बेतिया: जिला मुख्यालय से लगभग 25 किलोमीटर की दूरी पर स्थित मझौलिया प्रखंड के परसा पंचायत का यह परसा टोला केशवन गांव वार्ड नंबर 3 का है. इस गांव का हाल बेहाल है और यह गांव विकास से कोसों दूर है. इस गांव में कोई भी सरकारी योजना काम नहीं कर रही. इस गांव में ना तो सड़क है, ना ही नाली है, ना ही नल जल योजना है और ना ही प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत कोई घर बना हुआ हैं. यहां सिर्फ झोपड़ी का बना हुआ घर है. ऐसे में गांव के लोग सरकारी योजनाओं का इंतजार कर रहे हैं.
विकास से कोसों दूर
मझौलिया प्रखंड के परसा पंचायत का केशवन गांव के वार्ड नंबर 3 में लगभग 300 वोटर है. इनका कहना है कि चुनाव के वक्त इस गांव की याद जनप्रतिनिधियों को आती है. उसके बाद उन्हें कोई याद नहीं करता. इस वार्ड में आज तक नल जल, पक्की सड़क, नाला और प्रधानमंत्री आवास तक नहीं पहुंचा. ग्रामीणों का कहना है कि जनप्रतिनिधि मुखिया, विधायक सब आते हैं, इनसे वादा भी करते है कि इस गांव का विकास होगा. लेकिन चुनाव के बाद यह भूल जाते हैं और फिर जब चुनाव का वक्त आता है तो सिर्फ लोग इनसे वोट मांगने आते हैं और फिर चले जाते हैं.
शुद्ध पेयजल की नहीं है व्यवस्था
ग्रामीणों का कहना है कि यह गांव कोहडा नदी के किनारे बसा हुआ हैं. इस गांव में शुद्ध पेयजल की भी व्यवस्था नहीं है. ऐसे में कोहडा नदी के किनारे गांव होने के कारण लोग जो चापाकल का पानी पीते हैं, उसमें भी नदी के पानी का स्वाद आता है. यहां लोग विकास के लिए तरस रहे हैं.
बाढ़ में गांव की स्थिती भयावह
इनका कहना है कि बाढ़ में हमारी स्थिति इतनी भयावह हो गई थी कि कोई भी जनप्रतिनिधि हमारी सुध लेने तक नहीं आया. विधायक को तो छोड़ दीजिए, मुखिया तक हमारी सुध लेने नहीं आया. ऐसे में लोगों की उम्मीद भी टूट चुकी है कि इस वार्ड में कभी कोई सरकारी योजना भी आएगा, कभी नल जल का काम होगा, कभी पक्की सड़क बनेगा, नाला बनेगा प्रधानमंत्री आवास से घर बनेगा.
बिहार विधानसभा चुनाव
बता दें कि मझौलिया प्रखंड का यह गांव बेतिया विधानसभा में आता है. यह परसा पंचायत मझौलिया का आखिरी पंचायत है. जहां से विकास कोसों दूर है. लोगों को इंतजार है कि इस गांव में नल जल योजना, प्रधानमंत्री आवास, सड़क, नाले का निर्माण हो. ऐसे में लोगों ने मन बना लिया है कि इस बार बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर जब जनप्रतिनिधि वोट मांगने आएंगे तो उनका हम घेराव करेंगे. उनका कहना है कि जो भी जनप्रतिनिधि चुनाव के वक्त वोट मांगने आएगा, उनसे हमारा सवाल होगा कि पहले विकास कीजिए, उसके बाद वोट मांगने आइए.