पश्चिमी चंपारण (बगहा): आधुनिकता और भागम भाग के इस दौर में अनियंत्रित जीवनशैली और अनियमित खान-पान ज्यादातर गंभीर बीमारियों को न्योता दे रहे हैं. यही वजह है कि एक बड़ा तबका मधुमेह, हृदयरोग और रक्तचाप जैसे बीमारियों की चपेट में है. लिहाजा पश्चिमी चंपारण के एक किसान विजय गिरी मधुमेह को जड़ से भगाने की मुहिम में जुटे हैं. इसी के तहत आम लोगों की थाली तक स्वास्थ्यवर्धक और पौष्टिक भोजन पहुंचाने के लिए शुगर फ्री अनाजों व सब्जियों की खेती पर जोर दे रहे हैं.
सिंधु घाटी सभ्यता काल का चमत्कारी गेहूं
रामनगर हरपुर बगहा के रहने वाले 55 वर्षीय विजय गिरी मैजिक राइस, ब्लैक रसियन पोटैटो, ब्लैक राइस और ब्लैक गेंहू की खेती के बाद इस बार 2000 ईसा वर्ष पुरानी सोनामोती गेंहू की बुआई का प्रयोग कर रहे हैं. इसके अलावा इन्होंने पर्पल गेंहू, ब्लू गेंहू और ब्लैक गेंहू की भी बुआई की है. इनका कहना है कि सोनामोती गेंहू का यह बीज श्रीश्री रविशंकर महाराज के यहां प्रसाद के तौर पर मिलता है. पंजाब के जलालपुर में इसकी खेती हजारों एकड़ में की जा रही है.
प्रचुर मात्रा में है फॉलिक एसिड नामक तत्व
कृषि वैज्ञानिकों के मुताबिक इस प्राचीन गेहूं के प्रभेद में ग्लाइसिमिक और ग्लूटिन नामक तत्व कम है, जो मधुमेह रोगियों के लिए औषधि के तौर पर काम करेगा. वहीं इसमें फॉलिक एसिड नामक तत्व अन्य अनाजों के मुकाबले कई गुणा ज्यादा होने के कारण यह गेंहू दिल के रोगियों के लिए अति लाभदायक है. लिहाजा इससे बनी रोटी स्वास्थ्यवर्धक और पौष्टिक होगी.
गेहूं लाएगा आर्थिक समृद्धि
रामनगर के प्रखंड कृषि पदाधिकारी तरुण कुमार मिश्र का भी कहना है कि इलाके में अलग तरह की खेती काफी सराहनीय है. इसकी वेरायटी में कई तत्व प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है जो स्वास्थ्य के लिहाज से लाभकारी हैं साथ ही सरकार ने कृषि क्रांति को लेकर 2021 तक का जो लक्ष्य निर्धारित किया है, उसमें इस तरह की खेती आर्थिक समृद्धि लाएगी और किसान सुदृढ़ होंगे.