बगहा : वाल्मीकिनगर पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर चरघरिया गांव के समीप छापेमारी की. यहां से लाल रंग की एक बिना नंबर वाले ट्रैक्टर ट्रॉली को जब्त किया. वन क्षेत्र से सटे सेंसेटिव जोन से अवैध खनन कर बोल्डर लादकर ले जाया जा रहा था. पुलिस ने खनन एक्ट के तहत मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है.
लॉकडाउन में खनन माफियाओं की है चांदी
वाल्मीकि ब्याघ्र परियोजना के वन प्रमंडल 2 से सटे सेंसेटिव जोन में अवैध खनन का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है. चूकि, पत्थर माफियाओं से पटे इंडो-नेपाल सीमा के इस भारतीय क्षेत्र में बेरोक-टोक वर्षों से पत्थर की कालाबाजारी और तस्करी का धंधा फलते-फूलते रहा है. ऐसे में लॉकडाउन उनके लिए वरदान साबित हो रहा है. यहां से लगातार खनन जारी है.
खनन से पर्यावरण को होता है नुकसान
पत्थर उत्खनन से वाल्मीकि ब्याघ्र परियोजना एवं इस क्षेत्र की आबादी को काफी नुकसान उठाना पड़ सकता है. खासकर पर्यावरण को क्षति तो पहुंचेगी ही मिट्टी क्षय का भी खतरा बढ़ जाएगा. वहीं पत्थर के अवैध उत्खनन की सूचना को गंभीरता से लेते हुए वाल्मीकिनगर पुलिस ने छापेमारी की और बोल्डर लदे ट्रैक्टर-ट्रैलर को जब्त कर लिया.
ट्रैक्टर चालक भागने में रहा सफल
थानाध्यक्ष जयप्रकाश सिंह ने इस मामले की जानकारी देते हुए बताया कि पुलिस बल ने बोल्डर पत्थर लदे बिना नंबर की लाल रंग की ट्रैक्टर-ट्राली को जब्त कर लिया है. ट्रैक्टर मालिक की पहचान चरघरिया निवासी नंदकिशोर साह के रूप में की गई है, हालांकि मौके से ट्रैक्टर चालक पुलिस को चकमा देकर भागने में सफल रहा.
खनन अधिनियम के तहत मुकदमा हुआ दर्ज
इस मामले में बिहार खनन अधिनियम 120 की धारा 2/6 के तहत ट्रैक्टर स्वामी के विरुद्ध वाल्मीकि नगर थाना में मामला दर्ज कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी गई है. बता दें कि कई ऐसे स्थानीय सफेदपोश और पत्थर खनन माफिया इस अवैध खनन के धंधे से जुड़े हैं, जिन्होंने 100 से 150 बोल्डर और गिट्टी का भंडारण करके रखे हुए हैं और अब तक प्रशासन की नजर इन पर शायद नहीं पड़ी है.