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कश्मीर से लौटे प्रवासी बेतिया में बना रहे बल्ले, बोले- लोगों को यहीं देंगे रोजगार - कश्मीर से लौटे प्रवासी

प्रवासी श्रमिक अबुलैस और मोहम्मद फैयाज का कहना है कि हम आत्मनिर्भर बनना चाहते हैं. अगर सरकार से हमें रोजगार के लिए मदद मिल जाती, तो हम अपना गांव छोड़कर कश्मीर काम करने नहीं जाते और यहीं पर रह कर क्रिकेट बल्ला बनाने का काम करते और साथ में लोगों को भी रोजगार देते.

बेतिया
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Published : Jun 3, 2020, 8:24 AM IST

बेतिया : जिले में बन रहे क्रिकेट के बल्ले से नामी खिलाड़ी चौका-छक्का लगाएंगे. जी हां बेतिया जिला के गौनाहा प्रखंड के सहोदरा थाना क्षेत्र परसौनी गांव में क्रिकेट का बल्ला बनाने का काम चल रहा है और इस काम को अंजाम कश्मीर से आए प्रवासी श्रमिक दे रहे हैं. यह प्रवासी श्रमिक कश्मीर के अनंतनाग में पिछले 8 सालों से क्रिकेट का बल्ला बनाने वाले कारखाने में काम कर रहे थे. लेकिन अब लॉकडाउन में अपने घर वापस आ गए हैं और यहीं पर बल्ला बनाने का काम शुरू कर दिया है.

संसाधन और पैसे का अभाव
गौनाहा प्रखंड के परसौनी में क्रिकेट का बल्ला बनाने का काम चल रहा है. यह काम कश्मीर में काम कर रहे प्रवासी श्रमिक अबुलैस और मोहम्मद फैयाज आलम कर रहे हैं. पिछले 8 सालों से यह प्रवासी श्रमिक कश्मीर के अनंतनाग में क्रिकेट बल्ला बनाने वाले कारखाने में बल्ला बनाने का काम करते थे. अब लॉकडाउन में यह प्रवासी श्रमिक घर पर ही क्रिकेट का बल्ला बना रहे हैं और यह चाहते हैं कि यहीं रहकर अब अपना काम शुरू करें. ताकि दोबारा कश्मीर ना जाना पड़े. लेकिन संसाधन व पैसे के अभाव में इन का हुनर दम तोड़ दे रहा है.

देखें पूरी रिपोर्ट

'लोगों को देंगे रोजगार'
यह प्रवासी श्रमिक कश्मीर में एक दिन में दर्जनों बल्ला बनाकर तैयार कर लेते थे. लेकिन यहां संसाधन नहीं होने से एक दिन में एक ही बल्ला बनकर तैयार कर पा रहे हैं. प्रवासी श्रमिक अबुलैस और मोहम्मद फैयाज का कहना है कि हम आत्मनिर्भर बनना चाहते हैं. अगर सरकार से हमें रोजगार के लिए मदद मिल जाती, तो हम अपना गांव छोड़कर कश्मीर काम करने नहीं जाते और यहीं पर रह कर क्रिकेट बल्ला बनाने का काम करते और साथ में लोगों को भी रोजगार देते.

bettiah
क्रिकेट का बल्ला बनाते प्रवासी श्रमिक

गांव में ही रह कर करना चाहते हैं काम
लॉकडाउन में अपने घर आये प्रवासी श्रमिक अब कश्मीर नहीं जाना चाहते. यह अपने गांव में ही रह कर काम करना चाहते हैं और आत्मनिर्भर बनना चाहते हैं. ऐसे में अगर जिला प्रशासन इनकी मदद करे तो यह बड़े पैमाने पर क्रिकेट बल्ला बनाने का काम शुरू कर सकते हैं. खुद तो आत्मनिर्भर बनेंगे ही गांव के दूसरे लोगों को भी रोजगार देंगे.

बेतिया : जिले में बन रहे क्रिकेट के बल्ले से नामी खिलाड़ी चौका-छक्का लगाएंगे. जी हां बेतिया जिला के गौनाहा प्रखंड के सहोदरा थाना क्षेत्र परसौनी गांव में क्रिकेट का बल्ला बनाने का काम चल रहा है और इस काम को अंजाम कश्मीर से आए प्रवासी श्रमिक दे रहे हैं. यह प्रवासी श्रमिक कश्मीर के अनंतनाग में पिछले 8 सालों से क्रिकेट का बल्ला बनाने वाले कारखाने में काम कर रहे थे. लेकिन अब लॉकडाउन में अपने घर वापस आ गए हैं और यहीं पर बल्ला बनाने का काम शुरू कर दिया है.

संसाधन और पैसे का अभाव
गौनाहा प्रखंड के परसौनी में क्रिकेट का बल्ला बनाने का काम चल रहा है. यह काम कश्मीर में काम कर रहे प्रवासी श्रमिक अबुलैस और मोहम्मद फैयाज आलम कर रहे हैं. पिछले 8 सालों से यह प्रवासी श्रमिक कश्मीर के अनंतनाग में क्रिकेट बल्ला बनाने वाले कारखाने में बल्ला बनाने का काम करते थे. अब लॉकडाउन में यह प्रवासी श्रमिक घर पर ही क्रिकेट का बल्ला बना रहे हैं और यह चाहते हैं कि यहीं रहकर अब अपना काम शुरू करें. ताकि दोबारा कश्मीर ना जाना पड़े. लेकिन संसाधन व पैसे के अभाव में इन का हुनर दम तोड़ दे रहा है.

देखें पूरी रिपोर्ट

'लोगों को देंगे रोजगार'
यह प्रवासी श्रमिक कश्मीर में एक दिन में दर्जनों बल्ला बनाकर तैयार कर लेते थे. लेकिन यहां संसाधन नहीं होने से एक दिन में एक ही बल्ला बनकर तैयार कर पा रहे हैं. प्रवासी श्रमिक अबुलैस और मोहम्मद फैयाज का कहना है कि हम आत्मनिर्भर बनना चाहते हैं. अगर सरकार से हमें रोजगार के लिए मदद मिल जाती, तो हम अपना गांव छोड़कर कश्मीर काम करने नहीं जाते और यहीं पर रह कर क्रिकेट बल्ला बनाने का काम करते और साथ में लोगों को भी रोजगार देते.

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क्रिकेट का बल्ला बनाते प्रवासी श्रमिक

गांव में ही रह कर करना चाहते हैं काम
लॉकडाउन में अपने घर आये प्रवासी श्रमिक अब कश्मीर नहीं जाना चाहते. यह अपने गांव में ही रह कर काम करना चाहते हैं और आत्मनिर्भर बनना चाहते हैं. ऐसे में अगर जिला प्रशासन इनकी मदद करे तो यह बड़े पैमाने पर क्रिकेट बल्ला बनाने का काम शुरू कर सकते हैं. खुद तो आत्मनिर्भर बनेंगे ही गांव के दूसरे लोगों को भी रोजगार देंगे.

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