ETV Bharat / state

एक ही परिवार के थैलेसीमिया पीड़ित हैं तीन बच्चे, आर्थिक रूप से टूट चुके परिवार ने लगाई गुहार - थैलेसीमिया पीड़ित परिवार

परिवार के तीनों बच्चों को प्रतिमाह ब्लड चढ़ाने की जरूरत पड़ती है. इसमें काफी पैसे खर्च करने पड़ते हैं. हालात ऐसे हैं कि आर्थिक स्थिति बिगड़ गई है. परिवार पटना, एम्स के अलावा दर्जनों छोटे-बड़े अस्पतालों का चक्कर लगा चुका है.

bettiah
थैलसीमिया पीड़ित बच्चों के परिजन
author img

By

Published : Jun 17, 2020, 8:02 PM IST

बेतिया: जिले के वाल्मीकिनगर में एक ही परिवार के तीन बच्चे थैलेसीमिया नामक गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं. जिन्हें हर महीने ब्लड चढ़ाना पड़ता है. लेकिन जिला अस्पताल में इसकी व्यवस्था नहीं होने से पीड़ित परिवार को बड़े शहरों का चक्कर लगाना पड़ता है. ऐसे में परिवार आर्थिक रूप से बुरी तरह टूट चुका है. परिवार ने सरकार से मदद की गुहार लगाई है.

bettiah
पीड़ित परिवार

वाल्मीकिनगर के गोल चौक निवासी अनुज कुमार के परिवार में उनके बड़े भाई के दो बेटों सहित उनकी बेटी थैलेसीमिया रोग से ग्रसित है. खुद अनुज और उनकी पत्नी के साथ-साथ उनके बड़े भाई और भाभी भी थैलेसीमिया माइनर से पीड़ित हैं. ऐसे में इस परिवार के तीनों बच्चों को प्रतिमाह ब्लड चढ़ाने की जरूरत पड़ती है. इसके लिए इन्हें काफी जद्दोजहद करना पड़ता है. पीड़ित बच्चों की दादी विभा देवी का कहना है कि बच्चों के इलाज में परिवार की आर्थिक स्थिति बिगड़ गई है.

bettiah
थैलेसीमिया पीड़ित बच्चे

पटना से एम्स तक का लगा चुके हैं चक्कर
थैलेसीमिया एक अनुवांशिक रोग है जो माता-पिता से बच्चों में होता है. इस बीमारी में जरूरत के मुताबिक रोगी को हमेशा खून चढ़ाना पड़ता है. खून के अभाव में कई दफा बच्चों की मृत्यु भी हो जाती है. पीड़ित परिवार अब तक पटना से लेकर एम्स तक के अलावा दर्जनों छोटे-बड़े अस्पतालों का चक्कर लगा चुका है लेकिन समस्या का समाधान नहीं निकल सका. पीड़ित के पिता अनुज कुमार का कहना है कि जिला अस्पताल में साधन मौजूद नहीं है जिससे काफी परेशानी होती है.

देखें रिपोर्ट.

आर्थिक रूप से टूट चुका है परिवार
बता दें कि बच्चों के इलाज में परिवार पूरी तरह टूट चुका है अब इन्हें सरकारी मदद की दरकार है. अनुज कुमार पेशे से नियोजित शिक्षक हैं. इस वजह से परिवार में राशन कार्ड नहीं है. राशन कार्ड के अभाव में आयुष्मान योजना का कार्ड भी नहीं बन पाया. ऐसे हालात में इन्हें इलाज के लिए प्रधानमंत्री के इस योजना का लाभ भी नहीं मिल पाता है. परिवार को प्रतिमाह तीन यूनिट ब्लड की जरूरत पड़ती है. सरकारी अस्पताल में ब्लड उपलब्ध नहीं हो पाने पर खरीदने में एक यूनिट के लिए 10 हजार रुपये खर्च करने पड़ते हैं.

बेतिया: जिले के वाल्मीकिनगर में एक ही परिवार के तीन बच्चे थैलेसीमिया नामक गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं. जिन्हें हर महीने ब्लड चढ़ाना पड़ता है. लेकिन जिला अस्पताल में इसकी व्यवस्था नहीं होने से पीड़ित परिवार को बड़े शहरों का चक्कर लगाना पड़ता है. ऐसे में परिवार आर्थिक रूप से बुरी तरह टूट चुका है. परिवार ने सरकार से मदद की गुहार लगाई है.

bettiah
पीड़ित परिवार

वाल्मीकिनगर के गोल चौक निवासी अनुज कुमार के परिवार में उनके बड़े भाई के दो बेटों सहित उनकी बेटी थैलेसीमिया रोग से ग्रसित है. खुद अनुज और उनकी पत्नी के साथ-साथ उनके बड़े भाई और भाभी भी थैलेसीमिया माइनर से पीड़ित हैं. ऐसे में इस परिवार के तीनों बच्चों को प्रतिमाह ब्लड चढ़ाने की जरूरत पड़ती है. इसके लिए इन्हें काफी जद्दोजहद करना पड़ता है. पीड़ित बच्चों की दादी विभा देवी का कहना है कि बच्चों के इलाज में परिवार की आर्थिक स्थिति बिगड़ गई है.

bettiah
थैलेसीमिया पीड़ित बच्चे

पटना से एम्स तक का लगा चुके हैं चक्कर
थैलेसीमिया एक अनुवांशिक रोग है जो माता-पिता से बच्चों में होता है. इस बीमारी में जरूरत के मुताबिक रोगी को हमेशा खून चढ़ाना पड़ता है. खून के अभाव में कई दफा बच्चों की मृत्यु भी हो जाती है. पीड़ित परिवार अब तक पटना से लेकर एम्स तक के अलावा दर्जनों छोटे-बड़े अस्पतालों का चक्कर लगा चुका है लेकिन समस्या का समाधान नहीं निकल सका. पीड़ित के पिता अनुज कुमार का कहना है कि जिला अस्पताल में साधन मौजूद नहीं है जिससे काफी परेशानी होती है.

देखें रिपोर्ट.

आर्थिक रूप से टूट चुका है परिवार
बता दें कि बच्चों के इलाज में परिवार पूरी तरह टूट चुका है अब इन्हें सरकारी मदद की दरकार है. अनुज कुमार पेशे से नियोजित शिक्षक हैं. इस वजह से परिवार में राशन कार्ड नहीं है. राशन कार्ड के अभाव में आयुष्मान योजना का कार्ड भी नहीं बन पाया. ऐसे हालात में इन्हें इलाज के लिए प्रधानमंत्री के इस योजना का लाभ भी नहीं मिल पाता है. परिवार को प्रतिमाह तीन यूनिट ब्लड की जरूरत पड़ती है. सरकारी अस्पताल में ब्लड उपलब्ध नहीं हो पाने पर खरीदने में एक यूनिट के लिए 10 हजार रुपये खर्च करने पड़ते हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.