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बगहा: सीमाई क्षेत्र की महिलाओं को हुनरमंद बना रहा एसएसबी - सिविक एक्शन प्रोग्राम

एसएसबी 21वीं वाहिनी द्वारा सीमावर्ती क्षेत्र की दर्जनों महिलाओं को सिलाई-कढ़ाई, बुनाई में कुशल बनाने के लिए तीन माह के प्रशिक्षण की व्यवस्था की गई. प्रशिक्षण प्राप्त कर युवतियों ने विभिन्न प्रकार के डिजाइनर कपड़ों की सिलाई कर सेना नायक को दिखाया.

सिविक एक्शन प्रोग्राम
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Published : Apr 2, 2021, 11:54 AM IST

बेतिया: एसएसबी 21वीं वाहिनी की ओर से चल रहे सिलाई-कढ़ाई प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन हो गया. इस दौरान सीमावर्ती क्षेत्रों की प्रशिक्षण प्राप्त 25 बेरोजगार युवतियों को प्रमाण पत्र दिया गया. एसएसबी ने सिविक एक्शन प्रोग्राम के तहत तीन माह के प्रशिक्षण की व्यवस्था की थी.

इंडो-नेपाल सीमा से सटे तराई क्षेत्र के बेरोजगार युवतियों को हुनरमंद बनाने और उनके रोजगार की व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिहाज से लगातार प्रयासरत है.

इसी क्रम में एसएसबी 21वीं वाहिनी द्वारा सीमावर्ती क्षेत्र की दर्जनों महिलाओं को सिलाई-कढ़ाई, बुनाई में कुशल बनाने के लिए तीन माह के प्रशिक्षण की व्यवस्था की गई. प्रशिक्षण प्राप्त कर युवतियों ने विभिन्न प्रकार के डिजाइनर कपड़ों की सिलाई कर सेनानायक को दिखाया.

ये भी पढ़ें: अप्रैल से सरकारी शिक्षकों के वेतन में 3-4 हजार की होगी वृद्धि

तीन माह के प्रशिक्षण के उपरांत एसएसबी कमाण्डेन्ट राजेन्द्र भारद्वाज ने सभी 25 युवतियों को प्रशिक्षण का प्रमाण पत्र दिया और उनके बेहतर भविष्य की कामना की. उन्होंने कहा कि सिविक एक्शन प्रोग्राम के तहत एसएसबी द्वारा सीमाई क्षेत्र के युवक-युवतियों के लिए रोजगारपरक प्रशिक्षण का आयोजन किया जाता है.

प्रमाण पत्र पाकर खुशी से खिले चेहरे
इंडो-नेपाल सीमा अंतर्गत वाल्मीकिनगर के ठाड़ी, लक्ष्मीपुर, रमपुरवा, थारू टोला इत्यादि इलाकों में रहने वाले थारू समुदाय समेत अन्य युवतियों ने मानव संसाधन विकास मंत्रालय के तहत आयोजित इस प्रशिक्षण का लाभ उठाया.

प्रमाण पत्र पाकर वे काफी खुश दिखे. युवतियों ने बताया कि वे प्रशिक्षण ले चुकी हैं. अन्य युवतियों को भी ये गुर सिखाएंगी. साथ ही इससे उनकी बेरोजगारी भी दूर होगी.

बेतिया: एसएसबी 21वीं वाहिनी की ओर से चल रहे सिलाई-कढ़ाई प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन हो गया. इस दौरान सीमावर्ती क्षेत्रों की प्रशिक्षण प्राप्त 25 बेरोजगार युवतियों को प्रमाण पत्र दिया गया. एसएसबी ने सिविक एक्शन प्रोग्राम के तहत तीन माह के प्रशिक्षण की व्यवस्था की थी.

इंडो-नेपाल सीमा से सटे तराई क्षेत्र के बेरोजगार युवतियों को हुनरमंद बनाने और उनके रोजगार की व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिहाज से लगातार प्रयासरत है.

इसी क्रम में एसएसबी 21वीं वाहिनी द्वारा सीमावर्ती क्षेत्र की दर्जनों महिलाओं को सिलाई-कढ़ाई, बुनाई में कुशल बनाने के लिए तीन माह के प्रशिक्षण की व्यवस्था की गई. प्रशिक्षण प्राप्त कर युवतियों ने विभिन्न प्रकार के डिजाइनर कपड़ों की सिलाई कर सेनानायक को दिखाया.

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तीन माह के प्रशिक्षण के उपरांत एसएसबी कमाण्डेन्ट राजेन्द्र भारद्वाज ने सभी 25 युवतियों को प्रशिक्षण का प्रमाण पत्र दिया और उनके बेहतर भविष्य की कामना की. उन्होंने कहा कि सिविक एक्शन प्रोग्राम के तहत एसएसबी द्वारा सीमाई क्षेत्र के युवक-युवतियों के लिए रोजगारपरक प्रशिक्षण का आयोजन किया जाता है.

प्रमाण पत्र पाकर खुशी से खिले चेहरे
इंडो-नेपाल सीमा अंतर्गत वाल्मीकिनगर के ठाड़ी, लक्ष्मीपुर, रमपुरवा, थारू टोला इत्यादि इलाकों में रहने वाले थारू समुदाय समेत अन्य युवतियों ने मानव संसाधन विकास मंत्रालय के तहत आयोजित इस प्रशिक्षण का लाभ उठाया.

प्रमाण पत्र पाकर वे काफी खुश दिखे. युवतियों ने बताया कि वे प्रशिक्षण ले चुकी हैं. अन्य युवतियों को भी ये गुर सिखाएंगी. साथ ही इससे उनकी बेरोजगारी भी दूर होगी.

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