहीं लोगों पर अटैक करने वाला बाघ, टेरिटरी तलाशने के चक्कर में बदल रहा ठिकाना!

बाघ के हमले में युवक की मौत: बता दें कि बाघ ने हमला उस वक्त किया जब संजय महतो शौच के लिए गया हुआ था. इधर टाइगर के हमले की सूचना मिलते ही गांव वाले मौके पर पहुंचे और युवक को खून से लथपथ पाया. उसके गर्दन की हड्डी टूट चुकी थी और गले में टाइगर के केनाइन दांत घुस गए थे. युवक की मौत अधिक खून बहने और सांस रुकने के साथ ही गर्दन टूटने से हुई है. फिलहाल लोगों ने उसके शव को पुलिस के हवाले कर दिया है. उससे पहले लोगों में वन विभाग के खिलाफ गुस्सा देखा जा रहा है. स्थानीय लोगों ने वन विभाग के वाहनों को क्षतिग्रस्त कर दिया. काफी जद्दोजहद के बाद उसके शव का पोस्टमार्टम कराया जा रहा है. आदमखोर बाघ के हमले में एक और मौत से इलाके में दहशत फैली हुई है. 400 वनकर्मियों की टीम बाघ के रेस्क्यू में लगी हुई है लेकिन बाघ ने एक बार फिर सभी को चकमा दे दिया है. आदमखोर बाघ ने गुरुवार को ही एक किशोरी का शिकार किया था.

बाघ के हमले में अब तक 7 लोगों की मौत: पिछले एक महीने में यह 7वीं घटना है, जब बाघ ने किसी को मारा है. अब तक पांच महीने में बाघ ने अलग-अलग इलाकों में कुल आठ लोगों पर हमला किया है, जिसमें यह 7 वीं मौत है. हालांकि वन विभाग बाघ को पकड़ने के लिए काफी मशक्कत कर रहा है. लेकिन बाघ बार-बार अपना ठिकाना बदल रहा है. वन विभाग का अमला खाक छान रहा है. लेकिन ना तो नरभक्षी बाघ पकड़ में आ रहा है और न ही उसके हमले रुक रहे हैं.




ग्रामीणों में बाघ के खौफ का माहौल: वीटीआर के नजदीकी ग्रामीण बाघ की दहशत की वजह से खेतों की तरफ जाना छोड़ चुके हैं. ग्रामीणों ने बताया कि घरों के सामने आग जलाकर रात गुजार रहे हैं, ताकि बाघ उनके घरों तक न पहुंच जाएं. इन घटनाओं के तुरंत बाद बाघ को वनकर्मियों ने देखा तो उसके बाद ट्रेंकुलाइज करने का प्रयास करने लगे लेकिन वह बाघ जंगल में भाग गया. बताया जाता है कि विशेषज्ञ सफाअत अली कठिन परिस्थिति में वन जीवों का ट्रेंकुलाइज करते आए हैं. टीम में शामिल लोगों के अनुसार सफाअत अली का निशाना अचूक है. इन्होंने छोटे जानवरों से लेकर बड़े जानवरों तक ट्रेंकुलाइज किया हुआ है. सफाअत अली ने हाथी तक को ट्रेंकुलाइज किया है. इसके साथ ही पटना चिड़ियाघर के बाघ एक्सपर्ट भी शामिल है.

बगहा: बिहार के बगहा में बाघ ने बीती रात एक और शख्स को शिकार (Tiger Hunted Man in Bagaha) बनाया है. मामला रामनगर के डुमरी (गोबर्धना) का है. संजय महतो (35 वर्ष) शौच करने खेत की तरफ गया था, तभी बाघ ने उस पर हमला कर दिया. आदमखोर बाघ ने गुरुवार को ही बगही पंचायत के सिंघाही गांव में 12 साल की लड़की की जान ली थी. पिछले एक महीने में बाघ अब तक सात लोगों को अपना शिकार बना चुका है. बताया जा रहा है कि बाघ के रेस्क्यू में बारिश सबसे बड़ी बाधा बन रही है. बगहा के कई इलाके बाढ़ग्रस्त हैं.

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बाघ के हमले में युवक की मौत: बता दें कि बाघ ने हमला उस वक्त किया जब संजय महतो शौच के लिए गया हुआ था. इधर टाइगर के हमले की सूचना मिलते ही गांव वाले मौके पर पहुंचे और युवक को खून से लथपथ पाया. उसके गर्दन की हड्डी टूट चुकी थी और गले में टाइगर के केनाइन दांत घुस गए थे. युवक की मौत अधिक खून बहने और सांस रुकने के साथ ही गर्दन टूटने से हुई है. फिलहाल लोगों ने उसके शव को पुलिस के हवाले कर दिया है. उससे पहले लोगों में वन विभाग के खिलाफ गुस्सा देखा जा रहा है. स्थानीय लोगों ने वन विभाग के वाहनों को क्षतिग्रस्त कर दिया. काफी जद्दोजहद के बाद उसके शव का पोस्टमार्टम कराया जा रहा है. आदमखोर बाघ के हमले में एक और मौत से इलाके में दहशत फैली हुई है. 400 वनकर्मियों की टीम बाघ के रेस्क्यू में लगी हुई है लेकिन बाघ ने एक बार फिर सभी को चकमा दे दिया है. आदमखोर बाघ ने गुरुवार को ही एक किशोरी का शिकार किया था.

बाघ के हमले में अब तक 7 लोगों की मौत: पिछले एक महीने में यह 7वीं घटना है, जब बाघ ने किसी को मारा है. अब तक पांच महीने में बाघ ने अलग-अलग इलाकों में कुल आठ लोगों पर हमला किया है, जिसमें यह 7 वीं मौत है. हालांकि वन विभाग बाघ को पकड़ने के लिए काफी मशक्कत कर रहा है. लेकिन बाघ बार-बार अपना ठिकाना बदल रहा है. वन विभाग का अमला खाक छान रहा है. लेकिन ना तो नरभक्षी बाघ पकड़ में आ रहा है और न ही उसके हमले रुक रहे हैं.




ग्रामीणों में बाघ के खौफ का माहौल: वीटीआर के नजदीकी ग्रामीण बाघ की दहशत की वजह से खेतों की तरफ जाना छोड़ चुके हैं. ग्रामीणों ने बताया कि घरों के सामने आग जलाकर रात गुजार रहे हैं, ताकि बाघ उनके घरों तक न पहुंच जाएं. इन घटनाओं के तुरंत बाद बाघ को वनकर्मियों ने देखा तो उसके बाद ट्रेंकुलाइज करने का प्रयास करने लगे लेकिन वह बाघ जंगल में भाग गया. बताया जाता है कि विशेषज्ञ सफाअत अली कठिन परिस्थिति में वन जीवों का ट्रेंकुलाइज करते आए हैं. टीम में शामिल लोगों के अनुसार सफाअत अली का निशाना अचूक है. इन्होंने छोटे जानवरों से लेकर बड़े जानवरों तक ट्रेंकुलाइज किया हुआ है. सफाअत अली ने हाथी तक को ट्रेंकुलाइज किया है. इसके साथ ही पटना चिड़ियाघर के बाघ एक्सपर्ट भी शामिल है.

Last Updated : Oct 7, 2022, 11:15 AM IST
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