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बेतिया: बूढ़ी गंडक नदी के जलस्तर में तेजी से हो रही बढोतरी, कटाव के कारण संकट में हजारों लोग

मझौलिया प्रखंड के सेमरा घाट में नदी के बढ़ते जलस्तर और कटाव से नदी किनारे जीवन यापन करने वाले लोगों में दहशत का माहौल है. बूढ़ी गंडक नदी का तेज बहाव, बढ़ते जलस्तर और कटाव के कारण ग्रामीण भयभीत हैं.

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Published : Jul 13, 2020, 4:32 PM IST

बेतिया: मझौलिया प्रखंड के सेमरा पंचायत के सेमरा घाट गांव से सिकटा प्रखंड में जाने के लिए एकमात्र सहारा चचरी पुल ही था. लेकिन बूढ़ी गंडक नदी के बढ़ते जलस्तर और तेज बहाव के कारण बांस से बनी चचरी पुल को हटा दिया गया है. नदियों के बढ़ते जलस्तर और कटाव से सेमरा घाट के ग्रामीण भयभीत हैं. स्थानीय लोग इस कटाव से बचाने के लिए प्रशसन से गुहार लगा रहे हैं.

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कटाव से लोग भयभीत

मझौलिया प्रखंड के सेमरा घाट में नदी के बढ़ते जलस्तर और कटाव से नदी किनारे बसर करने वाले हजारों लोगों की जान संकट में है. हर वक्त ग्रामीणों में डर बना रहता है. अपने बच्चों को लेकर डरे रहते हैं कि बच्चे नदी की तरफ ना जाएं, क्योंकि नदी कटाव कर रही है. इसके बावजूद भी बचाव के लिए समुचित व्यवस्था नहीं की गई है.

देखें रिपोर्ट

नाव के सहरे लोगों का जीवन
वहीं, मझौलिया प्रखंड के सेमरा घाट पर बांस से बनी चचरी के पुल को हटा दिया गया है. इस क्षेत्र के लोगों का कहना है कि मझौलिया से बाजार कर उस पार सिकटा प्रखंड में जाने के लिए नाव ही एकमात्र सहारा है. नाव का घंटों इंतजार करना पड़ता है. तब हम लोग उस पार जा पाते हैं और नाव पर भी डर बना रहता है. मझौलिया प्रखंड के बढ़ईया टोला, सेमरा घाट, बथना, महनवा, डुमरी समेत कई तिरवाह क्षेत्र के लोग काफी प्रभावित हैं.

बेतिया: मझौलिया प्रखंड के सेमरा पंचायत के सेमरा घाट गांव से सिकटा प्रखंड में जाने के लिए एकमात्र सहारा चचरी पुल ही था. लेकिन बूढ़ी गंडक नदी के बढ़ते जलस्तर और तेज बहाव के कारण बांस से बनी चचरी पुल को हटा दिया गया है. नदियों के बढ़ते जलस्तर और कटाव से सेमरा घाट के ग्रामीण भयभीत हैं. स्थानीय लोग इस कटाव से बचाने के लिए प्रशसन से गुहार लगा रहे हैं.

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कटाव से लोग भयभीत

मझौलिया प्रखंड के सेमरा घाट में नदी के बढ़ते जलस्तर और कटाव से नदी किनारे बसर करने वाले हजारों लोगों की जान संकट में है. हर वक्त ग्रामीणों में डर बना रहता है. अपने बच्चों को लेकर डरे रहते हैं कि बच्चे नदी की तरफ ना जाएं, क्योंकि नदी कटाव कर रही है. इसके बावजूद भी बचाव के लिए समुचित व्यवस्था नहीं की गई है.

देखें रिपोर्ट

नाव के सहरे लोगों का जीवन
वहीं, मझौलिया प्रखंड के सेमरा घाट पर बांस से बनी चचरी के पुल को हटा दिया गया है. इस क्षेत्र के लोगों का कहना है कि मझौलिया से बाजार कर उस पार सिकटा प्रखंड में जाने के लिए नाव ही एकमात्र सहारा है. नाव का घंटों इंतजार करना पड़ता है. तब हम लोग उस पार जा पाते हैं और नाव पर भी डर बना रहता है. मझौलिया प्रखंड के बढ़ईया टोला, सेमरा घाट, बथना, महनवा, डुमरी समेत कई तिरवाह क्षेत्र के लोग काफी प्रभावित हैं.

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