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प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से सम्मानित हुआ बहादुर धीरज, मगरमच्छ से छोटे भाई की बचाई थी जान

पश्चिम चम्पारण जिले के धीरज कुमार को विशेष बहादुरी के लिए प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से सम्मानित किया गया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को डिजिटली ब्लॉक चेन टेक्नोलॉजी के माध्यम से धीरज को प्रशस्ति पत्र देकर पुरस्कृत किया. पुरस्कार के तहत 1 लाख रुपये की राशि भी धीरज के अकाउंट में डिजिटली भेज दिया गया. पढ़ें पूरी खबर..

प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार
प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार
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Published : Jan 24, 2022, 11:04 PM IST

बेतियाः भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को पश्चिमी चंपारण जिले के 14 वर्षीय बालक धीरज को विशेष बहादुरी के लिए प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से सम्मानित ( Prime Minister National Child Award given to Bettiah Dheeraj Kumar) किया. देश के 21 राज्यों के धीरज सहित 29 बच्चों को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से सम्मानित किया गया. प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार के तहत 01 लाख रुपये की राशि भी धीरज के एकाउंट में डिजिटली भेज दिया गया हैं.

ये भी पढ़ें: बिहार विधान परिषद चुनाव: BJP 13 सिटिंग सीटों पर लड़ने को अड़ी, JDU किस फॉर्मूले की ताक में खड़ी ?

पीएम नरेन्द्र मोदी ने डिजिटली ब्लॉक चेन टेक्नोलॉजी के माध्यम से धीरज को प्रशस्ति पत्र देकर पुरस्कृत किया. प्रधनमंत्री से संवाद के दौरान धीरज ने कहा की घटना के वक्त मेरे दिमाग में सिर्फ मेरा भाई ही दिखाई दे रहा था. उसकी जान किसी भी कीमत पर बचानी थी. प्रधानमंत्री ने पूछा कि आप बड़ा होकर क्या बनना चाहते हैं. तो धीरज ने कहा कि मैं फौजी बनकर देश की सेवा करना चाहता हूं.

प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार अंतर्गत बाल शक्ति पुरस्कार से सम्मानित धीरज कुमार उत्क्रमित मध्य विद्यालय चौमुखा में कक्षा 08 का छात्र है और वह योगापट्टी प्रखंड क्षेत्र के एक छोटे से गांव चैमुखा का रहने वाला है. एक गरीब परिवार से आने वाले धीरज की बहादुरी का डंका आज पूरे देश में बज रहा है.

बता दें कि एक सितंबर 2020 को दोपहर लगभग 02 बजे धीरज अपने छोटे भाई नीरज के साथ अपने भैंसो को नहलाने गंडक नदी गया था. भैंसो को नहलाने के क्रम में नीरज पर एक मगरमच्छ ने अचानक हमला बोल दिया एवं उसके पैरों पर हमलाकर बुरी तरह से घायल कर दिया. धीरज ने बहादुरी का परिचय देते हुये बिना भयभीत हुए अपने छोटे भाई को मगरमच्छ से लड़कर छुड़ाया एवं छुड़ाकर किनारे पर ले आया.

इस दौरान वह स्वयं भी बुरी तरह से घायल हो गया. स्थानीय ग्रामीणों ने तत्काल दोनों को निकटतम अस्पताल में भर्ती कराया. जहां इलाज के पश्चात दोनों स्वस्थ हो गये. उक्त घटना को लेकर जिलाधिकारी कुंदन कुमार द्वारा धीरज की प्रशंसा की गयी और धीरज को राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से सम्मानित करने हेतु अनुशंसा भेजने के लिए बाल संरक्षण इकाई पश्चिम चम्पारण के सहायक निदेशक को धन्यवाद दिया. धीरज के उपलब्धि पर माता पिता सहित धीरज और उसका भाई भी काफी खुश है.

ये भी पढ़ें- मंत्री लेसी सिंह के रिश्तेदार अठिया समेत 7 गिरफ्तार, रिंटू सिंह-नीरज झा मर्डर समेत कई मामलों में थी तलाश

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बेतियाः भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को पश्चिमी चंपारण जिले के 14 वर्षीय बालक धीरज को विशेष बहादुरी के लिए प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से सम्मानित ( Prime Minister National Child Award given to Bettiah Dheeraj Kumar) किया. देश के 21 राज्यों के धीरज सहित 29 बच्चों को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से सम्मानित किया गया. प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार के तहत 01 लाख रुपये की राशि भी धीरज के एकाउंट में डिजिटली भेज दिया गया हैं.

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पीएम नरेन्द्र मोदी ने डिजिटली ब्लॉक चेन टेक्नोलॉजी के माध्यम से धीरज को प्रशस्ति पत्र देकर पुरस्कृत किया. प्रधनमंत्री से संवाद के दौरान धीरज ने कहा की घटना के वक्त मेरे दिमाग में सिर्फ मेरा भाई ही दिखाई दे रहा था. उसकी जान किसी भी कीमत पर बचानी थी. प्रधानमंत्री ने पूछा कि आप बड़ा होकर क्या बनना चाहते हैं. तो धीरज ने कहा कि मैं फौजी बनकर देश की सेवा करना चाहता हूं.

प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार अंतर्गत बाल शक्ति पुरस्कार से सम्मानित धीरज कुमार उत्क्रमित मध्य विद्यालय चौमुखा में कक्षा 08 का छात्र है और वह योगापट्टी प्रखंड क्षेत्र के एक छोटे से गांव चैमुखा का रहने वाला है. एक गरीब परिवार से आने वाले धीरज की बहादुरी का डंका आज पूरे देश में बज रहा है.

बता दें कि एक सितंबर 2020 को दोपहर लगभग 02 बजे धीरज अपने छोटे भाई नीरज के साथ अपने भैंसो को नहलाने गंडक नदी गया था. भैंसो को नहलाने के क्रम में नीरज पर एक मगरमच्छ ने अचानक हमला बोल दिया एवं उसके पैरों पर हमलाकर बुरी तरह से घायल कर दिया. धीरज ने बहादुरी का परिचय देते हुये बिना भयभीत हुए अपने छोटे भाई को मगरमच्छ से लड़कर छुड़ाया एवं छुड़ाकर किनारे पर ले आया.

इस दौरान वह स्वयं भी बुरी तरह से घायल हो गया. स्थानीय ग्रामीणों ने तत्काल दोनों को निकटतम अस्पताल में भर्ती कराया. जहां इलाज के पश्चात दोनों स्वस्थ हो गये. उक्त घटना को लेकर जिलाधिकारी कुंदन कुमार द्वारा धीरज की प्रशंसा की गयी और धीरज को राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से सम्मानित करने हेतु अनुशंसा भेजने के लिए बाल संरक्षण इकाई पश्चिम चम्पारण के सहायक निदेशक को धन्यवाद दिया. धीरज के उपलब्धि पर माता पिता सहित धीरज और उसका भाई भी काफी खुश है.

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