पश्चिम चंपारण: दलित और गरीबों के विकास को लेकर केंद्र हो या राज्य सरकार भले ही बड़े-बड़ दावे कर रही है. लेकिन धरातल पर तस्वीर कुछ यूं बयां कर रही है. आधारभूत सुविधाओं और विकास के मामले में अभी भी निराशाजनक स्थिति है. इसका ज्वलंत उदाहरण बैरिया प्रखंड के बगही बगम्भरपुर पंचायत का दलित बस्ती है, जो आज भी दलित मोहल्ला आधारभूत सुविधाओं से कोसों दूर दिखाई दे रहा है.
बेतिया में कई ऐसे पंचायत हैं, जहां सरकार के सात निश्चय योजना के अंतर्गत नल जल, गली-नली जैसी योजना धरातल पर नहीं उतरी है. पंचायत को ओडीएफ घोषित कर दिया गया लेकिन एक भी घर में शौचाल नहीं बना है. इस बात का खुलासा ईटीवी भारत के ग्राउंड रिपोर्ट में हुआ है.
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बैरिया प्रखंड के बगही बगम्भरपुर पंचायत के महादलित बस्तियों में ग्रामीण सरकार की योजनाओं की राह देख रहे हैं. खलवा टोला और राय टोला वार्ड नंबर-5 में आज तक नल जल योजना नहीं पहुंची है.
गांव में सड़क, गली-नली नहीं पहुंची है. इन महादलित बस्तियों में बच्चों के लिए आंगनवाड़ी केंद्र तक नहीं है. हैरत की बात यह है कि यह पंचायत ओडीएफ भी घोषित हो चुका है. लेकिन इन महादलित बस्तियों में किसी भी ग्रामीण के यहां शौचालय नहीं है. इस महादलित बस्ती में 159 परिवार रहते हैं. जिनकी आबादी 500 से 1000 के बीच है. इतनी बड़ी आबादी के बीच एक सामुदायिक शौचालय बना दिया गया है.
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इस मामले में पंचायती राज पदाधिकारी विनोद कुमार रजक ने बताया कि वार्ड नंबर पांच में नल जल योजना है. लेकिन इन महादलित बस्तियों में नल जल योजना नहीं पहुंची है. उसके लिए अलग योजना लेकर जल्दी नल जल योजना पहुंचाई जाएगी. इसके लिए बीडीओ को आवश्यक दिशा निर्देश दिया गया है.