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परिवारवाद पर वोट की चोट से प्रहार, BJP के दिग्गज नेताओं के रिश्तेदारों को मिली करारी हार

बेतिया नगर निकाय चुनाव (Bettiah Municipal Election) में भाजपा नेताओं की साख तक नहीं बच पाई है. किसी की बहू को करारी शिकस्त मिली है तो किसी की भाभी को हार का मुंह देखना पड़ा है. बेतिया नगर निगम में भाजपा की दिग्गज नेता और पूर्व डिप्टी सीएम रेणु देवी और कद्दावर चनपटिया से बीजेपी विधायक उमाकांत सिंह को जनता ने ठेंगा दिखा दिया. पढ़ें पूरी खबर...

बेतिया में बीजेपी के दिग्गज नेताओं के रिश्तेदारों को मिली करारी हार
बेतिया में बीजेपी के दिग्गज नेताओं के रिश्तेदारों को मिली करारी हार
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Published : Dec 30, 2022, 5:33 PM IST

Updated : Dec 30, 2022, 5:39 PM IST

बेतिया: बेतिया नगर निगम में (Bettiah Municipal Corporation Electionsi पूर्व उपमुख्यमंत्री रेणु देवी (Former Deputy CM Renu Devi) की बहू मेयर प्रत्याशी की चुनाव लड़ी थी. जिसका प्रचार प्रसार खुद पूर्व उपमुख्यमंत्री रेणु देवी ने सिनेस्टार खेसारी लाल यादव के साथ किया था. मतदान के बाद जब मतगणना हुई तो कद्दावर बीजेपी नेता सह पूर्व डिप्टी सीएम रेणु देवी की बहू की जमानत तक नहीं बच पाई. मेयर बनी गरिमा देवी सिकारिया (Mayor Garima Devi Sikariya) को 73000 वोट मिले तो पूर्व उपमुख्यमंत्री रेणु देवी के बहू सुरभि घई को 10 हजार कुछ वोट मिले हैं. इससे साफ जाहिर होता है की जनता ने इन दिग्गजों के परिवारवाद पर वोट की चोट दी है.

ये भी पढ़ें- BJP विधायक की भाभी वार्ड पार्षद का चुनाव हारीं, ऋतुल प्रिया ने बीना सिंह को 176 वोटों से हराया

बेतिया नगर निगन चुनाव : चनपटिया के बीजेपी विधायक उमाकांत सिंह (BJP MLA Umakant Singh) की साख भी नहीं बच पाई है. वह अपनी भाभी बीना सिंह के लिए स्टार प्रचारक थे और भाभी के लिए गली-गली घूम-घूम कर मतदाताओं से वोट मांगे थे. लेकिन जनता ने उनको भी परिवारवाद का जो नशा चढ़ा था उसे वोट की चोट से उतार दिया. बेतिया में इन दोनों दिग्गजों बीजेपी नेताओं को इन कद्दावर नेताओं के परिवारवाद पर जनता ने वोट की चोट से प्रहार कर परिवारवाद नहीं चलेगा इसका खास और अहम संदेश दिया है.

बेतिया का मेयर बनी गरिमा देवी सिकारिया : गौरतलब है कि बिहार के बेतिया नगर निगम (Bettiah Municipal Corporation) मेयर गरिमा देवी सिकारिया (Mayor Garima Devi Sikariya) को हराने के लिए पूर्व उपमुख्यमंत्री रेणु देवी के साथ भाजपा के दिग्गज नेताओं ने गली-गली वोट मांगे थे. जनता ने भारतीय जनता पार्टी के दिग्गज नेताओं को नकार कर उन्हें करारा जवाब दिया है. बेतिया नगर निगम चुनाव में पूर्व उपमुख्यमंत्री रेणु देवी की बहू को करारी हार मिली हैं. उन्हें मात्र दस हजार वोट मिले हैं. पूर्व उपमुख्यमंत्री की बहू सुरभि घई को 62 हजार वोट से करारी हार मिली हैं. बेतिया का बदलापुर जनता ने सूद समेत बीजेपी को नेवता लौटाया है.

BJP विधायक की भाभी वार्ड पार्षद का चुनाव हारीं : वहीं, बीजेपी से चनपटिया विधायक उमाकांत सिंह (Chanpatia BJP MLA Umakant Singh) की भाभी बीना सिंह बुरी तरह बिहार नगर निकाय चुनाव (Bihar Municipal Elections) हार गई हैं. भारतीय जनता पार्टी के विधायक के चुनाव प्रचार के बाद भी उनकी भाभी वार्ड का चुनाव तक नहीं जीत पाई हैं. बीजेपी विधायक उमाकांत सिंह की भाभी बीना सिंह को ऋतुल प्रिया ने 176 वोटों से करारी शिकस्त दी है. चनपटिया से बीजेपी विधायक उमाकांत सिंह की भाभी बीना सिंह वार्ड संख्या 33 से वार्ड पार्षद चुनाव लड़ रही थी. उनके लिए खुद चनपटिया विधायक उमाकांत सिंह स्टार प्रचारक बने हुए थे. क्षेत्र में उनके लिए वोट भी मांगे. लेकिन जनता ने उन्हें नकार दिया और उनकी भाभी को ऋतुल प्रिया ने 176 वोटों से हरा दिया.

बेतिया: बेतिया नगर निगम में (Bettiah Municipal Corporation Electionsi पूर्व उपमुख्यमंत्री रेणु देवी (Former Deputy CM Renu Devi) की बहू मेयर प्रत्याशी की चुनाव लड़ी थी. जिसका प्रचार प्रसार खुद पूर्व उपमुख्यमंत्री रेणु देवी ने सिनेस्टार खेसारी लाल यादव के साथ किया था. मतदान के बाद जब मतगणना हुई तो कद्दावर बीजेपी नेता सह पूर्व डिप्टी सीएम रेणु देवी की बहू की जमानत तक नहीं बच पाई. मेयर बनी गरिमा देवी सिकारिया (Mayor Garima Devi Sikariya) को 73000 वोट मिले तो पूर्व उपमुख्यमंत्री रेणु देवी के बहू सुरभि घई को 10 हजार कुछ वोट मिले हैं. इससे साफ जाहिर होता है की जनता ने इन दिग्गजों के परिवारवाद पर वोट की चोट दी है.

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बेतिया नगर निगन चुनाव : चनपटिया के बीजेपी विधायक उमाकांत सिंह (BJP MLA Umakant Singh) की साख भी नहीं बच पाई है. वह अपनी भाभी बीना सिंह के लिए स्टार प्रचारक थे और भाभी के लिए गली-गली घूम-घूम कर मतदाताओं से वोट मांगे थे. लेकिन जनता ने उनको भी परिवारवाद का जो नशा चढ़ा था उसे वोट की चोट से उतार दिया. बेतिया में इन दोनों दिग्गजों बीजेपी नेताओं को इन कद्दावर नेताओं के परिवारवाद पर जनता ने वोट की चोट से प्रहार कर परिवारवाद नहीं चलेगा इसका खास और अहम संदेश दिया है.

बेतिया का मेयर बनी गरिमा देवी सिकारिया : गौरतलब है कि बिहार के बेतिया नगर निगम (Bettiah Municipal Corporation) मेयर गरिमा देवी सिकारिया (Mayor Garima Devi Sikariya) को हराने के लिए पूर्व उपमुख्यमंत्री रेणु देवी के साथ भाजपा के दिग्गज नेताओं ने गली-गली वोट मांगे थे. जनता ने भारतीय जनता पार्टी के दिग्गज नेताओं को नकार कर उन्हें करारा जवाब दिया है. बेतिया नगर निगम चुनाव में पूर्व उपमुख्यमंत्री रेणु देवी की बहू को करारी हार मिली हैं. उन्हें मात्र दस हजार वोट मिले हैं. पूर्व उपमुख्यमंत्री की बहू सुरभि घई को 62 हजार वोट से करारी हार मिली हैं. बेतिया का बदलापुर जनता ने सूद समेत बीजेपी को नेवता लौटाया है.

BJP विधायक की भाभी वार्ड पार्षद का चुनाव हारीं : वहीं, बीजेपी से चनपटिया विधायक उमाकांत सिंह (Chanpatia BJP MLA Umakant Singh) की भाभी बीना सिंह बुरी तरह बिहार नगर निकाय चुनाव (Bihar Municipal Elections) हार गई हैं. भारतीय जनता पार्टी के विधायक के चुनाव प्रचार के बाद भी उनकी भाभी वार्ड का चुनाव तक नहीं जीत पाई हैं. बीजेपी विधायक उमाकांत सिंह की भाभी बीना सिंह को ऋतुल प्रिया ने 176 वोटों से करारी शिकस्त दी है. चनपटिया से बीजेपी विधायक उमाकांत सिंह की भाभी बीना सिंह वार्ड संख्या 33 से वार्ड पार्षद चुनाव लड़ रही थी. उनके लिए खुद चनपटिया विधायक उमाकांत सिंह स्टार प्रचारक बने हुए थे. क्षेत्र में उनके लिए वोट भी मांगे. लेकिन जनता ने उन्हें नकार दिया और उनकी भाभी को ऋतुल प्रिया ने 176 वोटों से हरा दिया.

Last Updated : Dec 30, 2022, 5:39 PM IST
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