पश्चिमी चंपारणः जिला परिषद अध्यक्ष की बर्खास्तगी के खिलाफ थारू समुदाय ने एकजुट होकर आंदोलन की चेतावनी दी है. भारतीय थारू कल्याण महासंघ भवन हरनाटांड़ में एक बैठक कर थारू समुदाय के लोगों ने सरकार के इस फैसले को असंवैधानिक बताया. समाज के लोगों ने सरकार से इस फैसले को वापस लेने की मांग की है. बता दें कि सरकार ने जिप अध्यक्ष को उनके पद से बर्खास्त करते हुए 5 वर्षों तक चुनाव नही लड़ने का आदेश जारी किया है.
क्यों कर रहे विरोध?
दरअसल, सरकार ने जिप अध्यक्ष शैलेन्द्र गढ़वाल को बर्खास्त कर 5 वर्षों तक चुनाव नहीं लड़ने का आदेश जारी किया है. साथ ही 5 सालों तक चुनाव लड़ने पर भी प्रतिबंध लगा दिया है. इसी आदेश के विरोध में पूरा थारू समुदाय एकजुट हो गया है. और बर्खास्तगी के आदेश को वापस लेने की मांग की है.
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जिला परिषद अध्यक्ष पर हैं कई आरोप
दरअसल, जिला परिषद अध्यक्ष शैलेन्द्र गढ़वाल पर बहुत सारे आरोप लगे हैं. जिसमें नियत समयसीमा पर कार्यकारिणी की बैठक नहीं कराने समेत वित्तीय अनियमितता बरतने का आरोप शामिल है. लिहाजा जिप अध्यक्ष को उनके पद से बर्खास्त कर उन पर 5 वर्षों तक चुनाव नहीं लड़ने की अनुशंसा की गई है. जिसको लेकर माले समेत थारू समुदाय के लोगों ने इस फैसले का विरोध किया है.
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आंदोलन करने की दी चेतावनी
भारतीय थारू कल्याण महासभा के अध्यक्ष दीपनारायण प्रसाद ने कहा कि कोई भी पार्टी थारू या आदिवासी समाज के लोगों को राजनीतिक भागीदारी का अवसर नही देती है. ऐसे में एक थारू समुदाय का व्यक्ति जिप अध्यक्ष के पद पर काबिज है, तो उसे साजिश के तहत हटाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि सरकार यदि अपने फैसले को वापस नहीं लेती है तो थारू समुदाय के लोग कोविड-19 के गाइडलाइंस का पालन करते हुए संवैधानिक ढंग से आंदोलन करेगा.