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Bettiah News: केके पाठक की मुहिम को ठेंगा, स्कूल से शिक्षक नदारद और जो उपस्थित थे वो भी लगे थे मोबाइल पर

केके पाठक के तमाम प्रयासों के बाद भी बिहार के सरकारी स्कूलों में तमाम सरकारी दावों के बावजूद छात्रों की उपस्थिति संतोषजनक नहीं दिख रही है. मौजूदा समय में बिहार में हर बच्चे को स्कूल तक लाना और उसे शिक्षा मुहैया कराना बहुत मुश्किल दिख रहा है. पढ़ें, विस्तार से.

राजकीय प्राथमिक विद्यालय छरकी का हाल.
राजकीय प्राथमिक विद्यालय छरकी का हाल.
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Sep 22, 2023, 5:01 PM IST

राजकीय प्राथमिक विद्यालय छरकी का हाल.

बेतियाः शिक्षा विभाग के अपर सचिव केके पाठक की कड़ाई के बाद भी भी सरकारी स्कूलों के हालात नहीं बदल रहे हैं. सरकारी विद्यालयों का हाल बदहाल है. स्कूल में शिक्षकों के मोबाइल चलाने पर मनाही है, लेकिन शिक्षक मोबाइल फोन का इस्तेमाल कर रहे हैं. स्कूल में पांच शिक्षक प्रतिनियुक्त हैं, लेकिन चार शिक्षक नादारद हैं. बच्चे जमीन पर बैठकर पढ़ने को मजबूर है. ये हाल है बेतिया के सरकारी स्कूल का.

इसे भी पढ़ेंः KK Pathak की सख्ती से बड़ा घोटाला उजागर, पश्चिम चंपारण में सबसे अधिक छात्रों का नामांकन रद्द

स्कूल से शिक्षक नदारदः नौतन प्रखंड के भगवानपुर पंचायत का राजकीय प्राथमिक विद्यालय छरकी है. जिसे अपना भवन भी नहीं है. इसमें वर्ग एक से वर्ग पांच तक की पढ़ाई होती है. स्कूल में पांच शिक्षक हैं. शुक्रवार को मात्र एक शिक्षक गगनदेव राम स्कूल आये थे. वो भी क्लासरूम में बैठकर मोबाइल पर कुछ देख रहे थे और बच्चे फर्श पर बैठकर शोर मचा रहे थे.

छात्रों की उपस्थिति थी कमः शिक्षक गगनदेव राम ने पूछने पर बताया कि एक शिक्षक छुट्टी पर हैं वहीं तीन शिक्षक किसी काम से गए हुए हैं. जब शिक्षक से बात की गई कि स्कूल में छात्र कितने हैं तो उन्होंने बताया कि 110 है. लेकिन, वहां मौजूद छात्रों को देखकर ऐसा नहीं लग रहा था कि यहां 110 बच्चे उपस्थित हैं. इस पर गगनदेव राम ने कहा बच्चे बाहर गए हैं.

केके पाठक की मुहिम को ठेंगाः बता दें कि शिक्षा विभाग के अपर सचिव केके पाठक इन दिनों मुहिम चला रहे हैं कि स्कूल की व्यवस्था में सुधार हो. उन्होंने स्पष्ट निर्देश दे रखा कि बच्चों की उपस्थिति सुनिश्चित करायी जाए. जो बच्चे स्कूल नहीं आते हैं उनका नाम काट दिया जाए. इसके अलावा शिक्षकों को भी समय पर स्कूल आने का निर्देश दे रखा है. इस व्यवस्था को सुनिश्चित कराने के लिए वो अक्सर विद्यालयों का निरीक्षण भी कर रहे हैं.

राजकीय प्राथमिक विद्यालय छरकी का हाल.

बेतियाः शिक्षा विभाग के अपर सचिव केके पाठक की कड़ाई के बाद भी भी सरकारी स्कूलों के हालात नहीं बदल रहे हैं. सरकारी विद्यालयों का हाल बदहाल है. स्कूल में शिक्षकों के मोबाइल चलाने पर मनाही है, लेकिन शिक्षक मोबाइल फोन का इस्तेमाल कर रहे हैं. स्कूल में पांच शिक्षक प्रतिनियुक्त हैं, लेकिन चार शिक्षक नादारद हैं. बच्चे जमीन पर बैठकर पढ़ने को मजबूर है. ये हाल है बेतिया के सरकारी स्कूल का.

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स्कूल से शिक्षक नदारदः नौतन प्रखंड के भगवानपुर पंचायत का राजकीय प्राथमिक विद्यालय छरकी है. जिसे अपना भवन भी नहीं है. इसमें वर्ग एक से वर्ग पांच तक की पढ़ाई होती है. स्कूल में पांच शिक्षक हैं. शुक्रवार को मात्र एक शिक्षक गगनदेव राम स्कूल आये थे. वो भी क्लासरूम में बैठकर मोबाइल पर कुछ देख रहे थे और बच्चे फर्श पर बैठकर शोर मचा रहे थे.

छात्रों की उपस्थिति थी कमः शिक्षक गगनदेव राम ने पूछने पर बताया कि एक शिक्षक छुट्टी पर हैं वहीं तीन शिक्षक किसी काम से गए हुए हैं. जब शिक्षक से बात की गई कि स्कूल में छात्र कितने हैं तो उन्होंने बताया कि 110 है. लेकिन, वहां मौजूद छात्रों को देखकर ऐसा नहीं लग रहा था कि यहां 110 बच्चे उपस्थित हैं. इस पर गगनदेव राम ने कहा बच्चे बाहर गए हैं.

केके पाठक की मुहिम को ठेंगाः बता दें कि शिक्षा विभाग के अपर सचिव केके पाठक इन दिनों मुहिम चला रहे हैं कि स्कूल की व्यवस्था में सुधार हो. उन्होंने स्पष्ट निर्देश दे रखा कि बच्चों की उपस्थिति सुनिश्चित करायी जाए. जो बच्चे स्कूल नहीं आते हैं उनका नाम काट दिया जाए. इसके अलावा शिक्षकों को भी समय पर स्कूल आने का निर्देश दे रखा है. इस व्यवस्था को सुनिश्चित कराने के लिए वो अक्सर विद्यालयों का निरीक्षण भी कर रहे हैं.

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