ETV Bharat / state

पश्चिमी चंपारणः जिला परिषद अध्यक्ष की बर्खास्तगी के खिलाफ एकजुट हुआ थारु समुदाय, आंदोलन की चेतावनी

पश्चिमी चंपारण जिले के जिला परिषद अध्यक्ष की बर्खास्तगी के सरकार के फैसले के खिलाफ पूरा थारु समाज एकजुट हो गया है. समाज का कहना है कि जिप अध्यक्ष को साजिश के तहत हटाया जा रहा है. सरकार इस फैसले को वापस ले, नहीं तो वे आंदोलन करेंगे.

थारू समुदाय के लोगों ने की बैठक
थारू समुदाय के लोगों ने की बैठक
author img

By

Published : Apr 15, 2021, 12:59 PM IST

पश्चिमी चंपारणः जिला परिषद अध्यक्ष की बर्खास्तगी के खिलाफ थारू समुदाय ने एकजुट होकर आंदोलन की चेतावनी दी है. भारतीय थारू कल्याण महासंघ भवन हरनाटांड़ में एक बैठक कर थारू समुदाय के लोगों ने सरकार के इस फैसले को असंवैधानिक बताया. समाज के लोगों ने सरकार से इस फैसले को वापस लेने की मांग की है. बता दें कि सरकार ने जिप अध्यक्ष को उनके पद से बर्खास्त करते हुए 5 वर्षों तक चुनाव नही लड़ने का आदेश जारी किया है.

क्यों कर रहे विरोध?
दरअसल, सरकार ने जिप अध्यक्ष शैलेन्द्र गढ़वाल को बर्खास्त कर 5 वर्षों तक चुनाव नहीं लड़ने का आदेश जारी किया है. साथ ही 5 सालों तक चुनाव लड़ने पर भी प्रतिबंध लगा दिया है. इसी आदेश के विरोध में पूरा थारू समुदाय एकजुट हो गया है. और बर्खास्तगी के आदेश को वापस लेने की मांग की है.

इसे भी पढ़ेंः रोहतास: सड़क पर उतरे निजी स्कूल के संचालक, कहा- कोरोना के नाम पर स्कूल को टारगेट करना बंद करे सरकार

जिला परिषद अध्यक्ष पर हैं कई आरोप
दरअसल, जिला परिषद अध्यक्ष शैलेन्द्र गढ़वाल पर बहुत सारे आरोप लगे हैं. जिसमें नियत समयसीमा पर कार्यकारिणी की बैठक नहीं कराने समेत वित्तीय अनियमितता बरतने का आरोप शामिल है. लिहाजा जिप अध्यक्ष को उनके पद से बर्खास्त कर उन पर 5 वर्षों तक चुनाव नहीं लड़ने की अनुशंसा की गई है. जिसको लेकर माले समेत थारू समुदाय के लोगों ने इस फैसले का विरोध किया है.

इसे भी पढ़ेंः कामकाजी महिलाओं की समस्याओं को लेकर ऐपवा करेगा 28 अप्रैल को प्रदर्शन
आंदोलन करने की दी चेतावनी
भारतीय थारू कल्याण महासभा के अध्यक्ष दीपनारायण प्रसाद ने कहा कि कोई भी पार्टी थारू या आदिवासी समाज के लोगों को राजनीतिक भागीदारी का अवसर नही देती है. ऐसे में एक थारू समुदाय का व्यक्ति जिप अध्यक्ष के पद पर काबिज है, तो उसे साजिश के तहत हटाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि सरकार यदि अपने फैसले को वापस नहीं लेती है तो थारू समुदाय के लोग कोविड-19 के गाइडलाइंस का पालन करते हुए संवैधानिक ढंग से आंदोलन करेगा.

पश्चिमी चंपारणः जिला परिषद अध्यक्ष की बर्खास्तगी के खिलाफ थारू समुदाय ने एकजुट होकर आंदोलन की चेतावनी दी है. भारतीय थारू कल्याण महासंघ भवन हरनाटांड़ में एक बैठक कर थारू समुदाय के लोगों ने सरकार के इस फैसले को असंवैधानिक बताया. समाज के लोगों ने सरकार से इस फैसले को वापस लेने की मांग की है. बता दें कि सरकार ने जिप अध्यक्ष को उनके पद से बर्खास्त करते हुए 5 वर्षों तक चुनाव नही लड़ने का आदेश जारी किया है.

क्यों कर रहे विरोध?
दरअसल, सरकार ने जिप अध्यक्ष शैलेन्द्र गढ़वाल को बर्खास्त कर 5 वर्षों तक चुनाव नहीं लड़ने का आदेश जारी किया है. साथ ही 5 सालों तक चुनाव लड़ने पर भी प्रतिबंध लगा दिया है. इसी आदेश के विरोध में पूरा थारू समुदाय एकजुट हो गया है. और बर्खास्तगी के आदेश को वापस लेने की मांग की है.

इसे भी पढ़ेंः रोहतास: सड़क पर उतरे निजी स्कूल के संचालक, कहा- कोरोना के नाम पर स्कूल को टारगेट करना बंद करे सरकार

जिला परिषद अध्यक्ष पर हैं कई आरोप
दरअसल, जिला परिषद अध्यक्ष शैलेन्द्र गढ़वाल पर बहुत सारे आरोप लगे हैं. जिसमें नियत समयसीमा पर कार्यकारिणी की बैठक नहीं कराने समेत वित्तीय अनियमितता बरतने का आरोप शामिल है. लिहाजा जिप अध्यक्ष को उनके पद से बर्खास्त कर उन पर 5 वर्षों तक चुनाव नहीं लड़ने की अनुशंसा की गई है. जिसको लेकर माले समेत थारू समुदाय के लोगों ने इस फैसले का विरोध किया है.

इसे भी पढ़ेंः कामकाजी महिलाओं की समस्याओं को लेकर ऐपवा करेगा 28 अप्रैल को प्रदर्शन
आंदोलन करने की दी चेतावनी
भारतीय थारू कल्याण महासभा के अध्यक्ष दीपनारायण प्रसाद ने कहा कि कोई भी पार्टी थारू या आदिवासी समाज के लोगों को राजनीतिक भागीदारी का अवसर नही देती है. ऐसे में एक थारू समुदाय का व्यक्ति जिप अध्यक्ष के पद पर काबिज है, तो उसे साजिश के तहत हटाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि सरकार यदि अपने फैसले को वापस नहीं लेती है तो थारू समुदाय के लोग कोविड-19 के गाइडलाइंस का पालन करते हुए संवैधानिक ढंग से आंदोलन करेगा.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.