ETV Bharat / state

लॉक डाउन में बंद पड़े आटा चक्की और धानकुट्टी मिलों ने लोगों को चकरी की ओर लौटाया - लॉक डाउन न्यूज

लॉक डाउन की वजह से बंद पड़े आटा चक्की और धनकुट्टी मिलों का विकल्प पुराने जमाने में उपयोग किये जा रहे जांता यानी चकरी के तौर पर मिला है.

west champaran
west champaran
author img

By

Published : Apr 15, 2020, 12:20 PM IST

पश्चिम चंपारणः कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम के लिए पूरे देश में लॉक डाउन लागू है. जिससे अधिकांश आटा चक्की और धानकुट्टी मशीन बंद हैं. ऐसे में विलुप्त हो चुके जांता या चकरी का लोग इस्तेमाल कर रहे हैं. जिले के ग्रामीण इलाकों में लोग चकरी का उपयोग कर दाल और गेंहू दर रहे हैं.

महामारी के दौर में काम आ रहे पुराने यंत्र
लॉक डाउन की वजह से बंद पड़े आटा चक्की और धनकुट्टी मिलों का विकल्प पुराने जमाने में उपयोग किये जा रहे जांता यानी चकरी के तौर पर मिला है. बता दें कि आधुनिकता के इस दौर में प्राचीन यंत्रों की जगह अत्याधुनिक मशीनों ने ले लिया है. ऐसे में नई पीढ़ी ने शायद ही कभी इन यंत्रों का इस्तेमाल किया हो. आज के दौर में तकरीबन यह यंत्र विलुप्त हो चुका है. इसके बावजूद गांवों के बहुत से घरों की यह शोभा बढ़ा रहा है और इस महामारी के दौर में काम आ रहा है.

देखें रिपोर्ट

स्वास्थ्य के लिए भी उपयोगी
लोगों ने बताया कि नई पीढ़ी इस यंत्र का उपयोग करना नहीं जानती है. जबकि पुराने जमाने में इसी से चना, गेंहू और दाल इत्यादि दरा जाता था. उन्होंने बताया कि लॉक डाउन की वजह से बंद पड़े मिलों के कारण आस पड़ोस की महिलाएं जांता मांग कर ले जा रही हैं. बता दें कि स्वास्थ्य के लिहाज से भी यह उपयोगी माना जाता है. इससे पूरे शरीर का उचित व्यायाम हो जाता है.

पश्चिम चंपारणः कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम के लिए पूरे देश में लॉक डाउन लागू है. जिससे अधिकांश आटा चक्की और धानकुट्टी मशीन बंद हैं. ऐसे में विलुप्त हो चुके जांता या चकरी का लोग इस्तेमाल कर रहे हैं. जिले के ग्रामीण इलाकों में लोग चकरी का उपयोग कर दाल और गेंहू दर रहे हैं.

महामारी के दौर में काम आ रहे पुराने यंत्र
लॉक डाउन की वजह से बंद पड़े आटा चक्की और धनकुट्टी मिलों का विकल्प पुराने जमाने में उपयोग किये जा रहे जांता यानी चकरी के तौर पर मिला है. बता दें कि आधुनिकता के इस दौर में प्राचीन यंत्रों की जगह अत्याधुनिक मशीनों ने ले लिया है. ऐसे में नई पीढ़ी ने शायद ही कभी इन यंत्रों का इस्तेमाल किया हो. आज के दौर में तकरीबन यह यंत्र विलुप्त हो चुका है. इसके बावजूद गांवों के बहुत से घरों की यह शोभा बढ़ा रहा है और इस महामारी के दौर में काम आ रहा है.

देखें रिपोर्ट

स्वास्थ्य के लिए भी उपयोगी
लोगों ने बताया कि नई पीढ़ी इस यंत्र का उपयोग करना नहीं जानती है. जबकि पुराने जमाने में इसी से चना, गेंहू और दाल इत्यादि दरा जाता था. उन्होंने बताया कि लॉक डाउन की वजह से बंद पड़े मिलों के कारण आस पड़ोस की महिलाएं जांता मांग कर ले जा रही हैं. बता दें कि स्वास्थ्य के लिहाज से भी यह उपयोगी माना जाता है. इससे पूरे शरीर का उचित व्यायाम हो जाता है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.