पश्चिम चंपारण: जिले के कई क्षेत्रों में बिहार सरकार की नल जल योजना फिसड्डी साबित हो रही है. हालात ये हैं कि कई जगह नल जल योजना के अंतर्गत लगे पाइपों का उपयोग लोग पानी पीने के लिए भले ही नहीं कर पा रहे हो. लेकिन इन पाइप का लाभ लोग अपनी बकरियां बांधने में जरूर कर रहे हैं. जलापूर्ति न होने के मामले पर वार्ड सदस्यों का आरोप है कि संवेदक पैसे लेकर फरार हो गया है, तो वो क्या कर सकते हैं.
मामला पिपरासी प्रखंड के भगड़वा पंचायत अंतर्गत वार्ड 2 और 3 का है. यहां नल-जल योजना के तहत तकरीबन 6 माह पहले पानी टंकी बनकर तैयार हुई और महज दो बार ही पानी सप्लाई हुआ. इसके बाद कभी पानी नहीं आया. नल-जल योजना के तहत पानी टंकी का निर्माण प्रत्येक वार्ड के वार्ड सदस्यों को करवाना है और इसके लिए राशि उन्हीं के खाते में आती है. लेकिन वार्डों में निर्मित पानी टंकी का कहीं मोटर खराब है तो कहीं स्टार्टर ही खराब है.
संवेदक लेकर फरार हुआ लाखों रुपये
ऐसे में भले ही लोगों को नल जल योजना के तहत स्वच्छ पानी पीने को नहीं मिल रहा हो लेकिन इतना जरूर है कि इस योजना के तहत लगाए गए पाइपों में बकरियां जरूर बांधी जा रही हैं. वार्ड सदस्यों से इस समस्या के बाबत पूछने पर इसका ठीकरा संवेदक पर फोड़ दिया.
वार्ड संख्या 2 और 3 के वार्ड सदस्यों का आरोप है कि जिस संवेदक को नल जल योजना का टंकी निर्माण कराने का जिम्मा सौंपा गया था. उसने अनेक वार्ड सदस्यों से सामान खरीदने के नाम पर राशि अपने खाते में मंगवा ली और फरार हो गए. अब हालात ये हैं कि वार्ड सदस्यों के पास उनके खाते में मोटर बनवाने लायक भी राशि नहीं बची है. इस वजह से पानी सप्लाई बाधित है.
18 वार्डों में बनी टंकी
वहीं, पिपरासी प्रखंड के प्रखंड विकास पदाधिकारी का कहना है कि यदि इस मामले पर उन्हें लिखित शिकायत मिलती है, तो जरूर कार्रवाई होगी. उनका यह भी कहना है कि 60 वार्डों में से 52 में नल जल योजना का कार्य चल रहा है, जिसमें 18 वार्डों में पानी टंकी बनकर तैयार है और लोगों को जलापूर्ति का लाभ मिल रहा है.
क्यों नहीं की गई शिकायत
नल जल योजना के फिसड्डी साबित होने की यह कहानी सिर्फ एक और दो पंचायतों की नहीं है. यहां सोचने वाली बात यह है की यदि संवेदक वार्ड सदस्यों से पैसे लेकर फरार हुआ, तो 6 माह बीत जाने के बावजूद भी उन लोगों ने इसकी शिकायत वरीय पदाधिकारियों से क्यों नहीं की. सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना कहीं न कहीं बड़ा हेर-फेर किया जा रहा है.