बगहा: नेपाल में मूसलाधार बारिश के बाद वाल्मीकीनगर गंडक बराज नियंत्रण कक्ष द्वारा गंडक नदी में 2 लाख 12 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया है. जिसके बाद गंडक नदी उफना गई है. तेजी से बढ़ रहे जलस्तर को देखते हुए जिला प्रशासन ने अभियंताओं को निगरानी का निर्देश दिया है. निचले इलाके में रहने वाले लोगों को सतर्कता बरतने की सलाह दी गयी है. इंडो नेपाल सीमा से होकर गुजरने वाली गंडक नदी का जलस्तर 1 लाख 50 हजार से बढ़कर 2 लाख 12 हजार क्यूसेक पहुंच गया है.
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एक बार फिर गंडक का जलस्तर बढ़ रहाः दरअसल इस मॉनसून सत्र में पिछले हफ्ते का सर्वाधिक 2 लाख 93 हजार तक पहुंच गया था जिसके बाद गंडक नदी किनारे बसे लोग बाढ़ व कटाव की आशंका से सहमे हुए थे. लेकिन धीरे धीरे जलस्तर कम हुआ तो लोगों ने राहत की सांस ली. लेकिन, नेपाल में लगातार हो रही बारिश के बाद एक बार फिर गंडक नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है. जिसके बाद प्रशासन अलर्ट मोड पर है. गंडक बराज नियंत्रण कक्ष के सभी 36 फाटकों को खोल दिया गया है. अभियंताओं की टीम को 24 घंटे सतत निगरानी में लगाया गया है.
निचले इलाके के लोगों को सतर्कता बरतने की सलाहः आशंका जताई जा रही है कि गंडक नदी का जलस्तर और ज्यादा बढ़ सकता है. नतीजतन जिला प्रशासन ने निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को सतर्कता बरतने की सलाह दी है. गंडक नदी में नाव के परिचालन पर पूरी तरह से रोक लगा दी गयी है. प्रशासन से मिली जानकारी के अनुसार गंडक नदी का जलस्तर जब 4 लाख क्यूसेक से ज्यादा पहुंचता है तो बगहा, यूपी, बेतिया, गोपालगंज समेत पूर्वी चंपारण के निचले इलाकों में बाढ़ आने की आशंका बढ़ जाती है. साथ ही जैसे-जैसे जलस्तर कम होता है तो कटाव होने लगता है.