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कद छोटा, हौसला बुलंद! मैट्रिक की परीक्षा दे रहा शमशेर अंसारी बनना चाहता है IAS ऑफिसर

बिहार मैट्रिक परीक्षा 2022 (Bihar Matric Exam 2022) के दौरान बेतिया में छोटा कद का शमशेर अंसारी (Short Stature Shamsher Ansari) आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. हालांकि उसका हौसला काफी बुलंद है. वह कहता है कि मेरा कद-काठी भले ही बाकी लोगों से कम है, लेकिन हौसले में कोई कमी नहीं है. आगे जाकर शमशेर अंसारी आईएएस ऑफिसर बनना चाहता है.

आईएएस ऑफिसर बनना चाहता है शमशेर अंसारी
आईएएस ऑफिसर बनना चाहता है शमशेर अंसारी
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Published : Feb 20, 2022, 7:19 PM IST

बेतिया: कहते हैं कि 'जब हौसला बना लिया ऊंची उड़ान का, फिर देखना फिजूल है कद आसमान का. डरना नहीं यहां तू किसी भी चुनौती से, बस तू ही सिकंदर है सारे जहान का.' इस पंक्ति को बेतिया में छोटा कद का शमशेर अंसारी (Short Stature Shamsher Ansari) सच साबित करना चाहता है. कद से वो महज दो फिट का है लेकिन हौसला चट्टान की तरह एकदम कड़क है. मैट्रिक की परीक्षा देने आया शमशेर आईएएस अधिकारी बनना चाहता है.

ये भी पढ़ें: Bihar Matric Exam 2022: हम नहीं सुधरेंगे! देखिए एग्जाम सेंटर पर पर्चा बनाने का LIVE VIDEO

शमशेर अंसारी पश्चिम चंपारण जिले के नरकटियागंज के बैरिया का रहने वाला है. वह आरएलएसवाई कॉलेज में मैट्रिक की परीक्षा दे रहा है. पहले दिन जब वह पेपर देने आया तो छात्रों के बीच आकर्षण का केंद्र बन गया. हालांकि वह छात्रों की भीड़ के बावजूद खुद को सहज रखता है. जैसे सभी परीक्षार्थियों की जांच होती है, वैसे ही उसकी भी जांच होती है. लाइन में खड़ा होता है और बिना किसी घबराहट के पेपर लिखता है.

शमशेर अंसारी परीक्षा देते हुए काफी उत्साहित है. खुद भी कहता है कि कद छोटा है तो क्या हुआ, मेरा हौसला किसी से भी कम नहीं है. बातचीत में वह कहता है कि पढ़-लिखकर आईएएस अधिकारी बनना चाहता हूं. इसके लिए दिन-रात मेहनत करूंगा और कामयाबी हासिल कर के रहूंगा.

वहीं, आरएलएसवाई के सीएस बताते हैं कि यह सरकार के समावेशी शिक्षा प्रणाली की देन है कि शमशेर जैसे बच्चे अपने सपनों की उड़ान भर रहे हैं. सरकार यही चाहती है कि छोटे कद काठी के बच्चे हो या दिव्यांग हो या कुपोषण का शिकार हो, सभी एक साथ बैठकर पढ़ें. किसी के अंदर कोई हीन भावना न हो. यही सरकार चाहती है और शमशेर जैसे बच्चे उसे साकार करते हैं.

ये भी पढ़ें: बोर्ड की लापरवाही से महिला परीक्षा केंद्र पर तमाशा बना छात्र, लड़कियों के बीच बैठकर देनी पड़ी परीक्षा

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शमशेर अंसारी पश्चिम चंपारण जिले के नरकटियागंज के बैरिया का रहने वाला है. वह आरएलएसवाई कॉलेज में मैट्रिक की परीक्षा दे रहा है. पहले दिन जब वह पेपर देने आया तो छात्रों के बीच आकर्षण का केंद्र बन गया. हालांकि वह छात्रों की भीड़ के बावजूद खुद को सहज रखता है. जैसे सभी परीक्षार्थियों की जांच होती है, वैसे ही उसकी भी जांच होती है. लाइन में खड़ा होता है और बिना किसी घबराहट के पेपर लिखता है.

शमशेर अंसारी परीक्षा देते हुए काफी उत्साहित है. खुद भी कहता है कि कद छोटा है तो क्या हुआ, मेरा हौसला किसी से भी कम नहीं है. बातचीत में वह कहता है कि पढ़-लिखकर आईएएस अधिकारी बनना चाहता हूं. इसके लिए दिन-रात मेहनत करूंगा और कामयाबी हासिल कर के रहूंगा.

वहीं, आरएलएसवाई के सीएस बताते हैं कि यह सरकार के समावेशी शिक्षा प्रणाली की देन है कि शमशेर जैसे बच्चे अपने सपनों की उड़ान भर रहे हैं. सरकार यही चाहती है कि छोटे कद काठी के बच्चे हो या दिव्यांग हो या कुपोषण का शिकार हो, सभी एक साथ बैठकर पढ़ें. किसी के अंदर कोई हीन भावना न हो. यही सरकार चाहती है और शमशेर जैसे बच्चे उसे साकार करते हैं.

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