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ST बालिका विद्यालय हारनाटांड मामले पर HC में हुई सुनवाई, दयनीय अवस्था पर व्यक्त की नाराजगी - Scheduled Tribe Girls School Harnatand

पश्चिम चम्पारण जिले के अनुसूचित जनजाति बालिका विद्यालय हारनाटांड (Scheduled Tribe Girls School Harnatand) मामले पर मंगलवार को पटना हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. हाईकोर्ट ने स्कूल के दयनीय अवस्था पर नाराजगी जाहिर की. पढ़ें पूरी खबर...

Patna High Court
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Published : Nov 29, 2022, 7:26 PM IST

पटनाः बिहार के पश्चिम चम्पारण के हारनाटांड स्थित अनुसूचित जनजाति के बालिकाओं के लिए एकमात्र स्कूल की दयनीय अवस्था पर पटना हाईकोर्ट ने नाराजगी जाहिर की है. चीफ जस्टिस संजय करोल (Chief Justice Sanjay Karol) की खंडपीठ ने इस जनहित याचिका पर सुनवाई (Hearing IN Patna HC On Scheduled Tribe Girls School Harnatand) करते हुए कहा कि इन बच्चे की सही ढंग से पढ़ाई के लिए क्यों नहीं सोचते हैं.


ये भी पढ़ें-माध्यमिक और उच्च माध्यमिक स्कूलों में बहाली का रास्ता साफ, पटना हाईकोर्ट ने हटाई रोक

पिछली सुनवाई में कोर्ट ने राज्य सरकार के शिक्षा विभाग के निदेशक और समाज कल्याण विभाग के निदेशक को अगली सुनवाई में स्थिति स्पष्ट करने के लिए तलब किया था. याचिकाकर्ता के अधिवक्ता विकास पंकज ने कोर्ट को बताया कि बिहार में अनुसूचित जनजाति की बालिकाओं के लिए पश्चिम चम्पारण के हारनाटांड एकमात्र स्कूल है.

सौ बेड वाला छात्राओं का हॉस्टल पड़ा है बंदः उन्होंने कोर्ट को बताया कि पहले यहां पर कक्षा एक से लेकर कक्षा दस तक की पढ़ाई होती थी, लेकिन जबसे इस स्कूल का प्रबंधन सरकार के हाथों में गया, इस स्कूल की स्थिति बदतर होती गई. उन्होंने कोर्ट को जानकारी दी कि कक्षा सात और आठ में छात्राओं का एडमिशन बन्द कर दिया गया. साथ ही कक्षा नौ और दस में छात्राओं का एडमिशन पचास फीसदी ही रह गया. यहां पर सौ बेड वाला हॉस्टल छात्राओं के लिए था, जिसे बंद कर दिया गया.
कोर्ट ने पूछा क्यों इतनी बड़ी संख्या में छात्राएं पढ़ाई छोड़ रही हैं? इस स्कूल में पर्याप्त संख्या में शिक्षक भी नहीं है. इस कारण छात्राओं की पढ़ाई बुरी तरह प्रभावित हुई है. कोर्ट ने जानना चाहा कि इतनी बड़ी तादाद में छात्राएं स्कूल जाना क्यों बंद कर दे रही है. पिछली सुनवाई में कोर्ट ने कहा था कि जब इस स्कूल के लिए केंद्र सरकार पूरा फंड देती है, तो सारा पैसा स्कूल को क्यों नहीं दिया जाता है. इस मामलें पर आगे की सुनवाई की जाएगी.

ये भी पढ़ें-मुजफ्फरपुर आई हॉस्पिटल मामला : HC ने राज्य सरकार को हलफनामा दायर करने का दिया निर्देश

पटनाः बिहार के पश्चिम चम्पारण के हारनाटांड स्थित अनुसूचित जनजाति के बालिकाओं के लिए एकमात्र स्कूल की दयनीय अवस्था पर पटना हाईकोर्ट ने नाराजगी जाहिर की है. चीफ जस्टिस संजय करोल (Chief Justice Sanjay Karol) की खंडपीठ ने इस जनहित याचिका पर सुनवाई (Hearing IN Patna HC On Scheduled Tribe Girls School Harnatand) करते हुए कहा कि इन बच्चे की सही ढंग से पढ़ाई के लिए क्यों नहीं सोचते हैं.


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पिछली सुनवाई में कोर्ट ने राज्य सरकार के शिक्षा विभाग के निदेशक और समाज कल्याण विभाग के निदेशक को अगली सुनवाई में स्थिति स्पष्ट करने के लिए तलब किया था. याचिकाकर्ता के अधिवक्ता विकास पंकज ने कोर्ट को बताया कि बिहार में अनुसूचित जनजाति की बालिकाओं के लिए पश्चिम चम्पारण के हारनाटांड एकमात्र स्कूल है.

सौ बेड वाला छात्राओं का हॉस्टल पड़ा है बंदः उन्होंने कोर्ट को बताया कि पहले यहां पर कक्षा एक से लेकर कक्षा दस तक की पढ़ाई होती थी, लेकिन जबसे इस स्कूल का प्रबंधन सरकार के हाथों में गया, इस स्कूल की स्थिति बदतर होती गई. उन्होंने कोर्ट को जानकारी दी कि कक्षा सात और आठ में छात्राओं का एडमिशन बन्द कर दिया गया. साथ ही कक्षा नौ और दस में छात्राओं का एडमिशन पचास फीसदी ही रह गया. यहां पर सौ बेड वाला हॉस्टल छात्राओं के लिए था, जिसे बंद कर दिया गया.
कोर्ट ने पूछा क्यों इतनी बड़ी संख्या में छात्राएं पढ़ाई छोड़ रही हैं? इस स्कूल में पर्याप्त संख्या में शिक्षक भी नहीं है. इस कारण छात्राओं की पढ़ाई बुरी तरह प्रभावित हुई है. कोर्ट ने जानना चाहा कि इतनी बड़ी तादाद में छात्राएं स्कूल जाना क्यों बंद कर दे रही है. पिछली सुनवाई में कोर्ट ने कहा था कि जब इस स्कूल के लिए केंद्र सरकार पूरा फंड देती है, तो सारा पैसा स्कूल को क्यों नहीं दिया जाता है. इस मामलें पर आगे की सुनवाई की जाएगी.

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