पश्चिम चंपारण (बेतिया): तीन वर्ष पहले पति को मृत समझ चुकी पत्नी के आंखों में ये आंसू इस बात की गवाह दे रहा हैं कि उसका पति आज भी जिंदा है. दरअसर, मझौलिया थाना क्षेत्र के गुदरा पंचायत के रहने वाले रामदेव महतो 3 वर्ष पहले बाबा धाम जाने के क्रम में लापता हो गए थे. परिजनों ने काफी खोजबीन करने के बाद उनकी आश छोड़ दी थी. लेकिन आज 3 वर्ष बाद परिजनों को जानकारी मिली कि रामदेव महतो जिंदा है और वह बांग्लादेश के जेल में बंद हैं.
दरअसल, इस परिवार को यह जानकारी जिला रेड क्रॉस सोसाइटी की टीम से प्राप्त हुई. जिला रेड क्रॉस सोसाइटी के सचिव डॉ. जगमोहन ने बताया कि गुदरा पंचायत के निवासी 60 वर्षीय रामदेव महतो 30 नवंबर 2018 से बांग्लादेश के चामपाई नवाबगंज के जेल में बंद है. उन्हें कुछ आवश्यक कागजात चाहिए. ताकि उनकी रिहाई हो सके.
रेड क्रॉस सोसाइटी पहुंची लापता व्यक्ति के घर
बांग्लादेश के जेल में बंद 60 वर्षीय रामदेव महतो का पत्र बांग्लादेश स्थित रेड क्रॉस सोसाइटी को प्राप्त हुआ. जिसके बाद उसने भारतीय रेड क्रॉस सोसाइटी दिल्ली को वह पत्र भेजा. बिहार पटना रेड क्रॉस सोसाइटी को पत्र भेजा गया और आवश्यक कागजात उपलब्ध कराने की बात कही गई. जिसके बाद बांग्लादेश जेल में बंद रामदेव महतो का पत्र लेकर बेतिया रेड क्रॉस सोसाइटी उनके घर मझौलिया थाना के गुदरा गांव पहुंची. इस पत्र के अनुसार रामदेव महतो 30 नवंबर 2018 से बांग्लादेश के जेल में बंद हैं. उन्होंने अपनी रिहाई के लिए अपने परिवार वालों से राशन कार्ड, वोटर वोटर आई कार्ड, आधार कार्ड, स्वयं का फोटो और एक फैमिली फोटो कि शीघ्र मांग की है.
रेड क्रॉस सोसाइटी की मदद
बता दें कि मझौलिया के गुदरा गांव निवासी 60 वर्षीय रामदेव महतो 2017 में बाबा धाम (देवघर) गए थे. इसी क्रम में वह लापता हो गए. परिवार वालों ने काफी खोजबीन की लेकिन उनका कोई पता नहीं चला. लेकिन आज उन्हें पत्र के माध्यम से जानकारी मिली कि 30 नवंबर 2018 से रामदेव महतो बांग्लादेश के जेल में बंद हैं. वहां की सरकार जासूसी के संदेश में उन्हें जेल में बंद की हुई है. वहीं, रामदेव महतो की सूचना मिलने पर पूरे गांव के लोग खुश हैं. आज रामदेव महतो का परिवार रेड क्रॉस सोसाइटी धन्यवाद दे रहा है. इस परिवार को एक उम्मीद जगी है कि बांग्लादेश के जेल में बंद 60 वर्षीय रामदेव महतो जल्द ही उनके पास आ जाएंगे.