बगहा: बिहार के पश्चिम चंपारण में एक नवजात झोला में मिलने से इलाके में सनसनी फैल गई. नौरंगिया थाना क्षेत्र के बनकटा जंगल में पुल के नीचे झोले में बंद नवजात शिशु एक महिला को मिला. मेला घूमने गई वाल्मीकीनगर थाना क्षेत्र की उस महिला ने नवजात बच्चे को देखा और उसे घर लेकर आई लेकिन अस्पताल ले जाते समय मासूम की मौत हो गई.
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झोला में मिला नवजात : मिली जानकारी के अनुसार नौरंगिया थाना क्षेत्र के बनकटवा जंगल के नजदीक मंगलवार यानी 21 फरवरी को एक नवजात शिशु लावारिस हालत में मिला. बताया जाता है कि शिशु झोले में बंद था. मेला घूमने गई एक महिला उधर से लौट रही थी तो उसको झोले में कुछ हलचल होते महसूस हुआ. झोले में से बच्चे के रोने की आवाज सुनाई दी. जिसके बाद महिला उक्त बच्चे को घर लेकर आई.
बच्चे की हुई मौत : वाल्मीकीनगर थाना क्षेत्र के धुमवाटांड़ की रहने वाली महिला प्रेमा देवी जब बच्चे को घर लेकर आई तो परिजनों ने इस घटना की सूचना नौरंगिया थाना को दी. जिसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने बच्चे को हिफाजत से रखने की बात कह लौट आई. घटना की सूचना पुलिस ने चाइल्ड केयर को भी दी जिसके बाद चाइल्ड केयर वालों ने महिला को बच्चा समेत थाना पर बुलाने की बात कही.
"मंगलवार को इस बात की सूचना मिली थी जिसके बाद महिला के परिजनों को बच्चे को हिफाजत से रखने के लिए बोला. वरीय पदाधिकारी जो दिशा निर्देश देंगे उस हिसाब से आगे की कार्रवाई की जाएगी. इस बीच चाइल्ड केयर वालों से संपर्क साधा गया तो उन्होंने महिला को नवजात समेत थाना बुलाया. जब महिला बच्चे को लेकर थाने पर पहुंची तो शिशु की तबीयत बिगड़ने लगी." - अकसूद आलम, एएसआई, नौरंगिया थाना
महिला पर टूटा दुखों का पहाड़ : नवजात की तबीयत बिगड़ने के बाद एएसआई अकसूद आलम तत्काल बच्चे को सदर अस्पताल लेकर पहुंचे लेकिन बच्चे ने दम तोड़ दिया था. एएसआई अकसूद आलम ने बताया की चाइल्ड केयर वाले थाना पर नहीं आए. अस्पताल में पहुंचने के काफी देर बाद उनकी टीम पहुंची. इधर बच्चे के मरने के बाद महिला काफी निराश हो गई. दरअसल जिस महिला को बच्चा मिला था उसकी चार बेटियां हैं और बेटा एक भी नहीं है. ऐसे में महिला ने आस लगा रखा था कि वह इस बच्चे को अपना बेटा समझकर पालन-पोषण करेगी लेकिन उसकी उम्मीदें टूट गई और उसके परिजन भी निराश हो गए.