बगहा: जिले के हरनाटांड़ में महाशिवरात्रि के अवसर पर मेले का आयोजन किया गया है. जिसमें लोग नाते-रिश्तेदारों से मुलाकात करते हैं. यह मेला एक सप्ताह तक चलता है. बता दें कि इस पूजा को थारू जनजाति के लोग विशेष तौर पर थारू महोत्सव के रूप में मनाते हैं.
'रिश्तेदारों से करते हैं मेल-मिलाप'
सदियों से थारू समाज के लोग महाशिवरात्रि पर्व के दिन मेला का आयोजन करते आ रहे हैं. उनकी मान्यता है कि इस मेले के आयोजन से नाते-रिश्तेदारों से मिलने के परम्परा का निर्वाह होता है. थारू महासंघ के सचिव महेश्वर काजी ने बताया कि पूरा थरुहट क्षेत्र 6 तापा में बंटा हुआ है और सभी तापा के लोग इस मेले में घूमने आते हैं. जहां लोग रिश्तेदारों से मेल-मिलाप करते हैं.
लोकनृत्य झमटा और बिरहनी की करते हैं प्रस्तुति
शिवरात्रि के दिन थारू समाज के लोकनृत्य झमटा और बिरहनी की प्रस्तुति करते हैं. पूरे पश्चिम चंपारण जिले के तराई क्षेत्र में बसे थारू समुदाय के लोग यहां मेला घूमने पहुंचते हैं. स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि वर्ष 1996 से उनके इस पुराने सभ्यता संस्कृति को प्रशासन की ओर से थारू महोत्सव मेला के तौर पर मनाने का आगाज किया गया.